ये सब तो आपको पता होना ही चाहिए अगर अस्तित्व बचाना है तो।
सनातन🚩समाचार🌎 एक बहुत बड़ा षड्यंत्र करके सारे सनातनी समाज को बर्बादी की ओर धकेल दिया गया है। शादी विवाह हो या चुनाव हो केवल एक ही बात सबसे पहले सुनी जाती है कि जाति कौन सी है ? चुनावों में तो विशेष तौर पर यह देखा जाता है कि किस इलाके में कौन सी जाति के कितने वोटर हैं वहां पर कौन सा उम्मीदवार उतारा जाए। इन सबके चलते महाशक्तिशाली हिंदू आज जातियों में बंट कर खंड खंड हो गया है और अपने अस्तित्व के खात्मे की ओर बढ़ रहा है।
विडंबना यह है कि आज अगर हिंदू चाहकर भी इस भयंकर षड्यंत्र से निकल नहीं पा रहा है। क्योंकि अपने देश का संविधान भी कुछ इसी प्रकार की बातें बताता है। संविधान के अनुसार ब्राह्मण का पुत्र ब्राह्मण ही होगा भले ही वह कितने भी नीच कार्य करे। संविधान के अनुसार एक दलित का पुत्र दलित ही रहेगा भले ही वह संस्कृत का, धर्म का कितना भी बड़ा ज्ञाता क्यों ना हो जाए, भले ही वह राष्ट्रपति बन जाए परंतु रहेगा दलित ही। यह सभी बातें हिंदुओं की बर्बादी का कारण बन रही हैं। फिर भी जब तक संविधान में कोई संशोधन नहीं हो जाता तब तक हमें आपको हम सभी को सतर्क तो होना ही पड़ेगा और परस्पर यह जानकारियां सांझी तो करनी ही पड़ेंगी ताकि हमारा और नाश ना हो।
आइए जानते हैं की हमारे महान इतिहास में क्या-क्या हुआ ?? हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
छुआछूत और जातिवाद के नाम पर मुगलों और अंग्रेजो द्वार समाज में घोला गया जहर पहले क्या था अब क्या है अवश्य पढ़ें।
सम्राट #शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री #सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए #भीष्म जी ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म जी आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा ?
महाभारत लिखने वाले वेद व्यास जी भी मछवारन के बेटे थे, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे, #हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।
भीम ने वनवासी #हिडिम्बा से विवाह किया।
श्रीकृष्ण भगवान जी दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
उनके भाई #बलराम जी खेती करते थे , हमेशा हल साथ रखते थे।
यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्री कृषण सबके पूजनीय हैं, श्रीमद्भगीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।
राम के साथ वनवासी #निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे।
तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी किसी भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।
वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।
प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से #नाई थे ।
नन्द वंश की शुरुवात #महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी,
बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये।
उसके बाद #मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत #चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण #चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।
फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।
केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर 92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया ? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।
फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।
अंत में #मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले #गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, #चरवाहा जाति के #होलकर को मालवा का राजा बनाया।
अहिल्या बाई होलकर खुद मानकर की बेटी थी बहुत बड़ी शिवभक्त थी, इंदौर से राज चलाया और उन्होंने ढेरों मंदिर व गुरुकुल बनवाये।
मीरा बाई जी जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार #रविदास जी थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण #रामानंद जी थे|।
यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।
मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।
1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।
अंग्रेज अधिकारी #निकोलस_डार्क की किताब “कास्ट ऑफ़ माइंड” में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।
इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि “मेगास्थनीज” ने इंडिका लिखी, ‘फाहियान’, ‘ह्यू सांग ‘और ‘अलबरूनी’ जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।
जन्म आधारित जातीयव्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।
इसलिए सनातनी/हिंदू होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से ख़ुद भी बचें और औरों को भी बचाएं🙏🙏
Dalit Untouchability Kshatriya Casteism Brahmin History Our Ancestors Do you know?