RSS is kind, they want to take life, fatwa issued to kill.”

सबका DNA एक है – क्या याद है आपको ?

सनातन🚩समाचार🌎यह सर्वविदित सत्य हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्माण हिंदू और हिंदुत्व को बचाने के लिए किया गया था। यह भी एक सत्य है कि इस संगठन को खड़ा करने में अनेकों लोगों ने अपने जीवन समर्पित कर दिए, असंख्य लोगों ने आर एस एस के लिए बलिदान दिए हैं, बहुत ज्यादा प्रयासों के बाद अब यह प्रमाणिक है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा करने के सिद्धांतों के आधार पर आरंभ किया गया यह संगठन आज कहां पर पहुंच गया है इसको लेकर आर एस एस से जुड़े हुए लोगों में एक बेचैनी महसूस की जा रही है। भले ही शीर्ष नेतृत्व इसका खंडन करे परंतु यह सत्य है कि आज कार्यकर्ता बहुत हतोत्साहित हैं।

पवित्र नदी सरयू जी

आर एस एस के एक आयाम राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के द्वारा समय-समय पर जो जो घोषणाएं और गतिविधियां होती रहती हैं उससे अक्सर आम हिंदू और संघ से जुड़े हुए लोग भी कई बार चिंतित हो जाते हैं। एक और जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शीर्ष नेतृत्व अपने से जुड़े हुए हिंदुओं को और कार्यकर्ताओं को भी कभी कभार अनदेखा कर के मुस्लिम समुदाय को अपने साथ मिलाने का प्रयास करता रहता है वहीं पर अक्सर ऐसे प्रमाण भी सामने आते रहते हैं की मुस्लिम लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पूरी तरह नकारते रहते हैं। भले ही आरएसएस के इंद्रेश कुमार कैसी भी घोषणाएं और कार्य करते रहें। यह सर्वविदित है की आर एस एस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के द्वारा अयोध्या जी की पवित्र नदी सरयू जी के किनारे कुरान के पाठ और नमाज करवाए जाने की घोषणा की गई थी।

वजू तो किया ही था

तब बहुत सारे हिंदू संगठन, संत समाज और आम हिंदू भी इसके विरोध में आ गए थे जिसके चलते वह आयोजन संपन्न नहीं हो सका। परंतु तब इंद्रेश कुमार से जुड़े हुए राष्ट्रवादी मुसलमानों ने इस्लाम का पूरी तरह पालन करते हुए प्रतीकात्मक रूप से सरयू  जी के जल में वजू तो किया ही था। इस सब के बावजूद ऐसी बहुत सारी घटनाएं घटती रहती हैं जो बताती हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ भी कर ले इस्लामिक लोग इससे पूरी तरह नकारते हैं। एक ऐसा ही प्रमाण अब सामने आया है उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में।

सामूहिक बहिष्कार

यहां पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथ संचलन पर फूल बरसाना एक मुस्लिम डॉक्टर को बहुत भारी पड़ गया है। इस डॉक्टर के खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया है जिसमें उसका सामूहिक बहिष्कार करने की बात कही गई है और साथ ही उसे कत्ल किए जाने पर कातिल को ₹100000 का इनाम देने की घोषणा भी की गई है ?

विवरण ………

मैनाठेर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ते मेहमूदपुर माफी में रहने वाले डॉक्टर मोहम्मद निजाम भारती ने पुलिस को शिकायत दी है कि पिछले दिनों आर एस एस की पदयात्रा निकाली गई थी जिस पर मैंने फूल बरसाए थे और उसका स्वागत किया था। जिससे नाराज होकर इमरान ने मेरे खिलाफ फतवा जारी करके मुस्लिम समाज से मेरा सामूहिक बहिष्कार करवा दिया है। डॉक्टर मोहम्मद निजाम ने आगे कहा है की पर्चे बांटकर लोगों को कहा जा रहा है कि कोई मुझसे संबंध ना रखे, इसके साथ ही मुझे मारने और गांव से भगा देने पर भी इनाम की घोषणा की गई है। यह फतवा जारी होने के बाद मुस्लिम समाज के लोग अब मुझसे दूर होने लगे हैं तथा मेरा व्यवसाय बंद होने के कगार पर आ गया है।

