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Hindus had started installing the statue of Saint Kanak Das Ji on their land but Muslims forcibly did this work.”

काश हिंदुओं को भी धर्मगुरुओं ने धर्म के लिए सर तन से जुदा करना सिखाया होता।

सनातन🚩समाचार🌎 हमेशा की तरह इस बार भी हिंदुओं की पवित्र मूर्ति के खिलाफ क्रूर कार्रवाई की गई है और ऐसा इस लिए बार बार होता है क्योंकि हिंदुओं को हिंदुओं के किसी भी धर्मगुरु ने सर तन से जुदा करने की शिक्षा नहीं दी है।

कुरुवा समुदाय के लोग उस समय हक्के बक्के रह गए जब वो सभी मिल कर अपने कुलदेवता संत श्री कनकदास जी की मूर्ति की स्थापना करने के लिए एक धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे। जब भक्तजन सुबह 4:00 बजे से ही मूर्ति स्थापना किए जाने वाले स्थान पर भजन कीर्तन कर रहे थे तभी 7:00 बजे लगभग 7:00 बजे बहुत सारे मुसलमान लोग वहां पर पहुंच गए।

तेलंगाना के गट्टू मंडल में हुई इस घटना को लेकर श्रद्धालुओं में भारी रोश है। दरअसल हिंदुओं ने वहां भक्त संत कनक हरिदास जी की प्रतिमा को स्थापित करना था, लेकिन मुस्लिमों ने उसे जबरन हटा दिया। भक्त संत कनक हरिदास जी की इस मूर्ति का 22 मई 2024 को अनावरण किया जाना था, किंतु मुस्लिमों के विरोध के कारण न सिर्फ मूर्ति को हटाना पड़ा, बल्कि हिंदुओं को इस आयोजन को ही रद्द करना पड़ा।

मीडिया सूत्रों के अनुसार हिंदुओं पे ये अत्याचार हुआ है जोगुलंबा गडवाल जिले के गट्टू मंडल में पड़ते गोरलाखंखोड्डी में। यहां पर रहने वाले कुरुवा समुदाय के लोग संत कनकदास जी को अपने कुलदेवता के रूप में पूजते हैं। बता दें कि भक्त संत कनकदास जी को थिमप्पा नायक के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म कर्नाटक के विजयनगर साम्राज्य में हुआ था। वो 16वीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन के संतों में से एक प्रमुख व्यक्ति थे।

उन्हें दक्षिण के कई राज्यों में पूजा जाता है। 22 मई 2024 की सुबह पूरा समुदाय घटना स्थल पर सुबह 4 बजे से ही पूजा-पाठ कर रहा था, तब सुबह 7 बजे के आसपास स्थानीय मुस्लिम वहां पर पहुँच गए और मूर्ति को हटानेवके लिए धक्का मुक्की करने लगे। धक्का मुक्की करते हुए पवित्र मूर्ति को मुसलमानों ने गिरा दिया और फिर संत कनकदास जी की प्रतिमा को मुस्लिमों ने जबरन वहाँ से हटा दिया। बता दें की जिस जगह पर संत कनकदास जी की मूर्ति स्थापित की जानी थी, वो जमीन निजी थी और हिंदुओं की ही है।

पता चला है की इस गाँव में 20-25 मुस्लिम परिवार रहते हैं, साथ ही 800 अन्य परिवार भी रहते हैं। घटना के बाद दुखी हुए स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि मूर्ति को एक निजी जमीन पर स्थापित किया गया था, जिसके सभी उचित दस्तावेज और स्वामित्व के कागजात मौजूद हैं। परंतु गाँव के कुछ मुस्लिम परिवारों ने इसका विरोध कर दिया। मुसलमानो का कहना है कि मूर्ति की वजह से रास्ते में रुकावट आएगी।

उधर हिंदुओं का कहना है कि मुस्लिमो के घरों के लिए जाने के लिए 2 तरफ से सड़क हैं, लेकिन वो हमे अपनी ही जमीन में मूर्ति नहीं लगाने दे रहे। बाद में मुस्लिमों ने ये कहा कि वो मूर्ति ही नहीं लगाने देंगे, क्योंकि उनके घर पास में ही हैं। पीड़ित हिंदुओं का आरोप है कि तेलंगाना की कॉन्ग्रेस सरकार और पुलिस आरोपियों का ही साथ दे रही है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इस मामले में हिंदुओं द्वारा मोहम्मद, मबूसाब, इमाम, रंजू और नवाब के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है।

इस मामले के बारे तेलंगाना विहिप के संयुक्त सचिव डॉ शशिधर ने मुसलमानो के इस काम की निंदा की है। उन्होंने कहा, ‘गोरलाखंखोड्डी में जो मुस्लिमों ने किया, वो बेहद गलत है। तेलंगाना पुलिस को उन्हें शीघ्र गिरफ्तार करना चाहिए।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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