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“Maharana Pratap ji Veer Shiromani. You must know about them.”

महान हिन्दू योद्धा महाराणा प्रताप जी के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-

सनातन🚩समाचार🌎 सत्य सनातन धर्म की जय हो, सनातन के मानने वालों की जय हो।

1… महाराणा प्रताप जी एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।

2…. जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहा था । तब उसने अपनी माँ से पूछा कि- हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना, जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ।”

लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था |

“बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘ किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं |

3…. महाराणा प्रताप जी के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था|

कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।

4…. आज भी महाराणा प्रताप जी की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं |

5…. अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है, तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे, पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी|

लेकिन महाराणा प्रताप जी ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया |

6…. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |

7…. महाराणा प्रताप जी के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है, जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है |

8…. महाराणा प्रताप जी ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और उन्होंने दिन रात राणा जी कि फौज के लिए तलवारें बनाईं | इसी समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है| बार बार नमन करता ऐसे लोगो को |

9…. हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई।

आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था |

10….. महाराणा प्रताप जी को शस्त्रास्त्र की शिक्षा “श्री जैमल मेड़तिया जी” ने दी थी, जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 लोग मारे गए थे । जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुसलमान थे |

11…. महाराणा जी के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |

12…. मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में

अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था । वो महाराणा प्रताप जी को अपना बेटा मानते थे और राणा जी बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे ।

आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं, तो दूसरी तरफ भील |

13….. महाराणा प्रताप जी का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार कराने के बाद ही वीर गति को प्राप्त हुआ था। उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है, जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है |

14….. राणा जी का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके

मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी की सूंड लगाई जाती थी । यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे|

15….. प्राण त्यागने से पहले महाराणा प्रताप जी ने अपना खोया हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमते रहे थे।

16…. महाराणा प्रताप जी का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में।

महाराणा प्रताप जी के हाथी का विवरण:

मित्रो, आप सब ने महाराणा प्रताप जी के घोड़े चेतक के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन उनका एक हाथी भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको जानना चाहिए।

रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल- बदायुनी, जो मुसलमानो की ओर से हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था ने अपनी एक किताब में किया है।

वो लिखता है की- जब महाराणा प्रताप पर अकबर ने चढाई की थी, तब उसने दो चीजो को ही बंदी बनाने की मांग की थी । एक तो खुद महाराणा और दूसरा उनका हाथी रामप्रसाद।

आगे अल बदायुनी लिखता है की- वो हाथी इतना समझदार व ताकतवर था की उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही अकबर के 13 हाथियों को मार गिराया था। उस हाथी को पकड़ने के लिए हमने 7 बड़े हाथियों का एक चक्रव्यूह बनाया और उन पर 14 महावतो को बिठाया, तब कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये।

अब सुनिए एक भारतीय जानवर की स्वामी भक्ति।

उस हाथी को अकबर के समक्ष पेश किया गया तब अकबर ने उसका नाम पीरप्रसाद रखा। रामप्रसाद को मोमिनो ने गन्ने और पानी दिया। पर उस स्वामिभक्त हाथी ने 18 दिन तक मुसलमानो का न तो दाना खाया और न ही पानी पिया और वो बलिदान हो गया।

तब अकबर ने कहा था कि- जिसके हाथी को मैं अपने सामने नहीं झुका पाया, उस महाराणा प्रताप को क्या झुका पाउँगा ?

🚩इसलिए मित्रो हमेशा अपने हिन्दू होने पे गर्व करो।🚩पढ़कर सीना चौड़ा हुआ हो तो शेयर कर देना।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

2 thoughts on “महाराणा प्रताप जी वीर शिरोमणि। उनके बारे में आपको पता होना ही चाहिए …..”
  1. Very inspiring of story of Sri Maharana Pratap Ji, I am sharing this story to my kids & young generation. Since in their text books this is not taught to them in history books. Keep sharing hindu’s shoor veer story.

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