इमरान वारसी

डॉक्टर मोहम्मद निजाम भारती की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में एसएसपी बबलू कुमार ने कहा है कि l डॉक्टर निजाम की शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है इसमें बताया गया है कि इमरान वारसी नाम के एक व्यक्ति ने उसके खिलाफ फतवा जारी किया है जिसके आधार पर मामला दर्ज करके इमरान को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है।

यह खबर तो है मुरादाबाद की, परंतु इसके साथ ही एक और खबर पर भी आप को ध्यान देना चाहिए जो हैदराबाद से संबंधित है ,,,,,,,,,

RSS के एक वरिष्ठ सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक, इंद्रेश कुमार ने पिछले सोमवार को चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के कठिन समय में भारत सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए हैदराबाद के सातवें निजाम की प्रशंसा की।

इंद्रेश कुमार मुख्य अतिथि

आरएसएस नेता ने कहा : उनके योगदान को “सुनहरे शब्दों” में रखा जाना चाहिए। वह हैदराबाद के अंतिम निजाम मीर उस्मान अली खान के 136वें जन्मदिन समारोह में बोल रहे थे, जो महिला कॉलेज ओयू में आयोजित किया गया था। यहां इंद्रेश कुमार को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि निजाम ने हैदराबाद में न केवल पुरुषों के लिए बल्कि महिलाओं के लिए भी कई संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने उर्दू भाषा की सुंदरता की भी प्रशंसा की और कहा कि हमारे देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं और सभी भाषाएं शांति और प्रेम का संदेश देती हैं।

इफ्तार आयोजित करने की योजना

बतादें की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) पूरे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पूरे महीने रमजान मनाने की तैयारी कर रहा है। पहले भी, इफ्तार की मेजबानी करता था, लेकिन पहली बार, उसने पूरे महीने रमजान का पालन करने का फैसला किया है। एमआरएम पहले 20 दिनों के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों में इफ्तार आयोजित करने की योजना बना रहा है, जबकि पिछले 10 दिनों के दौरान, यह ईद मिलाप मनाएगा।

हमें संदेश मिला है

इन दोनों घटनाओं से आप क्या अनुमान लगाते हैं यह आपका अपना विवेक है, परंतु हम से जुड़े हुए हमारे एक नियमित पाठक के द्वारा हमें यह 👇 संदेश मिला है जिसमें उनकी पीड़ा स्पष्ट दिख रही है। हमसे जुड़े हुए यह श्रीमान जी पूरी तरह RSS के प्रति निष्ठावान हैं और आरएसएस में एक जिम्मेदारी वाले पद पर पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं।

मैं समझ नहीं पा रहा हूँ, यह हो क्या रहा है ?
एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्म बचाओ मोर्चा, धर्म जागरण और हिन्दू जागरण मंच सरीखे संगठन और दूसरी तरफ यह सब ……….

यदि संगठन की नीतियां बदल गई हैं तो कार्यकर्ता का समय बर्बाद क्यों करवाया जा रहा है ?

यदि मीर उस्मान अली जैसा व्यक्ति हिन्दू मुस्लिम सौहार्द का रक्षक था तो धर्म बचाओ मोर्चा जैसे प्रकल्पों की आवश्यकता क्या है ? वैसे भी डीएनए तो अपना एक है ही। (ये DNA एक होने की बात मोहन भागवत जी द्वारा कही गई है )

बताने की आवश्यकता नहीं है कि मीर उस्मान अली, जो हैदराबाद का अंतिम नवाब था, ने रज़ाकारों की फ़ौज बनाई थी। रजाकार कट्टरपंथी मुस्लिम सेना थी, जिस ने 1947 में भारत में विलय के विरोध में कई दिन तक हैदराबाद में भीषण हिन्दू नरसंहार व बलात्कार किये तो भारत सरकार को इस के विरुद्ध ऑपरेशन पोलो चलना पड़ा था ?

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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