“What is this in Sri Haridwar? If you donate there too, then it is for you only. Somewhere you inadvertently.“
आप केवल श्री गंगा स्नान ही करते हैं या अपने आस पास भी कुछ देखते हैं ?
सनातन🚩समाचार🌎दुनियां के किसी भी कोने में रहने वाला हिंदू अपने जीवन में बार बार या कम से कम एक बार तो अवश्य ही श्री हरिद्वार जा कर “हर की पौड़ी” पर अवश्य ही पवित्र स्नान करना चाहता है। आशा है आप भी अवश्य गए होंगे और आपने शायद ध्यान नहीं दिया होगा की वहां आपके आस पास क्या हो रहा है ? क्योंकि जब भी आप या कोई भी हिंदू वहां जाता है तो मन में केवल और केवल श्रद्धा ही रहती है, और श्रद्धा के वशीभूत होने के कारण हमे वहां सब कुछ सही ही दिखाई देता है। श्री हरिद्वार पहुंचा प्रत्येक व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार वहां कुछ ना कुछ दान भी अवश्य करता है, परंतु दान की पवित्र भावना के चलते हम अक्सर ऐसे लोगों को भी भीख दे देते हैं जो इस योग्य होते ही नहीं हैं।
अगर आप ध्यान देंगे तो आपको अपने आस पास ऐसे बहुत सारे बच्चे बच्चियां भी मिल जायेंगे जो आपसे लगातार भीख मांगते रहते हैं। और ध्यान देने पर पता चलता है की उनमें से कई बच्चे नशे में होते हैं और साथ ही कई वयस्क भी नशे में मिलते हैं। और कई मांगने वाले नशेड़ी तो इस पवित्र स्थान पर ना खाने योग्य चीजों का भी भक्षण करते हैं। पता चला है कि यहां पर भीख मांगने वाले छोटे और बड़े भिखारी आमतौर पर सुलोचन नाम के एक नशे का प्रयोग करते हैं। सुलोचन वह वस्तु है जो साइकिल मोटरसाइकिल में पंचर लगाते समय एक लोशन के रूप में प्रयुक्त होती है। इसको यह लोग कपड़े पर लगा कर उसे सूंघते हैं, जिससे यह नशे में आ जाते हैं। सुलोचन नाम की यूट्यूब बाजार में आसानी से उपलब्ध है क्योंकि इसका प्रयोग वाहनों की ट्यूब में पंचर लगाने में होता है।
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि नशे में धुत यह भीख मांगने वाले बच्चे और व्यस्क यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की जेब भी साफ कर देते हैं। परंतु श्री हरिद्वार में पहुंचने वाले लोगों में धर्म की प्रधानता होती हैं इसलिए तीर्थयात्री इन पर ध्यान भी नहीं देते हैं या देख कर अनदेखा कर देते हैं, जिस कारण स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाता है। और तो और कई बार यह भी देखने में आता है कि यहां पर कई भिखारी हिंदुओं के आराध्य देवों के स्वांग बनाकर भीख मांगते हुए घूमते हैं, और इनमें से कई लोग मुसलमान भी होते हैं जो राम राम बोलते हुए भीख मांगते हैं और श्रद्धालुओं को उल्लू बनाते हैं।
निश्चित ही सनातन धर्म में दान का बहुत महत्व है और विशेषकर तीर्थ स्थानों पर जाकर तो दान अवश्य ही करना चाहिए, परंतु यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि हम जिसे भीख या दान दे रहे हैं वह इस योग्य है भी या नहीं ? क्योंकि जब हम इस ओर ध्यान नहीं देते हैं तो कहीं ना कहीं इस बेहद पवित्र स्थान की मर्यादा भंग करने का अपराध भी हम अनजाने में अपने सर ले लेते हैं।
🚩जय गंगा मैया, जय श्री हरिद्वार, जय गंगा मैया🙏
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