When the Muslim returned home, the nest was destroyed, the pain of Wasim Rizvi / Jitendra Narayan Singh Tyagi spilled out of Shri Haridwar Jail.”

मेरी बस्ती के सारे लोग तमाशबीन थे, देखते रहे मेरा घर जल गया।

सनातन🚩समाचार🌎 पिछले कई सालों तक यही माना जाता था कि इस्लाम में दाखिल तो हुआ जा सकता है परंतु इस्लाम से निकलने का कोई रास्ता नहीं है। परंतु पिछले लगभग 10 सालों से यह धारणा बदली है और सारी दुनिया के बहुत सारे मुसलमान इस्लाम त्यागकर हिंदू बन चुके हैं। इसी कड़ी में हिंदुस्तान का एक प्रसिद्ध नाम है वसीम रिजवी/जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी।

काफिरों का कत्ल

वसीम रिजवी पहले मुसलमान थे और शिया वक्फ बोर्ड के उच्च अधिकारी भी थे, परंतु इनको जो लगा उसके चलते उन्होंने इस्लाम त्याग दिया और हिंदू बन गए। बता दें कि वसीम रिजवी/ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई थी जिसमें कहा गया था कि कुरान कुरान में से उन 26 आयतों को हटा देना चाहिए जिन्हें पढ़कर काफिरों का कत्ल करने की प्रेरणा मिलती है। उसके बाद लगातार विवादों में रहे वसीम रिजवी आखिरकार महामंडलेश्वर यती नरसिंहानंद गिरी जी की देखरेख में इस्लाम त्याग कर विधिवत हिंदू धर्म में दीक्षित हो गए, साथ ही महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने इन्हें अपना भाई बनाते हुए इन्हें अपना गोत्र “त्यागी” भी दिया।

इस्लाम के बारे में

यह जगजाहिर है कि यति नरसिंहानंद गिरि जी का सिर काट देने का जितना भारी रकम का फतवा लगा हुआ है उतना आज तक किसी के भी सिर काटने का फतवा जारी नहीं किया गया है। इस्लाम त्याग कर हिंदू बने वसीम रिजवी जितेंद्र नारायण नारायण सिंह त्यागी ने इस्लाम के बारे में बहुत सारे खुलासे किए उन्होंने बार-बार यह कहा की अगर कोई कुरान पर अमल करता है तो वह अवश्य ही हिंदुओं का दुश्मन है। ऐसी बहुत सारी बातों के चलते आखिर वसीम रिजवी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को के ऊपर प्रशासन द्वारा अपराधिक मामला दर्ज करके उन्हें श्री हरिद्वार की जेल में भेज दिया गया।

इस्लाम से निकाला जा चुका है

उनकी गिरफ्तारी के बाद महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने श्री हरिद्वार में आमरण अनशन चालू कर दिया तो उन्हें भी जेल में डाल दिया गया था परंतु वह अब जमानत पर बाहर आ गए हैं परंतु वसीम रिजवी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी अभी तक जेल में ही हैं उनकी जमानत को स्थानीय अदालत और उत्तराखंड की हाईकोर्ट में रद्द कर दिया है। बता दें की वसीम रिजवी/जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को इस्लाम से निकाला जा चुका है अतः अब भाई होने के नाते उनके केस की सारी जिम्मेदारियां महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ही वाहन कर रहे हैं।

इस सबके बीच जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने जेल से अपने भाई महामंडलेश्वर जी को एक पत्र भेजा है जो हर उस व्यक्ति को चिंतित कर देने वाला है जो अपने आप को सनातनी – हिंदू कहते हैं। इस पत्र में वसीम रिजवी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के मन की पीड़ा झलक रही है। यहां सोचने वाली बात यह है कि अगर घर वापसी किए हुए लोगों को हिंदू समाज यूं ही उनके हाल में छोड़ देगा तो क्या यह उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय नहीं होगा ? ?

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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