“The police arrested the priest for smuggling 12 minor girls with the lure of good education.”
अच्छी नौकरी के नाम पर, इलाज के नाम पर और धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन तो होता ही था, परंतु अब नाबालिग लड़कियों की तस्करी भी आई सामने।
काल्पनिक चित्र
सनातन 🚩समाचार🌎 हर रोज इस तरह की घटनाएं सामने आती जा रही हैं शायद उन्हीं को देखकर अब कुछ लोग कई लोग सोशल मीडिया पर कहने लगे हैं “पत्ता पत्ता हिंदुओं का वैरी”। कई तरह के जहाज जिहाद चर्चा में हैं और कई तरह से हिंदुओं के धार्मिक चिन्हों को अपमानित किया जा रहा है।। कहीं पवित्र मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं, कहीं शोभायात्रा पर हमले तो कहीं कांवड़ियों पर मांस और थूक। और अब इस सब के बीच एक नया मामला आया है नाबालिक लड़कियों की तस्करी का। ना जाने यह लोग इन नाबालिग लड़कियों के साथ क्या करते परंतु समय रहते लड़कियों की तस्करी का पुलिस को पता चल गया और मासूम लड़कियां बचा ली गई।
पकड़े गए पादरी का नाम है रेव जैकब वर्गीज
पुलिस द्वारा बचाई गई नाबालिग लड़कियां राजस्थान और मध्य प्रदेश की हैं। इन मासूम लड़कियों की तस्करी के आरोप में पुलिस ने एक पादरी सहित 3 लोगों को पकड़ लिया है। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार यह पादरी 12 नाबालिग लड़कियों को लेकर 27 जुलाई 2022 को ओखा एर्नाकुलम एक्सप्रेस से केरल लेकर जा रहा था। रेलवे पुलिस को गुप्त सूत्रों के आधार पर इस पादरी के बारे में पहले ही पता चल गया था। जिसके चलते रेलवे सुरक्षा बल और पुलिस ने इससे कोझीकोड रेलवे स्टेशन पर रोक लिया। इस पकड़े गए पादरी का नाम है रेव जैकब वर्गीज। पकड़े गए पादरी की आयु 55 वर्ष है जोकि पेरंबवुर के करुणा भवन चैरिटेबल ट्रस्ट का निर्देशक और पेंटेकोस्टल चर्च का पादरी भी है। रेलवे पुलिस बल और पुलिस द्वारा जब जांच की गई तो नाबालिग लड़कियों के साथ 6 बड़े लोग भी पाए गए।
पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो……
इनमें दो युवक लोकेश कुमार और श्यामलाल भी शामिल थे। दरअसल इनके साथ यात्रा कर रहे सह यात्रियों को भी इन पर शक हुआ तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी। हालांकि इस पादरी के बारे में पुलिस पहले ही मुस्तैद थी। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो लोकेश और श्याम ने सब कुछ बता दिया इस पर पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इनसे की गई पूछताछ से भी पुलिस को पादरी के बारे में जानकारी मिली। नाबालिग लड़कियों और उनके साथ जा रहे लोगों से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि वे पेरंबवूर के करुणा भवन चैरिटेबल ट्रस्ट में जा रहे थे। इस बड़ी जानकारी के बाद पादरी को एर्नाकुलम में कृप्पमपडी पुलिस ने गिरफ्तार करके कोझीकोड रेलवे पुलिस को सौंप दिया।
इस मामले में पादरी की ट्रस्ट ने ऐसा कुछ नहीं किया
इस सारे प्रकरण के बारे में कोझीकोड रेलवे पुलिस के एसआई जमशेद पी ने कहा है कि आरंभिक जांच से पता चला है कि लड़कियों को अच्छी शिक्षा और अच्छे भविष्य का लालच देकर राजस्थान से लाया गया था। पकड़े गए दोनों युवक इस संस्थान के ही पुराने कर्मचारी हैं। बता दें कि किसी भी संस्थान के माध्यम से बच्चों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए राज्य बाल कल्याण समिति की आज्ञा लेने की आवश्यकता होती है जबकि इस मामले में पादरी की ट्रस्ट ने ऐसा कुछ नहीं किया। पुलिस ने पकड़े गए पादरी और उसके साथी दो एजेंटों के खिलाफ आईपीसी की धारा 370 1234 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। इस बारे में कोझीकोड रेलवे पुलिस ने भी आईपीसी की धारा 370 के अंतर्गत मानव तस्करी का मामला भी दर्ज किया है।
पुलिस द्वारा मुक्त करवाई गई सभी 12 नाबालिग लड़कियों को कोझीकोड सी डब्लू सी द्वारा लड़कियों के लिए संचालित सरकारी बालग्रह बिल्लीमदूकन्नू में भेज दिया गया हैं। इसके साथ ही पकड़े गए पादरी को पुलिस द्वारा कोझीकोड न्यायाधीश प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट – 1 में हाजिर किया गया जहां से उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।