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“Illegal mausoleum becomes a problem in the dam land, people suffering from skin diseases should know the reason for this.”
इस्लाम में मजार कुफ्र है और सनातन में मजार का कोई स्थान है ही नहीं।
सनातन🚩समाचार🌎देश में जगह-जगह पर लगातार उग रही अवैध मजारों का सिलसिला निरंतर जारी है। किंतु न जाने क्यों कहीं पर भी प्रशासन के द्वारा इन हो रहे अवैध अतिक्रमणों को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहे हैं। जिस कारण लगता है कि अब हिंदुस्तान बहुत जल्दी ही मंदिरों की बजाए मजारों का देश बनाने वाला है।
कई बार तो ऐसी ऐसी जगह पर मजारें बना दी जाती है की जिनके बारे में सुनकर अथवा देखकर बेहद आश्चर्य होता है और हंसी भी आती है। दरअसल मजार वह होती है जहां पर जमीन के नीचे कोई मुर्दा दबा हुआ हो उसके ऊपर ईंट मिट्टी आदि से मजार बना दी जाती है। यहां बेहद चौंकाने वाली बात यह है अवैध मजारों की दौड़ में कहीं छतों पर मजारे बनाई जा रही हैं कहीं पुलों पर मजारे बनाई जा रहे हैं कहीं पानी के बीचों बीच मजार बनाई जा रही है तो कहीं रेल लाइनों के बीच में मजारे बनाई जा रही हैं।
अब इसी तरह की एक और मजार सामने आई है जो की बांध की जमीन पर अवैध कब्जा करके बना दी गई है। यह अवैध मजार बनी है गुजरात के जामनगर में, यहां के रणजीत सागर बांध में इस्लामिक दिखने वाली अवैध मजार बना दी गई है जबकि यह एक सच्चाई है कि इस्लाम में मजार को पूरी तरह से नकारा गया है। यहां आश्चर्य की बात यह है की प्रशासन द्वारा 2022 में अवैध कब्जा हटाने का लिखित आदेश जारी होने के बाद भी इस अवैध कब्जे को नहीं हटाया है और मजार वैसी की वैसी बनी हुई है।
अब इस मजार से जुड़ी हुई एक बड़ी समस्या से लोग परेशान हो रहे हैं। बता दें कि जामनगर जिले के हर्षदपुर और नवा मोखाना गांव के बीच रणजीत सागर के अंदर एक दरगाह बनी हुई है, जिसका नाम हजरत पंजू पीर दरगाह शरीफ रखा गया है। कानून के हिसाब से सार्वजनिक जल स्रोतों पर निजी निर्माण करना अपराध है। किंतु यहां पर बांध की सरकारी जमीन पर कब्जा करके अवैध ढांचे से 10 से 15000 वर्ग फुट क्षेत्र को घेर कर एक दरगाह बना दी गई है।
इसके बारे में जब प्रशासन ने सर्वे किया तो प्रमाणित हुआ है कि यह दरगाह सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाई गई है। इसके बाद सन 2022 में माल तदार ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले कासिम हसन के खिलाफ अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी कर दिया था। इस आदेश में कहा गया था कि यदि कब्जा करने वाला कासिम हसन इस अवैध परिसर को नहीं हटाता है तो राजस्व संहिता की धारा 2022 के अंतर्गत उसे नोटिस जारी किया जाए और फिर अवैध कब्जा हटाने का खर्च भी उसी से वसूला जाए।
दरअसल प्रशासन के द्वारा यह सारी कार्रवाई तब की गई जब लोगों में इस अवैध कब्जे के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। हिंदू संगठनों का इस बारे में आरोप है कि प्रशासन के निगरानी में होने के कारण यह अवैध कब्जा नहीं हटाया जा रहा है। लोगों का अक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा है की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस अवैध कब्जे को हटाने को लेकर विफल हो चुके प्रशासन को जगाने के लिए बाकायदा एक संघर्ष समिति बनाई गई है।
इस समिति के कार्य करता योगराज सोलंकी के अनुसार बांध के पीछे एक विशाल अवैध दरगाह बना दी गई है, इसमें 31- 31 फिट की तीन दरगाहे हैं और एक नई बनी दरगाह भी इतनी ही लंबाई में बनाई गई है। संघर्ष समिति के युगराज के अनुसार जामनगर रंजित सागर बांध में यह दरगाह पिछले लगभग 30 वर्षों में बनाई गई है। मानसून के दौरान जब बांध के इस क्षेत्र में पानी भर जाता है तब यह मजारे डूब जाती हैं साथ ही अब जामनगर में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बांध को सोनी योजना द्वारा भरा जा रहा है।
इसलिए यह जगह साल में 6 महीने तक पानी में डूबी रहती है। युवराज ने इस अवैध मजार से लोगों को होने वाली समस्या के बारे में बताया है कि इस अवैध दरगाह में भारी मात्रा में इत्र का प्रयोग किया जाता है। जब पानी नहीं होता है तो यहां पर बड़ी मात्रा में इत्र चढ़ाया जाता है और जब यहां पानी आ जाता है तब वह इत्र और उसकी खुशबू पानी में मिल जाती है जिसके चलते लोगों का जीना दुभर हो रहा है, क्योंकि जब वह इस पानी का प्रयोग करते हैं तो उन्हें चर्म रोग हो जाते हैं।
इस मजार में प्रयोग किए जाने वाले इत्र इतने हानिकारक हैं कि जब स्थानीय लोग इस पानी का प्रयोग करते हैं तो इत्र का केमिकल उनके मुंह और हाथों पर चिपक जाता है जिससे लोग चर्म रोगों से पीड़ित हो रहे हैं। इस पानी का प्रयोग लोग पीने के लिए नहीं कर पा रहे हैं। जिस कारण इस क्षेत्र में भारी समस्या बनी हुई है। बता दें कि कि यहां पर आसपास के सभी गांव में हिंदू ही रहते हैं फिर भी बांध की जमीन में अवैध कब्जा करके वहां पर मजार बना दी गई है।
संघर्ष समिति के युवराज का कहना है कि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाली और कानून तोड़कर अवैध कब्जा करके बनाई गई इस मजार को अविलंब हटाया जाना चाहिए।
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