You will be shocked to know this when the whole family drank Shri Gangajal because.

“द कश्मीर फाइल्स” फिल्म का दृश्य फिर से आया सामने जब पड़ोसी आ गए हमलावरों के साथ।

सनातन🚩समाचार🌎 मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी (10 अप्रैल 2022) के दिन हिंदुओं पर जो हमले हुए थे उनके बारे में अब जिस तरह के तथ्य लगातार सामने आ रहे हैं वह बताते हैं कि हिंदुओं के खिलाफ की गई वह हिंसा पूरी तरह सुनियोजित थी। पीड़ितों का दावा है कि दंगाइयों के साथ उनके मुस्लिम पड़ोसी भी थे।

पेट्रोल बम

एक भुक्तभोगी दिनेश माणकचंद्र जैन ने बताया कि हिंसा के दौरान मुस्लिम बस्ती की तरफ से गुलेल से भी पत्थर फेंके गए थे। कई घरों में पेट्रोल बम फेंक कर आग लगा दी गई। वहीं भाटवाडी में 76 साल के कैलाश पंडित की दुकान को मुस्लिम भीड़ ने पेट्रोल बम फेंक कर जला दिया। जमीदार मोहल्ला के रहने वाले सुनीत सेन बताते हैं कि हमलावरों के हाथ में तलवारें थी।

तुम्हारी सीता मैया को ले जाएँगे

बतादें कि हिंसा का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। जिसमें दंगाई पत्थरबाजी करते और तलवार लहराते हुए जा रहे हैं। इसमें एक शख्स तलवार से गाड़ियों पर हमला भी करता दिख रहा है। एक महिला ने बताया था कि दंगाई चिल्ला रहे थे, “राम हैं तो निकालो बाहर। हम रावण आ गए हैं। तुम्हारी सीता मैया को ले जाएँगे। तुम्हारे घर की औरतों को भी ले जाएँगे।”

किसीको छोड़ो मत

शीतला माता मंदिर के पास रहने वाले एक अन्य पीड़ित धन्नालाल ने बताया था कि लगभग 400 लोगों की भीड़ अचानक से आ गई थी। वे चिल्ला रहे थे – सब जला दो। काटो, मारो, छोड़ो मत……., किसी के हाथ में पत्थर, किसी के हाथ में फरसे तो किसी के पास अन्य हथियार थे। भीड़ ने उनके घर में भी घुस कर तांडव मचाया। गाड़ी में आग लगा दी और पेट्रोल बम फेंके।

उफ्फ: सारे परिवार ने गंगाजल पी लिया।

दहलाने वाला समय था: एक परिवार ने वह खौफनाक समय भोगा है। यह परिवार है नीरज भावसार का। जमींदार मोहल्ला निवासी नीरज के परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी, एक बच्चा और उनकी बुजुर्ग माँ हैं। नई दुनिया के अनुसार नीरज ने बताया है कि दंगा इतना खौफनाक था कि एक बार तो उन्हें लगा कि वो अब जिंदा नहीं बच पाएँगे। इसलिए उन्होंने अपने परिवार को गंगाजल पिला दिया और खुद भी पी लिया। हिंदू मानते हैं कि मृत्यु से पहले मुँह में गंगा जल लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने 18 महीने के बेटे का मुँह भी दबा दिया था ताकि वह शोर न करे।

पड़ोस के मुस्लिम परिवार भी मिले हुए थे

नीरज ने बताया कि वह नहीं चाहते थे कि दंगाइयों को इसकी भनक लगे कि घर के अंदर कोई है। इसलिए उन्होंने अपने 18 महीने के बेटे का मुँह दबा दिया, ताकि वह शोर न करे। उनके अनुसार करीब 30 साल पहले जब इस तरह के हालात बने थे तो उनके पिता ने भी इसी तरह उनकी जान बचाई थी। उन्होंने बताया कि मुस्लिम क्षेत्र के करीब 200 लोगों ने उनके यहाँ हमला किया था। पत्थर बरसाए गए, पेट्रोल बम और इलेक्ट्रिक मीटर को तोड़ स्पार्किंग के जरिए आग लगाने की कोशिश की गई। इन हमले करने वालों के साथ पड़ोस के मुस्लिम परिवार भी मिले हुए थे। नीजर शहर के जमींदार मोहल्ला के रहने वाले हैं।

भाग जाओ! नहीं तो

रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा से पहले दंगाइयों ने हिंदू परिवारों को नाम लेकर धमकाया और भागने के लिए कहा। दंगाई बोल रहे थे- भाग जाओ! नहीं तो ये तुम्हारी आखिरी रात साबित होगी। इसके बाद उन्होंने तोड़-फोड़, लूटपाट और आगजनी की। आशा भावसार बताती हैं कि आज भी दहशत की वजह से बच्चे सो नहीं पाते हैं। थोड़ी सी भी आवाज होने पर वह डर जाते हैं।

विशेष 👉 यह सब हिंदुओं के साथ केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि हिंदुओं के सभी देवी देवताओं के हाथों में तो हथियार हैं परंतु हिंदू खुद निहत्थे हैं। बेशक किसी के ऊपर हमला कर देना अपराध है परंतु किसी भी प्रकार से अपनी रक्षा करने का प्रत्येक नागरिक को कानूनी अधिकार प्राप्त है।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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