“Delhi Police gave clean chit to Suresh Chavhanke (Sudarshan News) > Muslim <, said these things in Supreme Court.”
अपने अस्तित्व की रक्षा करने की बात करना किसी के भी खिलाफ नहीं।
सनातन🚩समाचार🌎एक तरफ जहां 15 मिनट में सारे देश के हिंदुओं को खत्म कर देने की मंशा रखने वाले ओवैसी को आरोप मुक्त कर दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने अस्तित्व की रक्षा करने की बात करने वाले सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके को हमेशा बात बात पर घेरने का प्रयास करते रहते हैं। दरअसल दिल्ली में दिसंबर 2021 को एक सभा आयोजित की गई थी, जिसका आयोजन हिंदू युवा वाहिनी के द्वारा किया गया था। इस मौके पर सुरेश चव्हाणके जी को भी बुलाया गया था और उस सभा में उनका भाषण भी था।
इस भाषण के बारे में सुरेश चौहान के जी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुसलमानों को मार देने की बातें कही हैं। इस आरोप में श्री हरिद्वार में हुई धर्म संसद का भी हवाला दिया गया था, जो महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी द्वारा आयोजित की गई थी।
नफरत भरी बयानबाजी नहीं
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के चलते दिल्ली पुलिस ने पूरी जांच पड़ताल करके अपना एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कोई भी नफरत भरी बयानबाजी नहीं की गई थी। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने हलफनामा इकट्ठा किए गए सबूतों और वीडियो फुटेज के आधार पर सुप्रीम कोर्ट को दिया है। पुलिस का कहना है कि वह सभी बयानों और वीडियो फुटेज की अच्छी तरह जांच पड़ताल करने के बाद ही इस नतीजे पर पहुंची है। दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए अपने हलफनामे में सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके के बारे में बताया है कि उन्होंने मुस्लिमों के लिए ऐसा कुछ भी गलत नहीं कहा है जो उनके खिलाफ हिंसा से प्रेरित हो।
अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान
दिल्ली पुलिस के अनुसार इस सभा में अपने धर्म को मजबूत करने और आसुरी ताकतों से लड़ने का आवाहन किया गया था। इस सारे प्रकरण के बारे में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि याचिकाकर्ता किसी को कटघरे में खींचने के लिए उनके द्वारा कहे गए शब्दों को अपने हिसाब से ढलने का प्रयास कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ही बार-बार अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा है कि पड़ताल किए गए सबूतों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करना संभव ही नहीं है। दरअसल इस बारे में हाई कोर्ट के पूर्व जज एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर इन बयानों की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की थी।
बेबाक शैली
इस याचिका में दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया गया था की वह मौके पर मौजूद थी पर उसने कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें की सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके हमेशा अपनी बेबाक शैली के लिए जाने जाते हैं, तथा यह पूरी तरह राष्ट्रवाद को समर्पित हैं, परंतु उन पर हमेशा मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते रहते हैं। इस बारे में सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मालिक सुरेश चौहान के जी का कहना है कि अगर सत्य बोलना अपराध है तो बेशक में अपराधी हूं, और मैं हमेशा सत्य ही बोलता रहूंगा।
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