“On the allegation of a woman, women are doing this work all over the country demanding the release of an 86-year-old elderly saint.”
अपने संतों का अपमान क्यों सहते है हिंदू ❓
सनातन🚩समाचार🌎 इसे एक विडंबना ही कहा जाएगा कि वर्तमान में जहां एक और कहा जा रहा है कि देश में हिंदुत्ववादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और लोग मोदी मोदी योगी योगी भी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक ऐसा पहलू भी है जहां पर एक 86 वर्ष के हिंदुओं के बुजुर्ग संत पिछले 9 सालों से लगातार जेल में बंद हैं। उनकी आयु के देखते हुए एक सीनियर सिटीजन होने का उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा, उन्हें जमानत नहीं दी जा रही और साथ ही एक ऐसा अधिकार जो हर कैदी का अधिकार हैं वह है “पैरोल” उन्हें 1 की भी पैरोल नहीं दी गई है।
कसाइयों से पैसे देकर
जी हां हम बात कर रहे हैं विश्व प्रसिद्ध “संत श्री आसारामजी बापू” की। दुनिया जानती है की इस वृद्ध संत ने सारी उम्र सनातन धर्म का प्रचार किया और इन्होंने बहुत भारी संख्या में उन लोगों की घर वापसी करवाई जो किसी न किसी कारण से अपना धर्म त्याग कर ईसाई बन चुके थे। साथ ही इन्होंने देश में ऐसी बहुत सारी गौशाला बनवाईं जिनमें धर्मानुसार वेद लक्ष्णा गाय ही निवास करती हैं। इन्होंने कई बार कसाइयों से पैसे देकर गाय खरीदी और उन्हें अपनी गौशालाओं में ले जाकर उन का भरण पोषण करने का जिम्मा अपने शिष्यों को दिया। इनके अनेक आश्रम हैं अनेकों बाल संस्कार केंद्र हैं और भी बहुत सारे सेवा कार्य इनके साधकों के द्वारा आज भी किए जा रहे हैं।
बलात्कार के आरोप प्रमाणित
जैसा कि सभी जानते हैं इनके ऊपर एक लड़की ने आरोप लगाया की उसके साथ बलात्कार किया गया है, जिसकी जांच किए बिना ही उन्हें तुरत फुरत में पकड़कर जेल में ठूंस दिया गया। जबकि ऐसे असंख्य अपराधी अदालतों से जमानत पर रिहा होकर आराम से घूम फिर रहे हैं जिन पर जघन्य अपराधों के आरोप हैं, और साथ ही ऐसे लोग भी जमानत पर आराम से छूट कर घूम रहे हैं जिन पर बलात्कार के आरोप प्रमाणित हो चुके हैं। परंतु संत श्री आसाराम जी बापू को शायद इसी बात का दंड मिल रहा है कि उन्होंने भारी संख्या में हिंदुओं की घर वापसी करवाई। उन्होंने बहुत तरह के लोक कल्याण के कार्य किए और सनातन संस्कृति का पूरे जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया।
पंजाब के लुधियाना महानगर में
शायद उनके इन्हीं कार्यों से परेशान होकर हिंदू द्रोहियों ने उन पर एक गहरा षड्यंत्र करके एक आरोप लगवा दिया और वह आज जेल में हैं। हालांकि यह प्रमाणिक तथ्य है कि आज तक भी अदालत में कोई भी ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका है जिससे यह सिद्ध हो सके कि संत श्री आसाराम जी बापू ने बलात्कार किया है। परंतु फिर भी वह सजा मिलने के बाद अब जेल में बंद हैं। इस सबके चलते विश्व भर में महिला दिवस से महिलाओं के द्वारा रोष रैलियां निकाली जा रही हैं। ऐसी ही एक रैली पंजाब के लुधियाना महानगर में 22 मार्च 2022 को मॉडल टाउन से निकाली गई है। इस रैली में भारी संख्या में महिलाओं ने शामिल होकर बापू जी के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ रोष व्यक्त किया।
महिलाएं रो रही थीं
इस रैली में चल रही महिलाएं अपने हाथों में संत जी के समर्थन में लिखे हुए पोस्टर हाथ में उठाए चल रही थी और साथ ही बापूजी को रिहा करो बापूजी निर्दोष हैं इत्यादि नारे भी लगा रही थीं। “सनातन समाचार” यह देखकर अचंभित था की महिलाओं की इस रोष रैली में शामिल कई महिलाएं रो रही थी तो कोई पीड़ित आवाज में बापूजी के समर्थन में नारे लगाते हुए चल रही थीं। यह रैली लुधियाना के मॉडल टाउन से शुरू होकर कई इलाकों से गुजरी। इस सारे रास्ते में महिलाओं की रैली को भरपूर समर्थन भी मिला। कहीं पर लोगों ने इन महिलाओं पर पुष्प वर्षा की गई तो कहीं पर इन महिलाओं का स्वागत शीतल पेय पदार्थों के द्वारा भी किया गया।
इतनी महिलाएं कह रही हैं
इस रैली में शामिल हुई महिलाओं से जब सनातन समाचार ने बात की तो सभी ने एक सुर में एक ही बात कही कि बापू जी पूरी तरह निर्दोष हैं। हमने बार-बार सभी महिलाओं से एक ही बात पूछी की बापूजी पर गंभीर आरोप लगा है, उन्हें सजा भी हुई है वह जेल में हैं परंतु लगभग सभी महिलाओं का यही कहना था कि एक महिला के कहने पर उन्हें जेल में डाल दिया गया है, और जो हम इतनी महिलाएं कह रही हैं कि बापूजी निर्दोष हैं, तो हमारी बात क्यों नहीं सुनी जा रही है ? बहरहाल महिलाओं के द्वारा निकाली गई यह रोष रैली एक सफल रैली कही जा रही है, क्योंकि इसमें सभी महिलाएं पूरे अनुशासन के साथ कतार बद्ध होकर चल रही थीं, और शांति पूर्वक अपने रोष का प्रदर्शन भी कर रही थीं, जिस कारण आसपास के लोग और दुकानदार इस रैली की प्रशंसा करते हुए भी देखे गए।
यहां बड़ा सवाल यह है कि हिंदुओं के प्रसिद्ध संत “श्री आसाराम जी बापू” को आखिर कब तक जेल में रखा जाएगा ? और आखिर क्यों उन्हें जमानत भी नहीं दी जा रही ? जमानत तो दूर उन्हें आज तक 1 सेकंड की पैरोल भी नहीं दी गई है। हालांकि इस बीच उनकी पत्नी का स्वास्थ्य भी काफी खराब हो गया था तब भी अदालत में अर्जी दिए जाने के बावजूद भी उन्हें अपनी वृद्ध और बीमार धर्मपत्नी को देखने तक की अनुमति नहीं दी गई थी। अब यह सवाल तो बनता ही है की हिंदुओं के इस 86 वर्ष के बुजुर्ग संत के साथ इतना घोर अन्याय क्यों और आखिर क्यों ❓❓