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“Pfizer owns the sex power from Viagra – High Court.”
कई लोग हैं वियाग्रा के फैन, रेनोविजन को देना पड़ेगा जुर्माना।
सनातन🚩समाचार🌎सही खान पान और मानसिक तनाव के चलते वर्तमान में बहुत सारे पुरुष सेक्स के प्रति आस्वाद का शिकार हो चुके हैं जिस कारण अब कई मर्द वियाग्रा की ओर झुक रहे हैं। इस सबके बीच वियाग्रा के मालिकाना हक को लेकर फाइजर और रेनोविजन के बीच कानूनी जंग शुरू हो गई।
मामला पहुंचा अदालत में जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय में कहा है कि अमेरिकी फार्मा कम्पनी फाइजर को ही ‘वियाग्रा’ नाम से अपने उत्पाद बेचने का अधिकार है। हाई कोर्ट ने इस बारे में निर्णय दिया है कि कोई भी अन्य कम्पनी इससे मिलते जुलते नाम से उत्पाद नहीं बेच सकती।
प्राप्त हुई जानकारियों के अनुसार, फाईजर ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी जिसमे कहा गया था कि एक अन्य कम्पनी रेनोविज़न भी बाजार में वियाग्रा से मिलते जुलते नाम से अपने उत्पाद बेच रही है। फाइजर ने उसकी बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। बता दें की फाइजर ने रेनोविजन के ‘विगोरा’ नाम से बेचे जाने वाले उत्पादों के खिलाफ यह याचिका दायर की थी।
रेनोविजन ने इस बारे में कहा कि विगोरा के नाम से बिकने वाले उसके उत्पाद वियाग्रा से काफी अलग हैं तथा उनके बनाए जाने और उनके प्रभाव करने की विधि भी भिन्न है। रेनोविजन ने अदालत में दावा किया कि जहाँ फाइजर का वियाग्रा उत्पाद पुरुषों के लिए शक्तिवर्धक औषिधि है तो वहीं उनका विगोरा उत्पाद होम्योपैथिक है साथ ही ये महिलाओं की मासिक धर्म से सम्बन्धित समस्याओं को दरुस्त करने के लिए है। कम्पनी ने विगोरा 1000, विगोरा 2000 और विगोरा 5000 के नाम से बेचे जाने वाले उत्पादों को फाइजर के उत्पादों से पूरी तरह अलग बताया है।
इस केस की सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि फाइजर के वियाग्रा नाम से उत्पाद बेचने से पहले यह नाम कहीं और नहीं था और ना ही इसका कोई शाब्दिक अर्थ होता है। इसके अलावा उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य भी इसी बात की गवाही देते हैं। कोर्ट ने ये भी कहा है कि फाइजर ने भारत में भी इस नाम का पंजीकरण करवाया है, जो कि उन्हें यह नाम उपयोग करने का एकल अधिकार देता है। हाई कोर्ट ने रेनोविजन की सारी दलीलें भी इस मामले में खारिज कर दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने फाइजर की सभी दलीलों को सही मानते हुए निर्णय दिया है कि रेनोविजन के उत्पादों के नाम फाइजर के उत्पादों से मिलते जुलते हैं। हाई कोर्ट ने इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने इसको लेकर रेनोविजन कम्पनी को फाइजर को 3 लाख रुपए देने का आदेश भी दिया है।
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