“70 years old beggar woman did this work, you will be surprised again. Jai Satya Sanatan 🚩 Dharma 🌎.”

अपने धर्म के लिए दान केवल धनवान ही नहीं देते कभी का ही भिखारी भी देते हैं बड़ा दान।

सनातन 🚩समाचार🌎 कभी भी भीख मांगने का समर्थन नहीं करता किंतु जब बात धर्म की हो तो हम धर्मपरायण जनों को हृदय से नमन करते हैं। ऐसी ही एक धर्मपरायण महिला भिखारी की जानकारी मिली है जो 40 वर्षों तक भीख मांगती रहीं और फिर उसने अपनी सारी पूंजी का ऐसी जगह किया खर्च कि आप भी सोचने को विवश हो जायेंगे।

ओडिशा में एक महिला 40 वर्षों तक लगातार भीख मांगती रही और धन जुटाती रही। इस महिला ने 30 वर्ष की उम्र से ही भीख मांगना शुरू कर दिया था। और अब उसकी उम्र 70 वर्ष से ऊपर हो चुकी है। पैसे की आंधी दौड़ के युग में इस भिखारी महिला ने अपने सारे जीवन की कमाई को ऐसी जगह खर्च किया है कि जिसके बारे में जानकर आपका दिमाग भी चकरा जाएगा।

अपने इस विशेष और महान कारनामे की वजह से यह बुजुर्ग भिखारी महिला चर्चा में आ गई है। प्रत्येक धार्मिक व्यक्ति इस बजुर्ग महिला के बारे में सोचने और जानने को मजबूर है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस महिला ने भीख मांगकर अपने जीवनकाल में 1 लाख रुपये इकट्ठा किया था। महिला ने इन सभी पैसों को कंधमाल जिले के फूलबनी में स्थापित पुराने जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए दान दे दिया।

इस महिला का नाम तुला बेहरा है जो पिछले 40 सालों से फूलबनी कस्बे के विभिन्न मंदिरों के पास भटकती रही है और भीख मांग रही हैं। तुला का विवाह शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति प्रफुल्ल बेहरा से हुआ था। ये दंपती कस्बे में भीख मांगते थे। बाद में प्रफुल्ल बेहरा की मौत हो गई थी, इसके बाद तुला अकेली रह गईं। जिसके बाद महिला भिखारी ने खुद को भगवान जगन्नाथ के चरणों में समर्पित कर दिया है। और अब धनु संक्रांति के पवित्र मौके पर तुला बेहरा ने शुक्रवार को जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति को अपनी एक लाख रुपये की कमाई दान कर दी है।

भिखारी महिला तुला ने कहा है कि न तो मेरे माता-पिता हैं और न ही कोई संतान है। मैंने भीख मांगकर अपने बैंक खाते में जमा करके जो पैसा बचाया है, उसे भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया है। भिखारी महिला ने कहा कि भगवान के अलावा मेरा कोई नही है उसने कहा कि अब उसे किसी पैसे की जरूरत नहीं है। क्योंकि वह बूढ़ी हो गई है और उसने खुद को भगवान जगन्नाथ जी के चरणों में समर्पित कर दिया है।

महिला ने मंदिर प्रबंध समिति से फूलबनी में पुराने जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए धन का उपयोग करने का अनुरोध किया है। समिति के एक सदस्य ने कहा, जब उसने मुझसे संपर्क किया तो मैं उससे पैसे लेने के लिए इंकार कर दिया था, लेकिन जब उसने बार बार कहा तो हमने इसे स्वीकार करने का फैसला किया।

विवरण फुलबनी का …….

ओडिशा में राजधानी भुवनेश्वर से 165 किमी बहरामपुर , दक्षिण ओडिशा के प्रमुख शहर। निकटतम रेलवे स्टेशन रायराखोल यहां से लगभग 100 किमी दूर है। फूलबनी के आसपास के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के वनस्पति और जीव हैं । यह पहाड़ियों से घिरी हुई जगह है और इसके चारों ओर ढेर सारे छोटे-बड़े झरने हैं। कटरामल झरना, सबसे शानदार, फूलबनी से लगभग 31 किमी की दूरी पर स्थित है। पुटुडी जलप्रपात, स्थानीय लोगों के बीच एक गर्म स्थान, फूलबनी से लगभग 18 किमी की दूरी पर स्थित है। पक्काझार जलप्रपात सुद्रुकुम्पा से लगभग 3-5 किमी की दूरी पर स्थित है, जो एक छोटा सा गाँव है जो फूलबनी के मुख्य शहर से लगभग 19 किमी की दूरी पर स्थित है। फूलबनी सालुंकी नदी से घिरा हुआ है।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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