“The judge of the Supreme Court thinks that Nupur Sharma is responsible for what happened in Udaipur (Kanhaiya), the judge of the Supreme Court does not read Hindi newspapers, the customer came killed Kanhaiya. The law is bad and.”

निचली कोर्ट को निर्णय देती है उसे ऊपरी अदालत बदल देती है, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार।

आखिर ये कब तक होगा ???

सनातन 🚩समाचार🌎 एक तरफ जहां सारी दुनिया का हिंदू समाज उदयपुर में हुए कन्हैया कुमार के कत्ल से हक्का-बक्का है, वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के जज साहब को लगता है कि जो उदयपुर में कन्हैया कुमार का कत्ल हुआ है अथवा जो सारे देश में स्थितियां बनी हुई है उसके लिए नूपुर शर्मा ही जिम्मेदार है। इसलिए नूपुर शर्मा को सारे देश से पब्लिकली माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने क्यों बोला यह तो जज साहब जाने। उन्होंने सही बोला या गलत बोला ? वह सुप्रीम कोर्ट जज साहब है तो सही ही बोला होगा। उन्होंने सही बोला या गलत बोला यह तो आप भी तय कर सकते हैं। लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना होगा की क्या कारण है एक कानून मुख्यमंत्री को शक्ति देता है कि आतंकवादियों के कानून वापस लेले।

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट अपनी अलग व्याख्या करता है

आपको को याद होगा कि ऐसा उत्तर प्रदेश के अखिलेश यादव ने किया था। एक कानून की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट अलग व्याख्या करता है, हाई कोर्ट अलग व्याख्या करता है और सुप्रीम कोर्ट अलग व्याख्या करता है। अगर कानून बिल्कुल क्लियर हो अच्छी तरह से डिफाइन हो तब तो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक होना चाहिए। परंतु ऐसा होता नहीं है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट अपनी अलग व्याख्या करता है, हाई कोर्ट अलग व्याख्या करता है और सुप्रीम कोर्ट अलग व्याख्या करता है। कानून एक है फिर तो सभी जगह व्याख्या भी एक होनी चाहिए और अगर व्याख्या एक नहीं है तो या तो जज साहब की योग्यता में कमी है या फिर कानून ही इतना घटिया है कि जिसका जो मन करता है वह वैसी व्याख्या कर लेता है।

किस कानून को यूज़ करके जज साहब ने यह बोला ?

जो उदयपुर में हुआ है वास्तव में इसका संबंध कानून से ही है।सुप्रीम कोर्ट की खुद की जजमेंट है कि अगर सारे देश में विभिन्न स्थानों पर एक ही विषय में कई एफ आई आर हो रही हो तो उन्हें एक स्थान पर क्लब किया जा सकता है। ऐसा कोई केसों में हो भी चुका है। परंतु नूपुर शर्मा के केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह जो उदयपुर में हुआ है अथवा सारे देश में जो तनाव का वातावरण है उसके लिए नूपुर शर्मा जिम्मेदार है। कानून में तो ऐसा कहीं नहीं लिखा हुआ है। किस कानून को यूज़ करके जज साहब ने यह बोला ? किस इन्वेस्टिगेशन के बाद कोर्ट को यह समझ में आया ? जबकि सुप्रीम कोर्ट में तो पहली बार सुनवाई हुई थी। अब या तो सुप्रीम कोर्ट एक दो जगह की एफ आई आर या जो एनआईए जांच कर रही है उसकी इनपुट मंगवा लेती, उसकी स्टेटस रिपोर्ट मंगवा लेती फिर सुप्रीम कोर्ट यह निर्णय कर लेती की देश में जो भी कुछ हुआ है उसके लिए नूपुर शर्मा जिम्मेदार है।

सुप्रीम कोर्ट के जज हिंदी खबर पढ़ते नहीं हैं

परंतु एनआईए की रिपोर्ट मंगवाई नहीं, राजस्थान सरकार से पूछा नहीं और ना ही केंद्र सरकार से पूछा। इसका मतलब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जो अपना माइंड मेकअप किया है वह अखबार पढ़ने के बाद किया है। सुप्रीम कोर्ट के जज हिंदी खबर पढ़ते नहीं हैं, हिंदी न्यूज़ चैनल देखते नहीं है। सामान्यता वह इंग्लिश अखबार पढ़ते हैं और वही वाला खबर पढ़ते हैं जिसने 2 दिन पहले लिखा था कि कस्टमर दुकान में आया और दुकानदार का कत्ल कर दिया। उस खबर को यह बताने में भी शर्म आ रही थी कि वह कस्टमर कौन था ? उसने मर्डर क्यों किया ? उसका मोटिफ क्या था ? और वही अखबार सभी उच्च वर्ग के लोग पढ़ते हैं। इस सारी चर्चा के साथ जो वीडियो दी गई है उसमें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय जी और भी बहुत सारी बातें बता रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के जज साहब को नूपुर शर्मा दोषी लगती है

यह वह बातें हैं जो एक कानून के जानकार के द्वारा कही जा रही हैं। यहां जो भी बताया गया है वह सनातन समाचार का विषय है ही नहीं। जिस का विषय है उसी ने सब कुछ बोला है, और यहां आपको इसलिए बताया गया है ताकि आखिर आपको पता तो चले कि अपने देश का कानून कैसा है और यह किस तरह काम करता है ? सुप्रीम कोर्ट के जज साहब को नूपुर शर्मा दोषी लगती है और नूपुर शर्मा कहती हैं कि मैंने वही कहा है जो उनकी किताब में लिखा हुआ है। आपको बता दें कि यही सब कुछ कमलेश तिवारी जी के साथ भी हुआ था। उनको भी ऐसे ही एक आरोप में जेल जाना पड़ा था परंतु अदालत में सिद्ध हो गया कि उन्होंने वही बोला था जो उनकी किताब में लिखा हुआ था।

https://youtu.be/AI4bTdXejwc
देखने वाली वीडियो

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या नूपुर शर्मा के केस में भी वैसा ही निर्णय आएगा जैसा कमलेश तिवारी जी के केस में आया था ? क्या अदालत में यह प्रमाणित हो जाएगा कि जो नूपुर शर्मा ने बोला है वह सही है ?

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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