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“Wherever there is investigation or excavation, a temple emerges from below, now “Bhojshala”
यहां भी मिले पाषाण पर भगवान सूर्य के आठों पहर के चिन्ह मिले हैं और हमेशा की तरह मुसलमान यहां भी विरोध में हैं।
सनातन🚩समाचार🌎 ये बहुत सुखद बात है या दुखद बात है की सारे देश में जहां जहां भी हिंदू कहते थे की यहां हमारा मंदिर था वहीं पर जब अदालत के आदेश से जांच या खुदाई हो रही है वहीं पर मंदिरों के अवशेष निकल रहे हैं।
दुनियां जानती है की मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला विवाद बहुत पुराना है। हिंदू भोजशाला को आरंभ से ही माता सरस्वती का मंदिर मानते हैं। जहाँ देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक आज भी लिखे हुए हैं। बताया जाता है की सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहाँ मजार बना दी थी जिसके बाद वहां पर मुस्लिमों का आना जाना शुरू हो गया और तभी से आज तक यहां पर नमाज पढ़ी जाती है।
अब कुछ वर्ष पहले हिंदुओं द्वारा जब अदालत का दरवाजा खटखटाया तो मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित विवादित भोजशाला में ASI सर्वे को लेकर 11 मार्च, 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने इस बारे में 6 हफ़्तों में रिपोर्ट दाखिल करने की बात कही थी। इसमें कोर्ट ने आधुनिक तकनीक से यहाँ की सच्चाई पता लगाने को कहा था। बता दें की भोजशाला के बाहर लगे बोर्ड में सूचना के तौर पर साफ तौर पर लिखा है कि मंगलवार सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदुओं को वहाँ प्रवेश कर पाएंगे और शुक्रवार दोपहर 2 बजे से लेकर तक 3 बजे तक नमाजि वहां परवेश कर सकते हैं।
बाकी बचे दिनों ने कोई भी इस जगह को देखने के लिए जा सकता है। हिंदुओं के लिए ये खुशखबरी है की भोजशाला में ASI सर्वे में पाषाण अवशेष मिला है। इस पर भगवान सूर्य देव के आठों पहर के चिन्ह: बने हुए हैं। ASI सर्वे के 65वें दिन ASI टीम को ये हिंदुओं के अवशेष मिले हैं। हमेशा की तरह भोजशाला में चल रहे इस सर्वे का भी मुस्लिमों ने एक बार फिर से हाई कोर्ट के निर्णय का भी विरोध किया है।
अदालत के आदेश के बारे में हिन्दू पक्ष का कहना है कि कोर्ट के आदेश में केवल यह कहा गया है कि संरचना में कोई बदलाव ना हो, ऐसे सर्वे किया जाए। ASI सर्वे के लिए कोई भी तरीका अपना सकती है। हिन्दू पक्ष ने मुस्लिमों पर कोर्ट के निर्णय की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है। मीडिया सूत्रों कि माने तो भोजशाला में चल रहे सर्वे में एक पाषाण अवशेष मिला है, जिसमें सूर्य देव के आठों पहर के चिन्ह बने होने की बात कही गई है।
यह पाषाण 1×3.5 वर्ग फीट आकार का है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि इस अवशेष पर मिले चिन्ह भोजशाला के खम्भों पर मिले चिन्हों से मिलते हैं। इससे पहले यहाँ सर्वे में एक स्तम्भ भी मिला था। भोजशाला में सर्वे के लिए अब जमीन के नीचे क्या है, इसका पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस यंत्र को हैदराबाद से लाया गया है। इसके जरिए मंदिर को अलग अलग ब्लॉक्स में बाँट कर सर्वे किया जा रहा है।
जहाँ एक ओर सर्वे आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समाज हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद इसका विरोध कर रहा है। मुस्लिमों ने ASI सर्वे का विरोध काली पट्टी बाँध कर किया। उन्होंने नमाज पढ़ने के दौरान काली पट्टी बाँधी। उन्होंने आरोप लगाया कि ASI यहाँ खुदाई कर रही है, जिसकी अनुमति नहीं है।
बहरहाल हिंदू पक्ष द्वारा ये आशा जताई जा रही है की शीघ्र ही भोजशाला/मां सरस्वती जी का मंदिर भी अदालत के आदेश से उन्हें मिल जायेगा।
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