“You will be surprised to know that so much money was spent to convert Hindus into Christians “University – Jesus Darbar Connection”hu
“पैसे लेलो और ईसाई बन जाओ” ऐसी आरोप तो आरंभ से लग रहे हैं, किंतु ये तो बहुत बड़ा घाल मेल है।
सनातन 🚩समाचार🌎 (योगेश द्विवेदी) बताने की आवश्यकता नहीं है की बहुत सालों से देश के लगभग सभी प्रदेशों में हिंदुओं को लालच देकर पैसे का लालच देकर उन्हें स्थाई बनाया जा रहा है जिसके अक्सर आरोप भी लगते रहते हैं और साथ ही प्रमाण भी मिलते रहते हैं परंतु अब धर्मांतरण के इस गोरखधंधे का एक बड़ा के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसने विदेशों से आए पैसा प्राप्त करके बहुत सारे यीशु दरबार खोल दिए थे जिनके माध्यम से हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा था।
इस बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है योगी आदित्यनाथ जी के उत्तर प्रदेश में। प्रदेश के फतेहपुर जिले में ईसाई धर्मांतरण के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पता चला है की इस गिरोह को हिंदुओं के धर्मांतरण के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा बल्कि पाकिस्तान से भी पैसे भेजे गए हैं। पता चला है की इन पैसों से न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देश में कई स्थानों पर येशु दरबार खोले गए हैं। धर्मांतरण के इस गोरख धंधे का पता चलने पर पुलिस ने अपनी जांच में पाया है की अब तक 72 बैंक खातों में विदेशों से पैसे भेजे गए हैं।
पुलिस को ये भी पता चला है की इस नेटवर्क के तार प्रयागराज के नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने विदेशों से पैसे मँगाने वाले जिन 72 बैंक खातों की जानकारी अब तक जुटाई है। उनमें कनाडा के बिशप फिल की पत्नी डायना द्वारा लगभग 5 करोड़ रूपया हिंदुस्तान में भेजा गया है। इन पैसों से रायबरेली जिले में थिथियोलॉजी का एक संस्थान खोला गया है। बताया जा रहा है की इस संस्थान का काम देश में ईसाईयत का प्रचार-प्रसार करना था।
ये भी खुलासा हुआ है की इस गिरोह को पाकिस्तान के सियालकोट से भी किसी ने पैसे भेजे हैं। अब पुलिस इस मामले में टेरर फंडिंग के एंगल की भी जांच कर रही है। विदेशी पैसे मँगाने के लिए IDBI बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक के खातों का प्रयोग हुआ है। दरअसल, इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 15 अप्रैल, 2022 को फतेहपुर के हरिहरगंज इवेंजलिकल चर्च में जब हिंदुओं का भरी मात्रा में सामूहिक धर्मांतरण किया गया था। तब उस मामले में 56 लोगों पर FIR दर्ज हुई थी। बाद में इसकी जाँच उत्तर प्रदेश की ATS को सौंप दी गई थी।

ATS ने अपनी जाँच में पाया कि धर्मांतरण के खेल की कड़ियां प्रयागराज नैनी सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंस (शुआट्स) से जुड़ी हुई थीं। बता दें कि जाँच में यूनिवर्सिटी के बड़े अधिकारी शामिल पाए गए थे। ये जानकारियां मिलने के बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी के कुलपति जॉटी आलिवर, उप कुलपति आरबी लाल और मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद बी लाल सहित 4 लोगो को नोटिस जारी किया था।
जब इनसे पूछ ताछ की गई तो उनके बयान संदेहासपद लगने पर इन चारों को धर्मांतरण के इस केस में आरोपि बनाया गया। ATS ki कार्रवाई के चलते इसी यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर डॉ आईज़क फ्रेंक स्वतंत्र गवाह बन गए तथा उन्होंने पुलिस के सामने कई खुलासे किए। फ्रेंक ने पुलिस को बताया कि 5 साल पहले एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के निदेशक विलसन किसपोटा थे जिनके बैंक खाते में 24 करोड़ रुपए जमा थे।
इस पैसे को वाइस चांसलर के साथ सोसाइटी के डायरेक्टर रंजन जान और स्टीफन दास ने धोखाधड़ी करके हड़प लिया था। तब उस मामले की शिकायत पुलिस को की गई थी और फिर तीनों आरोपि 31 अक्टूबर, 2018 को जेल भी गए थे। स्वतंत्र गवाह बने डॉ आईज़क फ्रेंक ने पुलिस को यह भी बताया कि अमेरिका से आए 5 लाख डॉलर से लखनऊ, मिर्जापुर, बंगलूर, रुड़की, अजमेर और इटावा में ‘येशु दरबार’ खोले गए थे।
प्राप्त अन्य जानकारी के अनुसार ‘नैनी एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी’ के बोर्ड मेंबर डॉ आईज़क फ्रेंक ने इस केस की जाँच कर रहे इंस्पेक्टर अमित मिश्रा के पास अपने बयान दर्ज करवाए हैं। जिसमे उसने माना है कि यूनिवर्सिटी के कुलपति, उप कुलपति के साथ मैनेजिंग डॉयरेक्टर ने भी धर्मांतरण के लिए विदेशों से पैसे मँगवाए हैं।
पुलिस जांच में ये जानकारी यह भी सामने आई है कि प्रयागराज की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में ही बड़े स्तर की चंगाई सभाएँ भी आयोजित करवाई जाती रहीं हैं।