जहां जहां भी हिन्दू अपनी जनसंख्या घटा लेते हैं वहीं वहीं ये सब अवश्य होता है।
पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले होना कोई नई बात नहीं है। अब ये नई घटना घटी है सिंध के खिप्रो में, जहाँ श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कर रहे हिंदुओं पर कट्टरपंथियों/ मुस्लिमों ने भयानक हमला कर दिया और भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों को बेरहमी से तोड़ डाला। बताया जा रहा है कि यह जगह जबरन धर्म परिवर्तन के लिए भी काफी बदनाम है।
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में हिंदुओं पर और उनके मंदिरों पर हमले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। ताजा मामला सिंध के खिप्रो से सामने आया है, जहाँ श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कर रहे हिंदुओं पर कट्टरपंथि दानवों ने आक्रमण कर किया और भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमाओं को भी खंडित कर दिया। उस इलाके में जबरन धर्मांतरण करवाया जाना और हिन्दू लड़कियों को उठा कर उनसे बलपूर्वक निकाह करना भी आम बात है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में सोमवार (30 अगस्त) को हिंदू समुदाय के लोग अपने पवित्र त्योहार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा कर रहे थे, जिससे वहां के मुस्लिम भड़क गए। इसके कुछ देर बाद ही कट्टरपंथियों की बड़ी भीड़ पूजा स्थल पर पहुंच गयी और उन्होंने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में पूजा कर रहे लोगों को मारपीट कर वहाँ से भगा दिया। इसके बाद उन दैत्यों ने भगवान कृष्ण की प्रतिमा को भी तोड़ डाला।
मंदिर में तोड़फोड़
इस बारे में एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट और वकील राहत ऑस्टिन ने ट्वीट करते हुए बताया कि, ‘सिंध के खिप्रो में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू भगवान का अपमान किया गया है, क्योंकि वे हिन्दू लोग भगवान कृष्ण का जन्मदिन (जन्माष्टमी) सेलिब्रेट कर रहे थे। पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा के झूठे इल्जाम में भी मॉब लिंचिंग या मौत की सजा दी जाती है, मगर गैर-मुस्लिम देवताओं के खिलाफ अपराध में किसी भी प्रकार की कोई सजा नहीं होती है।
बता दें कि यह घटना तो पाकिस्तान की है आप कह सकते हैं कि यह तो पाकिस्तान में है, वहां तो यह होता रहता है। परंतु आपको यह भी पता होना चाहिए कि मंदिर टूटने की घटनाएं अब हिन्दुस्थान में भी हर रोज हो रही हैं। ऐसा कोई भी दिन खाली नहीं जाता है जिस दिन कहीं ना कहीं कोई मंदिर ना तोड़ा जाता हो। और अब तो प्रशासनिक लोग भी मंदिर तोड़ने लग गए हैं।
अवैध मजारें
क्योंकि उनके अनुसार वह तोड़े जाने वाले मन्दिर अवैध रूप से बने हुए हैं, परंतु एक ध्यान देने वाली बात यह भी है की लगभग प्रत्येक राज्य में प्रशासन के द्वारा तोड़े जाने वाले मंदिरों को अवैध कह कर तो तोड़ा जाता है परंतु इन्हीं स्थानों पर आसपास अवैध रूप से मजारें भी बनी हुई होती हैं, जिनकी तरफ कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या कोई नेता आंख उठाकर भी नहीं देखता है।
ऐसे में ये सवाल यह उठता है कि हिंदू अपने हिंदुस्तान में ही इतना सन्ताप क्यों झेल रहे हैं ? हिंदुओं की कोई आस्था नहीं है क्या ???