The journalists who showed the minor girl’s video on the channels by making obscene finally reached the court, will go to jail ?.”

अश्लीलता का अड्डा बता कर दिन रात बदनाम करने वालों का बचाव करने वाले जांच अधिकारी को कोर्ट ने लगाई फटकार।

सनातन 🚩समाचार🌎 नाबालिग लड़की की सामान्य वीडियो को अश्लील बना कर दिन रात मीडिया ट्रायल चलाने वाले न्यूज चैनलों के प्रकारों ने बचने का बहुत प्रयास किया परंतु आखिर उन्हें अदालत में हाजिर होना ही पड़ गया है। दरअसल सामान्य वीडियो को अश्लील बनाकर कर प्रसारित करने के मामले में चित्रा त्रिपाठी, सैयद शोहेल, दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम व अन्य आरोपियों के साथ जांच अधिकारी न्यायलय में पेश हुए।

नाबालिग की वीडियो को अश्लील बनाकर प्रसारित करने के मामले में 24 अगस्त को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मती शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई।

जाने माने पत्रकारों की पेशी

इस मामले में 8 आरोपी चित्रा त्रिपाठी, दीपक चौरसिया,अजीत अंजुम, सैयद सोहेल, अभिनव राज, सुनील दत, ललित सिंह और रासीद अदालत में पेश हुए। इस दिन कोर्ट की कारवाई में आरोपियों के विरुद्ध चार्ज पर बहस होनी थी जो नही हो सकी। आरोपी मीडिया कर्मियों के वकील द्वारा चार्ज पर बहस करने से पहले एक अर्जी लगाकर न्यायलय से पुलिस द्वारा फाइल की गई उस सीडी व डीवीडी की मांग की गई, जिसमे आरोपी मिडियाकर्मियों द्वारा किए गए जघन्य अपराध को उस सीडी व dvd सबूत के रूप में पेश किया है। जिसपर न्यायालय ने आरोपियों के वकील को सीडी,डीवीडी उपलब्ध कराने की परमिशन ग्रांट कर दिया।

https://youtu.be/JwOoTQkc_sk
ये तो गजब हो गया

बीते गत 20 जुलाई 2022 को माननीय न्यायालय ने जांच अधिकारी को उनके द्वारा फाइल की गई चार्जशीट की खामियों को दूर कर स्टेट्स रिपोर्ट के साथ पेश होने का आदेश दिया। जिसपर जॉच अधिकारी पालम विहार थानाधिकारी ने न्यायालय में पेश होकर अपनी रिपोर्ट पेश की। परंतु पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने जॉच अधिकारी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट का विरोध करके असहमति जताई तथा पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। जिसके बाद पीड़िता के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद न्यायलय ने जांच अधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट में उन तथ्यों को सही रूप से प्रस्तुत नहीं किए जाने पर उसे फटकार लगाते हुए आगामी तारीख 23 सितंबर को सही से रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश दिया है।

वीडियो को एडिट करके अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया

बता दें कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत श्री आसारामजी बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। इसके बाद न्यूज़ 24, न्यूज़ नेशन, इंडिया न्यूज टीवी चैनलों ने उस वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी व आसारामजी बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को एडिट करके अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। साथ ही पीड़िता व उनके परिवार को दलाल, लड़की सप्लायर बताकर उनके घर को गुफा कांड,अश्लीलता का अड्डा बताकर पेश किया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से बहुत कष्ट झेलना पड़ा था।

हाईकोर्ट के आदेश हुई कार्रवाई

आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में 2013 में ज़ीरो FIR दर्ज कराई थी। ज़ीरो एफआईआर से पूर्ण एफआईआर दर्ज होने में दो वर्ष लग गए। उसके बाद भी पुलिस द्वारा 2 साल तक कार्यवाही नही की और फाइल बंद कर दी गई थी। परिजनों के अनुसार इस मामले में आरोपियों को बचाने हेतु गुरूग्राम पुलिस द्वारा भरसक प्रयास किया गया। लेकिन जब यह मामला हाइकोर्ट पहुँची और हाइकोर्ट ने संज्ञान लेकर अपनी निगरानी रखते हुए पुलिस को आदेशित करने पर मजबूरन पुलिस को कार्यवाही हेतु बाध्य होना पड़ा।

10 वर्ष की बच्ची का साधारण वीडियो एडिट करके अश्लील बना के दिखाया

जिसके बाद  उपरोक्त आरोपियों के विरुद्ध  2020-21 में दाखिल की गई चार्जशीट में विभिन्न धाराओं 120b, 469, 471, आईटी एक्ट 67 b, पोक्सों एक्ट 13c, 14(1), 180 के अंतर्गत 10 साल की बच्ची और उनके परिवार के एडिट्ड ‘अश्लील’ वीडियो दिखा कर आसारामजी बापू व नाबालिग बच्ची को बदनाम करने का आरोपी बनाया गया।

पुलिस ने कानून के अनुसार काम नहीं किया

हैरानी वाली बात ये है की पुलिस ने कहा था कि आरोपियों को गिरफ्तार करने से “कानून व्यवस्था” बिगड़ सकती है। जिस पोक्सों में पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी कर बाद में चार्जशीट पेश करनी चाहिए थी, ऐसे मामले में पुलिस ने बगैर गिरफ्तार किये ही चार्जशीट पेश कर दी, जबकि पत्रकार दीपक चौरसिया ने पुलिस को जाँच में सहयोग भी नही किया। बहरहाल अब ये मामला न्यायालय में पहुंच ही गया है, अब देखना होगा की  9 साल बाद शुरू हुई न्यायिक प्रक्रिया से क्या अब पीड़ित परिवार  और नाबालिग लड़की को न्याय मिल पाएगा ? ? ?

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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