“By defying the High Court, the hijab started again in the university, the CM said this.”

सड़क के बाद हाईकोर्ट में नमाज के बाद फिर से हिजाब अभियान शुरू

कॉलेज में हिजाबी छात्राएं

सनातन🚩समाचार🌎 पता नहीं क्या होने वाला है देश में ? क्योंकि हर रोज एक के बाद एक कोई ना कोई नया बखेड़ा खड़ा हो रहा है। लव जिहाद, रेप जिहाद, लालच देकर धर्मपरिवर्तन, हिंदुओं के शोभायात्रा के ऊपर पथराव, छुरे बाजी, ज्ञानवापी के बाद पहले शांत हो चुका हिजाब विवाद अब फिर से शुरू हो गया है।

बहुत सारी मुस्लिम लड़कियां

पिछले दिनों हिजाब के बारे में कई स्थानों पर भारी बवाल रहा। उसके बाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद लग रहा था कि अब यह मामला खत्म हो गया है, परंतु ऐसा नहीं हुआ। श्री ज्ञान वापी के हो हल्ले के बीच फिर से एक बड़ी खबर आ रही है कर्नाटका से । यहां पर बैंगलोर यूनिवर्सिटी कॉलेज में यूनिफॉर्म पहनकर ही क्लास रूम में आने वाली एडवाइजरी जारी करने के बावजूद 28 मई 2022 शनिवार को बहुत सारी मुस्लिम लड़कियां अचानक से हिजाब पहन कर कॉलेज में पहुंच गई जिससे सारा कॉलेज प्रशासन सकते में आ गया। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने हिजाब वाली लड़कियों को उनके घर वापस भेज दिया।

धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं

कॉलेज के वाइस चांसलर सुब्रह्मण्य यदपादित्य ने शुक्रवार को कहा था कि हमारे कॉलेज में शुरू में तो लड़कियों को उनकी यूनिफॉर्म के रंग से मेल खाते हुए हेडस्कार्फ को पहनने की अनुमति दे दी थी लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के चलते कॉलेज विकास परिषद के अध्यक्ष और बैंगलोर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक वेदव्यास कामत और सिंडीकेट के अन्य सदस्यों के साथ बैठक करके यह निर्णय लिया गया था कि छात्राओं को कक्षाओं के अंदर किसी भी प्रकार की धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने सपष्ट किया कि उच्च न्यायालय का आदेश डिग्री कॉलेजों पर लागू होगा या नहीं इसके बारे में असमंजस की स्थिति थी।

हिजाब पहन कर घूम सकती हैं

राज्य सरकार की एडवाइजरी, उच्च शिक्षा परिषद और अदालत के आदेश के अनुसार सभी कॉलेजों को यूनिफॉर्म का पालन करना अनिवार्य है। इसके बाद आदेश को वापस ले लिया गया था। वाइस चांसलर ने आगे कहा है कि मुस्लिम छात्राएं कैंपस में तो हिजाब पहन कर घूम सकती हैं परंतु कक्षा में हिजाब नहीं पहन सकती। वाइस चांसलर यदपादित्य ने बताया कि मुस्लिम छात्राओं से बातचीत करने के बाद हमें पता चला है कि लगभग 15 मुस्लिम लड़कियां ही क्लास रूम में हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी हुई हैं। बाकी सभी लड़कियां अदालत के आदेशों का पालन कर रही हैं।

अचानक से कई लड़कियां

अगर हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी हुई लड़कियां हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करती हैं तो वह उन्हें उन शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिला दिलवाने में मदद करेंगे जहां पर धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति है, अथवा जहां पर किसी भी प्रकार का कोई यूनिफॉर्म नहीं है। बतादें की जब अचानक से कई लड़कियां हिजाब पहनकर कॉलेज में आई और क्लास रूम में जाने की जिद करने लगी तब कॉलेज की प्राचार्य अनुसूया राय ने लड़कियों को हिजाब उतारकर क्लास रूम में जाने के लिए बहुत बार समझाया। परंतु जब हिजाबी लड़कियां नहीं मानी तब कॉलेज प्रशासन ने उन्हें क्लास में परवेश करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें घर वापस भेज दिया।

नए सिरे से पैदा हुए हिजाब के इस बवाल पर राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है की सभी को हाईकोर्ट और सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए। इस बारे में दोबारा विवाद पैदा नहीं किया जाना चाहिए।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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