“The sanctum sanctorum studded with gold plates, accompanied by the spiritual music of the army, the Panchmukhi Doli of Baba Kedarnath ji leaves for the Omkareshwar temple.”
सबको पता था की भारी रश के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं परंतु भोले नाथ के दरबार में भीड़ बढ़ती ही गई।
सनातन 🚩समाचार🌎 सनातनियों के लिए यह बहुत हर्ष की बात है कि अब बाबा केदारनाथ धाम के गर्भ ग्रह को सोने की प्लेटों से सजा दिया गया है। जिस कारण अब गर्भ ग्रह की छटा बहुत सुंदर दिखाई देने लगी है इसके साथ ही यह बात भी बताने योग्य है कि इस बार बाबा के दर्शन करने के लिए बहुत भारी संख्या में लोग श्री केदारनाथ धाम पहुंचे।
अध्यात्मिक संगीत बजाए गए
उत्तराखंड में स्थित हिंदुओं के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ श्री केदारनाथ धाम के कपाट हर साल की तरह इस बार भी सर्दियों के लिए बंद कर दिए गए हैं। पूरे विधि विधान और मंत्रोचार के बीच आज 27 अक्टूबर 2022 को सुबह 8:30 बजे पवित्र मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर भारतीय सेना के की मराठा रेजिमेंट ने अध्यात्मिक संगीत की धुनें बजाई। पवित्र धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजय इंद्र, तीर्थ पुरोहित और रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अधिकारियों सहित लगभग 3000 से अधिक श्रद्धालु भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
550 सोने की प्लेटों से सजाया गया है
बता दें कि इस वर्ष लगभग 4800000 से भी अधिक तीर्थयात्री चार धाम की यात्रा करने पहुंचे थे, जिनमें से अकेले श्री केदारनाथ धाम में 15,61,882 श्रद्धालुओं ने अपनी हाजिरी लगाई और मुंह मांगे वरदान पाए। इस सबके बीच हिंदुओं के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी की बात यह भी है कि इस बार श्री केदारनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह की दीवारों और छतों को 550 सोने की प्लेटो से ढक दिया गया है। जिससे गर्भ ग्रह बहुत भव्य दिखाई दे रहा है। बता दें की बाबा जी के धाम के गर्भ ग्रह को सोने से सजाने के लिए मुंबई के एक व्यापारी ने धन दिया है।
पहले चांदी की प्लेटों से ढका गया था
इस बारे में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष जी ने बताया है कि श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को सोने से सजाने का कार्य पिछले 3 दिनों से चल रहा था। इसकी दीवारों और छतों को 19 कारीगरों ने सोने की 550 मोटी प्लेटो से सजाया है। इस कार्य के संपन्न होने के बाद आईआईटी रुड़की, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च रुड़की, और एएसआई की 6 सदस्य टीम ने भी पवित्र धाम का निरीक्षण किया है। आपको बता दें कि इस पवित्र धाम के गर्भ ग्रह की दीवारों को सन 2018 में चांदी के पत्रों से ढका गया था। उस समय इस कार्य में लगभग 230 किलो चांदी का प्रयोग किया गया था।
सोना ही सोना दीवारों पे और हर जगह
श्री केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने से पहले इस पर पहले से लगी चांदी की प्लेटें हटाई गई, जिसके बाद तांबे की परतें चढ़ाई गई और फिर उन्हें उतार कर नाप देने के लिए महाराष्ट्र भेजा गया। जहां से तांबे की परतों के नाप के अनुसार सोने की परतें तैयार करके श्री केदारनाथ धाम पहुंचाई गई। सोने की प्लेटें पवित्र मंदिर के गर्भगृह, चारों खंभों और पवित्र शिवलिंग के आसपास भी लगाई गई हैं। आज कपाट बंद करने की प्रक्रिया को संपन्न करते हुए पुजारी जी के द्वारा ज्योतिर्लिंग को भृंगराज के फूल, बाघअंबर, स्थानीय सूखे फूलों वा भस्म इत्यादि से ढकने के बाद गर्भ ग्रह और मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया है।
यहां बहुत ज्यादा बर्फ पड़ती है
इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ जी की पंचमुखी डोली उखीमठ के ओमकेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई। बताने की आवश्यकता नहीं है कि चार धाम के कपाट प्रत्येक वर्ष सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं। क्योंकि सर्दियों में यहां पर बहुत ज्यादा बर्फ पढ़ती है, जिस कारण यहां पर किसी का भी पहुंच पाना असंभव होता है। फिर सर्दियों का मौसम बीत जाने के बाद अप्रैल-मई में भक्तों के लिए पवित्र मंदिर के द्वार पुनः खोल दिए जाते हैं।
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