“Will you also celebrate this festival/day? If yes then believe that your whole year will be very auspicious🌹Shubh Samvat 2079🌹”
“धर्म का ध्वज उठाइए और अपनों का भविष्य बचाइए”
सनातन🚩समाचार🌎धर्म का ध्वज उठाइए और अपनों का भविष्य बचाइए। यह बिल्कुल सत्य है कि जो व्यक्ति अपने धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा स्वयं करता है। सनातन धर्म में हमारे लिए हर दिन शुभ दिन है। सप्ताह के सभी दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित हैं, और प्रत्येक महीना भी किसी ना किसी देवता को ही समर्पित है। सबसे बड़ा जो दिन माना गया है वह है प्रत्येक वर्ष आरंभ होने वाला सनातन धर्म का “नववर्ष”अथवा “शुभ संवत” ।
चारों तरफ पतझड़
हिंदुओं के लिए संवत का आरंभ होना भी एक उत्सव है। देश के कई भागों में इसे गुड़ी पड़वा भी कहते हैं और कई स्थानों पर इसे नववर्ष कहते हैं और शास्त्रीय भाषा की बात की जाए तो इसे नए संवत का शुभारंभ भी कहते हैं। इस बार यह शुभ संवत अंग्रेजी तारीख के अनुसार 2 अप्रैल 2022 को आरंभ हो रहा है। सनातनी शास्त्रीय गणना के अनुसार शुरू होने वाले शुभ संवत की विशेषता यह है कि यह विदेशी गणना यानी सन के अनुसार आरंभ होने वाला नहीं है। विदेशी कैलेंडर के अनुसार जब 1 जनवरी को नया साल शुरू होता है चारों तरफ पतझड़ होती है। फूल पत्ते मुरझाए हुए होते हैं, वातावरण में बहुत सर्दी होती है।
बुद्धिमान ऋषि मुनि
इधर जब सनातनी शुभ संवत आरंभ होता है पेड़ पौधों में नई कोंपले फूट रही होती हैं,चारो तरफ हरियाली होती है। जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदुओं के जितने भी व्रत पर्व त्योहार अथवा विवाह शादियों के मुहूर्त होते हैं उन सभी की गणना इस संवत वर्ष के अनुसार ही होती है। यह वह गणना है जो न जाने कितनी सदियों से चलती आ रही है। अति प्राचीन यह गणना आज की आधुनिक शोधकर्ताओं को अचंभे में डाल देती है। आधुनिक वैज्ञानिक तो अब कुछ यंत्रों के द्वारा देखकर बताते हैं की अंतरिक्ष में कहां-कहां कोई खगोलीय घटना हो रही हैं, परंतु इस सनातनी गणना के अनुसार तो हमारे महान बुद्धिमान ऋषि मुनि पहले ही घोषणा कर गए हैं की किस किस तिथि को क्या-क्या खगोलीय घटनाएं घटने वाली हैं।
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
कहीं दूर दराज बैठे हुए कोई पंडित जी अपना पंचांग निकाल कर बड़े आराम से बता देते हैं कि किस तारीख को कितने बजे कर कितने मिनट सेकंड पर कोई खगोलीय घटना (ग्रहण) घटने वाली है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष शुभ संवत 2079 का शुभारंभ होगा। चंद्र वर्ष पर आधारित कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ होता है इसी दिन में चैत्र नवरात्रि भी होती है इस बार यह शुभ समय 2 अप्रैल को आने वाला है बता दें कि हिंदुओं का नववर्ष आदि रात्रि के समय ठंड में ठिठुरते हुए हैं मांस मदिरा का सेवन करते हुए प्रेतों की तरह चीखते चिल्लाते हुए हैं अंधेरा करके आरंभ नहीं होता बल्कि सूर्य देव की पहली किरण के साथ मंगलमय ध्वनियो के साथ शुभ संवत का शुभारंभ होता है।
नवरात्रे आरंभ
संवत वर्ष के साल में 354 दिन होते हैं। ये कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है। 2022+57= 2079, इस तरह 2 अप्रैल को विक्रम संवत 2079 का शुभारंभ होगा और साथ ही नवरात्रे भी आरंभ होंगे। 2 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले विक्रम संवत 2079 के राजा शनिदेव हैं और मंत्री गुरु हैं।
आप अपने सभी जानने वालों सगे संबंधियों मित्रों को नव वर्ष के संबंध में बधाई संदेश भेजें, उन्हें शुभकामनाएं दें। तो आइए मनाते हैं 2 मार्च को अपना “शुभ संवत 2079”
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