Hatred gang attacked the temple, broke the holy idol of mother Kali ji.”

ये नफरत कोई नई नहीं है बल्कि कई सौ साल पुरानी है, इन लोगों का काम ही हिंदू मंदिरों को तोड़ना है।

सनातन 🚩समाचार🌎 देखा जाए तो हिंदू मंदिरों पर हमले होना और हिंदुओं की पवित्र मूर्तियों को तोड़ा जाना अब कोई नई बात नहीं रह गई है, यह घटनाएं तो अब हर रोज होने लगी हैं। वैसे यह घटनाएं कोई नई भी नहीं है। हिंदुओं के प्रति नफरत के चलते कई सौ सालों से हिंदुओं के मंदिर विध्वंस किए जा रहे हैं और मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं।

मंदिर से किलोमीटर दूर फेंका

फिर से हिंदुओं के मंदिर पर हमला करके मां काली जी की भव्य प्रतिमा को खंडित कर दिया गया है, और नफरती गैंग की नफरत इतनी प्रबल रही की मूर्ति तोड़ने वालों ने मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर दूर ले जाकर सड़क पर फेंक दिया। यह घटना घटी है हिंदुस्तान से मजहबी आधार पर अलग हुए बांग्लादेश में। इस मंदिर पर मंदिर पर हमला करके मंदिर में जबरदस्त तोड़फोड़ कर दी गई और साथ ही वहां पर रखी मूर्तियों सहित मां काली जी की बड़ी और भव्य मूर्ति को तोड़ डाला गया है।

बांग्लादेश की पुलिस में भी

बांग्लादेश में यह काली मंदिर अत्यंत प्राचीन माना जाता है हालांकि पुलिस अब मंदिर पर हमला करने वालों की तलाश कर रही है परंतु सभी जानते हैं कि बांग्लादेश की पुलिस में भी नफरती गैंग लोग ही हैं। बता दें कि यह मंदिर झीनईदाह जिले के में पढ़ते दतिया गांव में बना हुआ है। इस दुर्घटना के बारे में मंदिर में चल रही पूजा उत्सव संस्था के एक अधिकारी चंद्रनाथ ने बताया है कि रात के समय मंदिर पर यह हमला किया गया है। ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चंदन पोद्दार ने से दर्दनाक घटना बताते हुए कहा है कि बांग्लादेश में 10 दिवसीय नवरात्र उत्सव इस बार बहुत शांति पूर्वक संपन्न हुआ।

नफरतियों ने हमला कर ही दिया

जिस कारण हम सभी बहुत खुश थे परंतु आखिर हमारी धार्मिक आस्था और हमारे मंदिर पर मजहबी लोगों ने हमला कर ही दिया। उन्होंने बताया कि इस बारे में पुलिस को सूचना दे दी गई थी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज भी कर लिया है और अब हमलावरों की तलाश की जा रही है। इस हमले में मजहबी नफरत इस हद तक प्रभावी रही की हमलावरों द्वारा मां काली जी की मूर्ति तोड़े जाने के बाद मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर से बहुत दूर ले जाकर एक सड़क पर फेंक दिया था। पता चला है कि यह मंदिर अति प्राचीन है तथा यहां पर अंग्रेजों के जमाने में भी स्थानीय हिंदू पूजा अर्चना करते रहे हैं

बता दें कि पिछले साल भी मां दुर्गा जी की पूजा में मजहबी उन्मादियों ने जबरदस्त हमला किया था, जिसमें बहुत सारे हिंदुओं को मार दिया गया था और तोड़फोड़ के साथ ही आगजनी भी की गई थी।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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