अवैध बता कर प्राचीन मंदिर ध्वस्त करना तो आम बात है हिंदुस्थान में।
सनातन🚩समाचार🌎 हिंदुस्तान में जहां मंदिरों को अवैध बता कर तोड़ा जाना अब आम हो चला है वही पर सारे देश में जगह-जगह पर अवैध मजारों के निर्माण धडल्ले से हर रोज हो रहे हैं, जिन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। और यह भी एक तथ्य है कि कुछ समय के बाद इन मजारों को मस्जिदों में तब्दील कर लिया जाता है।
परंतु इस कड़ी में बहुत चौंकाने वाली यह घटना सामने आई है कि 1 व्यस्त रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ही मस्जिद बना दी गई है, और बकायदा उसमें नमाज अदा की जा रही है तथा साथ ही सारी व्यवस्था भी पूरी तरह की जा चुकी हैं। यह हुआ है बंगलुरु में यहां पर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर बने हुए विश्राम घर को मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार यहां पर बनाई गई मस्जिद में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा यहां पर बाकायदा नमाज भी पढ़ी जा रही है। यह स्थान पहले कुलीयों के विश्राम के लिए बनाया गया विश्राम घर था जिसको धीरे-धीरे करके मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है।
पहले यह पर सभी लोग आते थे परंतु जब से इस विश्राम घर पर मस्जिद बनाकर इस पर कब्जा कर लिया गया तब से यहां पर गैर मुस्लिम आना बंद हो गए।
दरअसल पिछले दिनों किसी ने इस स्टेशन के प्लेटफार्म और उस पर बनी हुई मस्जिद की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाल दी जिससे इसका पता सारी दुनियां को चल गया। वीडियो के वायरल होने के बाद हिंदू जनजागृति के कार्यकर्ता इस प्लेटफार्म पर पहुंच गए तथा मस्जिद के अंदर भी गए इस बीच उन्हें वहां की पुलिस के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
बता दें कि ईस मस्जिद का नाम भी रखा गया है जो है मस्जिद ए नूरानी। हिंदू जनजागृति लोगों ने इस प्लेट फॉर्म पर और वहां बनी हुई मस्जिद में जाने के बाद स्टेशन के अधिकारियों से इस बारे में आपत्ति जताई की सार्वजनिक और रेलवे पुलिस की संपत्ति के उपर आखिर किस तरह कोई धार्मिक स्थान बनाया जा सकता है ? परंतु उनके स्वालों का रेलवे के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। बल्कि एक बड़े अधिकारी का तो ये उत्तर था की उन्हें इस बारे में पता ही नहीं था। परंतु अब जांच करके उचित कार्रवाई की जायेगी।
तब इसके बाद हिंदू जन जागृति और क्रांतिवीर सगोल्ली के द्वारा रेलवे के अधिकारियों को एक लिखित शिकायत दी गई है अपने शिकायत पत्र में हिंदू जनजागृति समिति ने कहा है की रेलवे की संपत्ति पर बनी इस अवैध मस्जिद के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए। पत्र में संगठन के लोगों ने इस तरह अवैध मस्जिद बनाए जाने की निंदा की है। साथ ही साथ इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा है। पत्र में लिखा है की बेंगलुरु केएसआर रेलवे स्टेशन राज्य का एक खास स्टेशन है। इसके ईर्द-गिर्द कई मस्जिद हैं। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर मस्जिद और नमाज के लिए अनुमति देना कोई साजिश लगती है।
इस पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि पिछले कुछ समय में बेंगलुरु आतंकी गतिविधियों का गढ़ बना हुआ है। NIA ने 2018 में यहाँ से बंगाल के आदिल असदुल्लाह को पकड़ा था। 2019 में मो अकरम नाम का आतंकी पकड़ा गया था। इसके अलावा बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन के एक आतंकी को भी बेंगलुरु की ही एक मस्जिद से पकड़ा गया था।
ऐसे में यह प्रश्न उठना तो स्वाभाविक ही है कि जब प्राचीन मंदिर भी अवैध बताकर तोड़ दिए जाते हैं तो सरकारी संपत्ति वह भी व्यस्त रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर आखिर मस्जिद बना देने की अनुमति कैसे दे दी जाती है या इस ओर से आंखें क्यों मूंद ली जाती हैं ?
The mosque has become the restroom of the railway station, there is a namaz, the officials do not even know that Hindu public awareness did this work
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