“Secular Hindus must take this lesson from Muslims, this is the need of the day.”
हिंदुओं को तो मौका चाहिए अपने हिंदू भाइयों की निंदा करने का।
पुलिस पर पिस्तौल
सनातन🚩समाचार🌎 एक तरफ जहां अगर कोई हिंदू अपनी आत्म रक्षा के लिए अथवा किसी और भावना से किसी भी प्रदर्शन का हिस्सा बनता है तो तुरंत बहुत सारे सेकुलर लोग उस पर उंगली उठाने लगते हैं, उसकी टांग खींचने लगते हैं, और कई बार तो अपनों के ही विरोध के कारण उन हिंदुओं को भी जेल जाना पड़ जाता है जिनका कोई अपराध भी नहीं होता है। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समाज के लोग अपनी कौम के लिए काम करने वालों को हाथों हाथ सर पर बिठा लेते हैं, उनके पक्ष में खड़े हो जाते हैं, और उनकी जय जय कार करते हैं।
यही कारण है कि आज प्रत्येक मुसलमान अपनी कौम के लिए कुछ ना कुछ करने का प्रयास अवश्य करता है, और इसके ठीक विपरीत हिंदुओं को हमेशा यह चिंता लगी रहती है की उसके रिश्तेदार क्या कहेंगे ? उसके मोहल्ले वाले कहेंगे ? या उसके समाज वाले लोग क्या कहेंगे ?
आइए जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ ? ? ?
दरअसल 2020 की फरवरी के महीने में दिल्ली में हुए दंगों में पकड़े गए शाहरुख पठान नाम के एक व्यक्ति को पैरोल पर छोड़ा गया था। जब शाहरुख पठान अपने इलाके में पहुंचा तब उसका स्वागत करने के लिए उसके समाज के लोगों में बहुत जबरदस्त उत्साह देखा गया। भारी संख्या में लोग उसका स्वागत कर रहे थे और उसकी जय-जय कार कर रहे थे। 23 मई 2022 को शाहरुख पठान 4 घंटे की कस्टडी पैरोल पर अपने बीमार अब्बा से मिलने के लिए पुलिस के द्वारा उसके घर लाया गया था। इस मुलाकात के बाद शाहरुख पठान को फिर से जेल भेज दिया गया है।
शाहरुख का स्वागत करने के लिए लोग इस हद तक उत्साहित थे की उसे देखने के लिए कई लोग अपने घरों की छतों पर भी चढ़े हुए थे और इस भारी भीड़ में शाहरुख पठान एक महान नायक की तरह अपने समाज का अभिवादन स्वीकार करता हुआ बहुत प्रसन्न मन से अपने घर की ओर बढ़ रहा था। इसके स्वागत में मुस्लिम समाज के लोग इकट्ठा तो हुए ही साथ ही उसके समर्थन में सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त अभियान चलाया गया उधर ए आई एम आई एम के नेता शेख आदिल आदमी ने तो शाहरुख पठान के साथ दिल्ली दंगों के बाकी दंगाइयों को भी बहादुर का खिताब दे डाला। इसके साथ ही यूपी ए आई एम आई एम के महाराजगंज से नेता मुराद सिद्दीकी ने भी शाहरुख पठान को कौम का शेर कहकर संबोधित किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज अमिताभ रावत ने 21 मई को शाहरुख पठान को उसके बीमा अब्बा से मिलने की अनुमति दी थी। शाहरुख पठान के वकीलों ने यह अनुमति मानवता के आधार पर मांगी थी। बता दें की शाहरुख पठान को दिल्ली पुलिस पर पिस्तौल तानने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था उस समय हुई हिंसा में कांस्टेबल रोहित शुक्ला को भी गोली मार दी गई थी। शाहरुख पर जाफराबाद पुलिस स्टेशन में एफ आई आर नंबर 49/ 2020 दर्ज है। शाहरुख पठान की पैरोल के लिए दी गई याचिका में उसके 65 वर्ष के अब्बा को सीनियर सिटीजन बताते हुए कहा गया था कि उन्हें बहुत सारी बीमारियां हैं।
ऊपर मौके की वीडियो
वह कुछ समय पहले जीबी पंत अस्पताल में सर्जरी करवा चुके हैं। शाहरुख पठान पर लगे गंभीर आरोपों के कारण उसकी जमानत की अर्जी कई बार अदालत द्वारा रद्द की जा चुकी है। शाहरुख को दिल्ली पुलिस ने 24 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया था। उस पर IPC की धारा 149 , 147 , 148 , 188 , 186 , 283 , 332 , 353 , 307 , 323 , 505 , 34 , 153 ए , 120 बी के साथ ही आर्म्स एक्ट के अंतर्गत भी केस दर्ज हैं। कानूनी कार्रवाई के चलते दिसंबर 2021 में अदालत ने शाहरुख पठान से आर्म्स एक्ट हटा दिया था
सनातन🚩समाचार🌎 सनातन समाचार शाहरुख पठान के किसी भी कार्य का समर्थन नहीं करता है परंतु इतना तो हम अवश्य कहना चाहते हैं की जहां एक ओर मुस्लिम समाज के लोग अपने समाज के लोगों के साथ हर हाल में खड़े रहते हैं, उसका साथ देते हैं, भले ही वह कितना भी बड़ा आतंकवादी हो, हत्यारा हो या दंगाई हो। वहीं दूसरी ओर हिंदुओं के साथ उसका अपना हिंदू समाज कभी भी खड़ा नहीं होता है ना ही उसका समर्थन करता है जिस कारण आज हिंदू अपने ही देश में प्रत्येक स्तर पर पीड़ित है।
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