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“St. Mary’s School cut off the hair of the child, why did he apply tilak? will delete the name.”

हर रोज अपने धर्म का अपमान होता देख कर भी हिंदू अपने बच्चों को ईसाई स्कूलों में भेजते हैं पता नहीं क्यों ?1

सनातन🚩समाचार🌎 यह कोई नया और पहला मामला नहीं है जब किसी मिशनरी स्कूल में सनातन धर्म का अपमान किया गया हो। जग जाहिर है कि ईसाई मत वाले स्कूलों में हिंदुओं के किसी भी धार्मिक चिन्ह को स्वीकार नहीं किया जाता है, और साथ ही अपमान भी किया जाता है। ईसाई स्कूलों में सनातन धर्म के अपमान की खबरें हर रोज सामने आती ही रहती हैं परंतु फिर भी न जाने क्या सोचकर हिंदू अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते रहते हैं। 

पहले तो चूड़ियां उतारने की बिंदी मिटाने की कलवा काटने की तिलक मिटाने की खबरें आती रहती थी, किंतु इस बार तो सभी हदें पार करते हुए एक नाबालिग हिंदू बच्चों की शिखा को ही ईसाई मत वाले स्कूल में कैंची से काट दिया गया है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि सनातन धर्म में शिखा/चोटी का बहुत अधिक महत्व है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो शिखा सनातन धर्म का प्रतीक है।

सनातन धर्म के इस प्रतीक का घोर अपमान किया गया है उत्तर प्रदेश के बलिया में। यहां के एक निजी स्कूलों में एक हिंदू छात्र की शिखा काट देने का मामला सामने आया है। बताया गया है कि छात्र के द्वारा मस्तक पर तिलक लगाने पर भी आपत्ति जताई गई है। धर्म के अपमान की ये घटना घटी है बलिया के एक मिशनरी स्कूल में। जिसका नाम सेंट मैरि है तथा यह स्कूल रसड़ा थाना क्षेत्र में स्थित है। यह स्कूल ईसाई मिशनरियों के द्वारा संचालित किया जाता है।

पता चला है की विवेकानंद सिंह नाम के एक व्यक्ति का बेटा प्रभाकर इस स्कूल में कक्षा 4 में पड़ता है। सनातन धर्म की मर्यादा के अनुसार इस बच्चे ने अपने सिर पर शिखा धारण की हुई है तथा उसकी माता अपने बेटे के मस्तक पर हर रोज तिलक लगाकर उसे स्कूल में भेजती है। 2 मई 2024 को जब छोटा बच्चा प्रभाकर स्कूल गया तो जब क्लास में उसका टीचर बच्चों की हाजिरी ले रहा था, तब वह प्रभाकर सिंह की शिखा/चोटी देखकर गुस्से में आ गया।

इस बारे में बच्चे के पिता विवेकानंद का कहना है कि क्लास टीचर ने उसके बच्चे को चोटी रखने पर डांटा। उसने कहा चुटिया बढ़कर आए हो यहां पर ? चुटिया बना कर टीका लगाकर यहां आना सख्त बना है। विवेकानंद ने आरोप लगाया है कि इसके बाद क्लास टीचर ने कैंची से उसके बेटे प्रभाकर की शिखा/चोटी काट दी। इस घटना के विरोध में जब अगले दिन बच्चों की मां शिकायत करने के लिए स्कूल पहुंची तो क्लास टीचर ने बच्चे की मां को बुरा भला कहा और साथ ही प्रिंसिपल ने भी उसके साथ अभद्रता की।

अपने धर्म के इस घोर अपमान से आहत होकर छात्र के पिता विवेकानंद में ने 2 मई 2024 को पुलिस के पास जाकर अपने धर्म के अपमान किए जाने की शिकायत दर्ज करवा दी। बता दें कि इस स्कूल की प्रिंसिपल का नाम सिस्टर मर्सी दास है। पुलिस को दी गई शिकायत में छात्र के पिता ने आशंका जताई है कि इस स्कूल के अंदर धर्म परिवर्तन जैसी साजिशें रची जा रही हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है की प्रिंसिपल और क्लास टीचर द्वारा सोमवार को उसके बच्चे को स्कूल आने पर उसे देख लेने की भी धमकी दी गई थी।

छात्र के पिता  विवेकानंद ने सेंट मैरी स्कूल में सनातन धर्म के अपमान का आरोप लगाया है। उन्होंने यहां छात्रों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की भी आशंका जताई है। 4 मई 2024 को पुलिस ने इस प्रकरण पर स्कूल की प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। इन दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 504 और 295-A अंतर्गत अब कार्रवाई की जा रही है तथा साथ ही बलिया  पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद मिले प्रमाणों के अनुसार आगे की बनती कार्रवाई की जाएगी।

यहां बार-बार बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि जब हिंदू जानते हैं कि इन स्कूलों में उनका धर्म सुरक्षित नहीं है तो फिर आखिर क्यों वह अपने बच्चों को तथा अपने धर्म को अपमानित करने के लिए जानबूझकर इन स्कूलों में क्यों भेजते हैं ?

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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