Now Hindus got relief from Mulayam’s rule, will be able to worship in Gyanvapi

घोर अत्याचार किया गया था, बिना किसी अधिकार के बाधित कर दी गई थी पूजा।

सनातन🚩समाचार🌎 एक समय था जब निहत्थे कर सेवकों पर बेतहाशा गोलियां बरसाकर उनकी लाशों के ढेर लगा दिए गए थे। और तब उस समय की सरकार के आदेश से ज्ञानवापी के अंदर हिंदुओं द्वारा पूजा पाठ करने पर पाबंदी लगा दी गई थी।

उस समय पूजा पाठ को रोके जाने के बारे में जब अदालत ने बार-बार पूछा की तब पूजा किसके आदेश से बंद करवाई गई थी ?  तब किसी के पास भी उनकी बात का उत्तर नहीं था क्योंकि बिना किसी लिखित आदेश के ज्ञानवापी की बैरिकेटिंग करके हिंदुओं को वहां पर जाने से रोका गया था और उनके द्वारा किए जाने वाला पूजा पाठ बंद करवा दिया गया था।

वाराणसी के ज्ञानवापी ढांचे के बारे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 31 जनवरी 2023 को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी किया है। दरअसल हिंदू पक्ष ने उस क्षेत्र के वैज्ञानिक सर्वे की मांग की थी जिसे मुस्लिम समाज के लोग वजू खाना बताते हैं, किंतु वकील विष्णु शंकर के अनुसार वहां पर शिवलिंग मिला था। इसी के बारे में हाईकोर्ट ने वजू खाना से जवाब मांगा था। वहीं दूसरी ओर अब ज्ञानवापी के व्यास तहखाना में पूजा पाठ की अनुमति हिंदुओं को मिल गई है।

इस बारे में वाराणसी की जिला अदालत ने यह निर्णय दिया है। अपने निर्णय में अदालत ने प्रशासन को आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर-अंदर पूजा पाठ की व्यवस्था की जाए। बता दें कि यह तहखाना ढांचे के नीचे है और मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद बताता है। अब यहीं पर श्रद्धालुओं के द्वारा नियमित रूप से पूजा अर्चना की जा सकेगी। हिंदू पक्ष ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है। सर्व विदित है कि 1993 तक यहां पर पूजा अर्चना की जाती थी किंतु मुलायम सिंह यादव की सरकार ने यहां पर पूजा पाठ पर पाबंदी लगा दी थी।

इसके विरोध में शैलेंद्र कुमार पाठक ने याचिका दाखिल की थी जिस पर अब फैसला आ गया है। इस बारे में मुस्लिम पक्ष वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए कह रहा था की पूजा पाठ की अनुमति यहां नहीं दी जा सकती। किंतु अदालत ने हिंदू पक्ष की  याचिका स्वीकार कर ली थी। इसके बाद 17 जनवरी को व्यास  तहखाना को जिला प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके बाद साफ सफाई करके एएसआई ने वहां सर्वे भी किया था।

इसी स्थान को व्यास तहखाना कहा जाता है। क्योंकि सोमनाथ व्यास  नाम के पुजारी जी और उनके परिवार वाले यहां पर 1993 तक विधिवत पूजा आरती करते आ रहे थे। अदालत के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि जिला प्रशासन व्यवस्था करेगा। वहां पर पूजा पाठ अब शुरू हो जाएगा। जिस समय विष्णु शंकर जैन मीडिया से बात कर रहे थे उसे समय आसपास हर हर महादेव के नारे भी लग रहे थे।

विष्णु शंकर जैन ने इस घटना की तुलना 1986 के उस आदेश से की है जब के एम पांडे ने यहां पर लगा ताला खुलवाया था। उन्होंने कहा कि वजू खाने का सर्वे हमारा अगला लक्ष्य है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

यहां बताने की आवश्यकता नहीं है की श्री राम जन्म स्थान पर अदालत के आदेश से भव्य मंदिर बनने के बाद अब हिंदू समाज में एक नई आशा का संचार हो रहा है। अब हिंदुओं को लगने लगा है की अदालत के फैसले से अब निश्चित ही उन्हें अपने वह मंदिर वापस मिल जाएंगे जिन्हें कभी तोड़कर उन्हें मस्जिदों का रूप दे दिया गया था।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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