“Every year lakhs and lakhs of women across the country have been pleading to the District Magistrates in their respective areas for the last 10 years.”
सारे देश में हर वर्ष लाखों लाखों महिलाएं अपने अपने क्षेत्र में जिलाधिकारियों के पास जा कर गुहार लगा रहीं हैं 10 सालों से।
सनातन🚩समाचार🌎 महिला दिवस के उपलक्ष्य में जहां एक और महिलाओं की भलाई और उत्थान की योजनाएं योजनाएं बनाई जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर सारे देश में लाखों महिलाएं अपने जिलाधिकारियों के पास ज्ञापन देने जा रही हैं
इसी कड़ी में पंजाब के लुधियाना महानगर में भी महिला उत्थान मंडल के द्वारा शहर की डीसी साहिबा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में मांग की गई है कि जेल में बंद 86 वर्ष के बुजुर्ग संत श्री आसाराम जी बापू को शीघ्र रिहा किया जाए। बता दें कि श्री आसाराम जी बापू पर एक लड़की ने हाथ लगाने का आरोप लगाया था किंतु सारे मीडिया ने उस आरोप को बलात्कार बलात्कार कहकर प्रचारित किया गया और 24 घंटे लगातार मीडिया ट्रायल चलाए गए थे।
तब मीडिया के द्वारा श्री आसाराम जी बापू की जबरदस्त निंदा की गई थी। इस बारे में BBC ने एक खबर में बताया है कि सारी दुनिया में मीडिया के द्वारा जितनी निंदा हिंदुस्तान के मीडिया के द्वारा श्री आसाराम जी बापू की की गई है उतने आज तक किसी ने भी नहीं की है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि संत श्री आसाराम जी बापू ने अपना धर्म त्याग कर ईसाई बन चुके लोगों की बहुत भारी संख्या में घर वापसी करवाई थी जिस कारण वह धर्मांतरण करवाने वाले गिरोह की आंखों का कांटा बने हुए थे।

और आखिर उनके खिलाफ बहुत बड़ा षड्यंत्र करके उन्हें जेल में पहुंचा दिया गया। ध्यान देने वाली बात यह है की हिंदुस्तान में जिस संत ने भी धर्मांतरण का विरोध किया और घर वापसी करवाई उसी को बलात्कार के आरोप में जेल भेज दिया गया। फिर वह चाहे शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी हों,कृपालु मुनि जी हों या नित्यानंद जी हों। इन सभी संतो पर आरोप लगने के बाद मीडिया के द्वारा उनकी बहुत जबरदस्त निंदा की गई किंतु आखिर यह सभी सुप्रीम कोर्ट से बाइज्जत बरी हो गए।
यहां बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि इन संतों की आखिर न्यूज़ चैनलों के द्वारा बहुत भयंकर निंदा क्यों की गई थी और फिर जब वे सुप्रीम कोर्ट से बरी हुए तब किसी भी चैनल ने उनके निर्दोष सिद्ध होने के बारे में एक बार भी कोई खबर क्यों नहीं चलाई ?
बहरहाल आजकल पिछले 10 वर्षों से एक बुजुर्ग संत जेल में पड़े हुए हैं। यह विडंबना ही है कि ना तो उन्हें सीनियर सिटीजन होने का लाभ दिया जा रहा है, ना ही उनके मानवाधिकारो का कोई लिहाज किया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों से उन्हें लगातार जेल में रखा जा रहा है। उन्हें जमानत नहीं दी जा रही है इतना ही नहीं उन्हें आज तक 1 सेकंड की भी पैरोल नहीं दी गई है। कोरोना काल में जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि जेलों में बंद सभी कैदियों को पैरोल पर या जमानत पर छोड़ दिया जाए।

उस समय भी इस बुजुर्ग संत को ना तो जमानत दी गई और ना ही उन्हें पैरोल ही दी गई थी। उन्हें जेल में रहते हुए कोरोना भी हो गया था फिर भी ना जाने क्यों देश के सत्ताधीषों को और न्यायाधीशों को उन पर रहम नहीं आया। जबकि आज तक उनके खिलाफ अदालत में कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। एक लड़की के द्वारा हाथ लगाने के आरोप के बाद उनके साथ यह दुरव्यवहार हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ऐसे कई पादरी और बॉलीवुड के एक्टर भी हैं जिन पर वही पोक्सो की धारा लगी है जो संत श्री आसाराम जी के ऊपर लगी है। किंतु वह आराम से दुनियां में घूम फिर रहे हैं।
इतना ही नहीं 1 न्यूज़ चैनल पर काम करने वाला बड़ा पत्रकार दीपक चौरसिया भी पॉक्सो कानून का आरोपी है। किंतु उसे आज तक पुलिस पकड़ने ही नहीं गई है। आज डीसी साहिबा को ज्ञापन देने गई महिलाओं में से एक कविता शर्मा नाम की महिला ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा की आरोप लगाने में क्या है मैं आप पर आरोप लगा देती हूं फिर आप भी जेल जाओगे।
मानना पड़ेगा की यह बात कहने वाली महिला की बात में दम है क्योंकि ऐसे ही आरोप के कारण संत श्री आसाराम जी बापू जेल में हैं परंतु क्योंकि वह हिंदू संत हैं इसलिए इसलिए जेल में पड़े रहना ही उनकी नियति बन चुका है।