Nurul Islam (Inspector) was given life imprisonment, did dirty work by entering the police station with a 13-year-old minor and entering the house with his sister.”

हैवान तो अपना काम ईमानदारी से करते हैं भले ही वो पुलिस की वर्दी पहन लें।

सनातन🚩समाचार🌎हैवान तो हमेशा अपनी हवस को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यह अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं और तब यह लोग और भयानक हो जाते हैं जब इन्हें कानून का भी सहारा मिल जाता है, यानी यह पुलिस की वर्दी भी पहन लेते हैं। ऐसे ही एक पुलिस वाले हैवान को अब उम्र कैद की सजा सुना दी गई है और साथ ही उसके ऊपर 8 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।

कम से कम उम्र कैद

यह सब हुआ है मेघालय में। यहां की एक स्पेशल कोर्ट ने एक बर्खास्त पुलिस वाले को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस व्यक्ति का नाम नूरुल इस्लाम है। उसके द्वारा किए गए जघन्य अपराध के सामने आने के बाद उसे पुलिस की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। प्राप्त हुए विवरण के अनुसार इस मामले में पीड़ित पक्ष के वकील द्वारा अदालत को अपील की थी कि नूर इस्लाम को कम से कम उम्र कैद की सजा दी जाए। इस मामले में एलान ईस्ट खासी हिल्स कोर्ट के न्यायाधीश एफ एस ए संगमा ने कानून की वर्दी को कलंकित करने वाले इस बर्खास्त पुलिस वाले को सजा सुनाई है।

थाने में बलात्कार

दरअसल जब नूरुल इस्लाम पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर था तथा पुलिस स्टेशन का इंचार्ज था तब उसने यह जघन्य अपराध किया था। उसने 2013 के मार्च महीने में बलात्कार का अपराध किया था। यह थाना गोरा हिल्स जिले में पड़ता है। इस मामले में पीड़ित बच्चियों के पिता ने आरोप लगाया था कि नूरुल इस्लाम ने 13 मार्च 2013 को उनकी 13 साल की नाबालिग बच्ची को थाने में बुलाकर उससे बलात्कार किया था, इसके बाद 31 मार्च 2013 को नूरुल इस्लाम पीड़िता के घर में जबरदस्ती घुस गया था, तथा तब उसने उसकी 17 वर्ष की बहन के साथ भी बंदूक तानकर बलात्कार किया था। यह हैवानियत करने के बाद उसने दोनों बहनों को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने किसी को भी इस बारे में बताया तो वह उन्हें फर्जी केस में फंसा देगा।

पुलिस कस्टडी से भाग गया

मिले और विवरणों के अनुसार नाबालिग पीड़ित बच्चियों के पिता द्वारा शिकायत किए जाने पर सन 2013 के केस में नूरुल इस्लाम को सस्पेंड कर दिया गया था, तथा बाद में उसको पोक्सो एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार भी कर लिया गया था। बता दें की इस पुलिस वाले हैवान के द्वारा की गई घटना के विरोध में मेघालय में भारी प्रदर्शन भी हुए थे और तब गुस्साई भीड़ ने थाने को भी घेर लिया था, इसके बाद नूरुल इस्लाम को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था, और इसी दौरान वह पुलिस की कस्टडी से भी भाग गया था। परंतु बाद में उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। इस जघन्य अपराध के बारे में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए मेघालय सरकार से इस मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी।

इंस्पेक्टर नूरुल इस्लाम

आयोग ने तब नूरुल इस्लाम को थाने के लॉकअप में रखने की बजाय उसके आवासीय क्वार्टर में रखने और उसे स्पेशल ट्रीटमेंट देने का आरोप भी लगाया था। इसके बाद जब मामला काफी गरमा गया तब राज्य सरकार ने इस सब इंस्पेक्टर नूरुल इस्लाम को सितंबर 2013 में बर्खास्त कर दिया था। तब से लेकर अब तक दोनों नाबालिग बच्चियों के पिता के द्वारा किए गए लंबे संघर्ष के बाद आखिर अब हैवान नुरुल इस्लाम को उम्र कैद की सजा सुना दी गई है।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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