Lal Tilak was insulted when Bajrang Dal and students’ families reached the school.”

यह विडंबना ही है कि हिंदुओं के हिंदुस्तान में चल रहे स्कूलों में लगातार हिंदू धर्म के प्रतीकों का अपमान हो रहा है।

सनातन🚩समाचार🌎 हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह के अपमान करने की घटना अब घट गई है उत्तर प्रदेश के मेरठ में। यहां के एक प्राइवेट स्कूल के शिक्षक के द्वारा छात्रों के माथे पर सजे हुए तिलक धुलवा दिए गए हैं। क्रिसमस के अगले दिन छात्रों के परिजन और बजरंग दल के कार्यकर्ता स्कूल में पहुंच गए जहां पर भारी बवाल हुआ।

प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार मेरठ के सुरूरपुर थाना क्षेत्र में भूमि चौराहे के अंतर्गत बने हुए कदम पब्लिक स्कूल में यह निंदनीय घटना घटी है। परेशान होकर स्कूल में पहुंचे हुए छात्रों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि की दिसंबर 2023 को जब उनके बच्चे माथे पर तिलक लगाकर स्कूल में पहुंचे तब इस स्कूल के शिक्षक ने उनके बच्चों के मस्तक पर तिलक लगे हुए देखकर बहुत गुस्सा किया और उन्हें तिलक धोकर आने को कहा।

छुट्टी के बाद जब छात्र अपने-अपने घर पहुंचे तो उन्होंने अपने परिजनों को तिलक के अपमान के बारे में बता दिया। जिस पर परेशान हुए परिजनों ने इस घटना की जानकारी बजरंग दल के प्रांत विद्यार्थी प्रमुख अभिषेक चौहान को दे दी। इसके बाद क्रिसमस के अगले दिन 26 दिसंबर 2023 को बजरंग दल के कार्यकर्ता और छात्रों के परिजन स्कूल में पहुंच गए। इस अवसर पर आक्रोशित परिजनों और बजरंग दल के द्वारा छात्रों के मस्तक से तिलक धुलवाए जाने का विरोध करते हुए प्रिंसिपल का घेराव कर लिया और नारेबाजी की जाने लगी।

बता दें कि इस अवसर पर बजरंग दल और स्कूल प्रबंधन के बीच अच्छी खासी बहस बाजी भी हुई। इस घटना के बारे में बजरंग दल के प्रांत विद्यार्थी प्रमुख अभिषेक चौहान ने बताया कि तिलक के अपमान का मामला उनके संज्ञान में आया था। जिसके अनुसार इस स्कूल में हिंदू छात्रों के तिलक लगाकर जाने का वहां के शिक्षक विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल के द्वारा यह गलत किया गया है क्योंकि जो हिंदू धर्म को मानते हैं वह तो लेकर अवश्य लगाएंगे। यह हमारी संस्कृति है तथा शिक्षक ने छात्रों के मस्तक से तिलक धुलवाकर हिंदू धर्म का अपमान किया है।

पता चला है कि स्कूल वाले हमेशा तिलक को भड़काऊ बताते रहते हैं, इसका साथ ही इस घटना का आरोप उस पीटी टीचर पर डाला जा रहा है जो घटना के दिन स्कूल में आया ही नहीं था। स्कूल के छात्रों के अनुसार उन पर दबाव बनाया गया कि वह इस बारे में कहीं भी कोई बात ना करें। स्कूल पहुंचे छात्रों के परिजनों और बजरंग दल के द्वारा भारी विरोध और प्रदर्शन के बाद आखिर स्कूल ने माना की उनसे गलती हुई है और बढ़ते विरोध को देखते हुए स्कूल ने माफी भी मांगी।

इस अवसर पर बजरंग दल प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब अगर किसी भी छात्र के साथ ऐसा किया गया तो वह लोग सीधे DM के ऑफिस के बाहर धरना देंगे। इस घटना के बारे में स्कूल ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि तिलक के बारे में इसलिए रोका गया था कि बच्चों में तिलक लगाने का मुकाबला शुरू हो गया था। जबकि तिलक हटवाने  जैसी कोई बात नहीं हुई है।

बहरहाल स्कूल ने माफी मांग ली है और यह मामला शांत हो गया है। किंतु बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि आखिर हिंदू अपने बच्चों को उन स्कूलों में भेजते ही क्यों हैं ? जहां पर उनके धर्म का, उनके धर्म के पवित्र चिन्हों का अपमान किया जाता है।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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