“Today 14th February: Is it Vinash Day or Mother-Father Worship Day? When, why and who started this parents worship day ?”
वेलेंटाइन डे वही मनाते हैं जिन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता अगर उनके पिता, भाई, माता या बहन के साथ कोई भी वेलेंटाइन कर ले।
सनातन 🚩समाचार🌎 यूं तो माता पिता के पूजन के लिए कोई विशेष दिन निश्चित नहीं किया जा सकता फिर भी 14 फरवरी को हो रही चरित्रहीनता के स्थान पर अपने माता-पिता का पूजन करने का दिन निश्चित किया गया है एक विश्व प्रसिद्ध संत के द्वारा। अब ये त्योहार सारे देश में मनाया जा रहा है। स्कूलों-कॉलेजों द्वारा अपने विद्यार्थियों को सरेष्ठ संस्कार देने के लिए इसके लिए विशेष आयोजन किए गए हैं।
अपने संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हिन्दू धर्म में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का प्रचलन अब तेजी से बड़ रहा है। माता पिता के बलिदानो और उनके कार्यो को सम्मान देने के लिए मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है। वास्तव में शुद्धतम रूप में ये उत्सव मनाकर हर घर और मानव हृदय में एक सामाजिक जागृति लाने के लिए यह पहल शुरू की गई थी। माता-पिता पूजा दिवस माता-पिता और बच्चों के बीच के बंधन का उत्सव है।
हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता को भगवान से भी बड़ा माना जाता है। हिन्दू संस्कृति में हम अपने माता पिता की पूजा करते हैं।माता-पिता ने हमारे पालन-पोषण में कितना कष्ट उठाया है, हमारे लिए कितना त्याग किया है, इनकी पूजा-अर्चना व सेवा करने से छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी महान बन जाता है। जीते जागते माता-पिता एवं गुरुदेव में सचमुच भगवान बसते हैं। ऐसे देवस्वरूप माता-पिता का जहाँ आदर-पूजन होता हो वहाँ की धरती माता भी अपने आपको सौभाग्यशाली मानती है।
आइए जानते हैं मातृ पितृ पूजन दिवस से जुड़ी कुछ बातें ………
माता-पिता की सेवा करनेवाला स्वयं चिरआदरणीय बन जाता है। इस सिद्धांत को जिन्होंने भी अपनाया वे खुद भी आदरणीय और पूजनीय बन गये, फिर चाहे वे भगवान गणेशजी हों, भगवान श्रीरामचंद्रजी हों, भीष्म पितामह हों अथवा एक साधारण सा बालक श्रवणकुमार हो। देव तुल्य माता-पिता को सम्मान देने के लिए मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में तो कुछ नालायक बेटे अपने माता-पिता को वृद्धा आश्रम भेज देते हैं। ऐसे ही कुसंस्कार को रोकने वाला त्योहार है मातृ पितृ पूजन दिवस।
आज मातृ पितृ पूजन का पवित्र दिन। pic.twitter.com/Zilk9pEGur
— सनातन🚩समाचार🌎 (@Ashwani83281423) February 14, 2023
बताने की आवश्यकता नहीं है देश की भावी पीढ़ी को बचाने के लिए ही सन 2006 में संत श्री आसाराम जी बापू ने सभी सनातनियों से आवाह्न किया था कि 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे नहीं बल्कि मातृ पितृ पूजन दिवस मनाएं। उनकी घोषणा के बाद लगभग 3 साल तक तो उनके शिष्य ही सकूल – स्कूल जाकर मातृ पितृ पूजन दिवस मनाते रहे, और लोगों को बताते रहे किंतु आज देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जहां पर मातृ पितृ पूजन दिवस नहीं मनाया जाता हो।
वेलेंटाइन डे क्या है ? क्यों है ? pic.twitter.com/FUM92QjdGh
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बता दें की सुदर्शन न्यूज़ चैनल के चेयरमैन सुरेश चह्वाणके जी ने भी संत श्री आसाराम जी बापू के शिष्यों के द्वारा मातृ पितृ पूजन दिवस के उपलक्ष में पुणे में एक आयोजन में हिस्सा लिया है। और इसके साथ ही उनके खुद के घर में भी हर वर्ष मातृ पितृ पूजन दिवस मनाते हुए उनके पुत्र अपने माता-पिता की पूजा करते हैं।