“Muslim women stopped the Kanwar Yatra of their own village by putting barricades of charpais, uproar.”
अपने ही गांव मोहल्ले के कांवड़ियों की भी कोई लिहाज नहीं की बस जिद थी की ……
रास्ता रोका अपने ही गांव की स्त्रियों ने
सनातन 🚩समाचार🌎 पवित्र श्रावण मास शुरू होते ही हिंदुओं में अपनी आस्था को लेकर गहमागहमी चालू हो जाती है। लोग मंदिरों में जाते हैं पूजा-पाठ करते हैं और श्री हरिद्वार जाकर गंगा स्नान भी करते हैं तथा साथ ही सारे देश भर में जहां से भी पवित्र जल मिलता है वही से ला कर अपने-अपने शहरों गांवों में विराज रहे भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार होने के कारण अब कांवड़ यात्रियों पर अत्याचार नहीं होते हैं, परंतु फिर भी कहीं ना कहीं कावड़ियों पर अब भी हमले हो रहे हैं। पिछले दिनों जिला सहारनपुर के मुस्लिम बहुल कस्बा देवबंद में एक मुस्लिम व्यक्ति कूदकर खुद ही कावड़ियों के ट्रक के नीचे घुस गया था इस पर काफी बवाल हुआ। परंतु मौके की वीडियो सामने आने पर सच्चाई सामने आ गई और दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।
कावड़ियों का मार्ग अवरुद्ध कर दिया।
इसके साथ ही कहीं पर पवित्र कावड़ पर थूका जा रहा है कहीं पर मांस फेंका जा रहा है। और अब कावड़ियों के सामने उस समय एक नई मुसीबत खड़ी हो गई जब कांवड़ियों के ही गांव की मुस्लिम महिलाओं ने उनके रास्ते में चारपाई खड़ी करके बैरिकेड लगा दिए और पीछे खड़ी होकर उन्होंने कावड़ियों का मार्ग अवरुद्ध कर दिया। जिसके चलते हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग आमने-सामने आ गए। यह घटना है उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की जहां पर 24 जुलाई 2022 रविवार को कावड़ यात्रा रोक दी गई।
श्री हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव लौट रहे थे
कावड़ यात्रा रोके जाने की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन और भारी मात्रा में पुलिस मौके पर पहुंच गई और हालात बिगड़ने से रोका। दरअसल मुरादाबाद के बिलारी थाना सोनम कपूर के अंतर्गत पड़ते इब्राहिमपुर गांव के लोग भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए श्री हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव लौट रहे थे उनका सारा रास्ता निर्विघ्न कट गया परंतु उनके अपने ही गांव में रहने वाली मुस्लिम स्त्रियों ने उन्हें मंदिर की ओर जाने से रोकते हुए उनका रास्ता बंद कर दिया। रास्ता रोकने के लिए मुस्लिम महिलाओं ने मार्ग में बड़ी-बड़ी चार पहिया लगा दी और खुद उसके पीछे खड़ी हो गईं।
गंगाजल लेकर वापस लौट जाना धर्मानुसार गलत है
इन महिलाओं का कहना था कि कावड़िये किसी और रास्ते से जाएं परंतु कावड़ यात्री कह रहे थे कि इस प्रकार पवित्र गंगाजल लेकर वापस लौट जाना धर्मानुसार गलत है। इस तरह जब कोई भी पक्ष राजी नहीं हुआ तो वहां पर बवाल की स्थिति पैदा हो गई। जिस की खबर पाकर थाना प्रभारी कबीर सिंह मौके पर पहुंच गए तथा स्थिति को संभालने का प्रयास किया परंतु जब सथिती काबू से बाहर हुई तो उन्होंने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद एसपी ग्रामीण विद्यासागर मिश्रा, एडीएम एसडीएम बिलारी राज बहादुर सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉक्टर गणेश गुप्ता इत्यादि भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
हम पैदल चलने के कारण बहुत थके हुए भी हैं
अधिकारियों ने रास्ता रोकने वाली महिलाओं को समझाने का काफी प्रयास किया परंतु वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी। उनका कहना था कि पहले कभी भी इस रास्ते से कांवड़िए नहीं निकले हैं तो इस बार यह लोग इधर से क्यों जा रहे हैं ? वहीं दूसरी ओर कांवड़िए वापस लौटने को तैयार नहीं थे उनका कहना था कि दूसरा रास्ता बहुत लंबा है और हम पैदल चलने के कारण बहुत थके हुए भी हैं इसलिए हमें इस छोटे रास्ते से ही आगे बढ़ने दिया जाए। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में दोनों पक्षों के बीच लगभग 2 घंटे तक पंचायत हुई।
पंचायत में ग्राम प्रधान की ओर से एसडीएम को रास्ते के स्थाई समाधान निकालने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। इसके बाद ही मुस्लिम महिलाएं कावड़ियों के रास्ते से हटीं और कावड़ीये भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए मंदिर की ओर चल पड़े।
बता दें कि प्रशासन को दोनों पक्षों को मनाने के लिए काफी प्रयास करने पड़े तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। वहीं दूसरी ओर कांवड़ का रास्ता रोके जाने के बाद इस मुस्लिम बहुल गांव में अभी तक तनाव का माहौल बना हुआ है तथा पुलिस प्रशासन के द्वारा हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।