"Uttar Pradesh: That wretched day of havoc on the sages, when they ran to drag and ran and did lathi charge, you will not even remember"

भूल गए होंगे आप क्योंकि आप हिंदू हैं …..

सनातन🚩समाचार🌎 बहुत दर्दनाक और अपमानजनक था वह दिन जब उत्तर प्रदेश में निर्दोष साधु-संतों और धार्मिक लोगों पर बेतहाशा लाठीचार्ज किया गया था जिसमें असंख्य साधु संत और अन्य धार्मिक लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे। उस समय की सरकार ने जरा भी नहीं सोचा था की जिन लोगों के वह पिटाई करवा रहे हैं वह देश के संभ्रांत और निहत्थे नागरिक हैं। और साथ ही हिंदुओं का वह आदरणीय संत समाज भी है जिन के निर्देशों से लोग धर्म पालन करते हैं।

समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते साल 2015 में वाराणसी में साधु-संतों के साथ ये भयंकर मारपीट हुई थी। पुलिस लाठीचार्ज में साधु-संत बुरी तरह से घायल हो गए थे। यही नहीं तत्कालीन सरकार ने उस समय 1000 ये ज्यादा लोगों पर मारपीट और दंगा भड़काने का मुकदमा भी पुलिस ने दर्ज कर लिया था।

आपको बता दें कि यह घटना तब हुई थी जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार की सत्ता थी। उस समय तो यह हाल था कि मंदिरों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर तक उतरवा दिए गए थे ताकि उन पर भजन कीर्तन ना चलाए जा सकें। इसके साथ ही हर तरह से हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों का हनन हो रहा था। उसी कड़ी में यह घटना भी घटी थी। दरअसल हिंदू लोग अपने धार्मिक अधिकार का पालन करते हुए अपने प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान जी का पूजन के बाद उनके पवित्र मूर्ति का श्री गंगा जी में विसर्जन करना चाहते थे। परंतु हिंदुओं को अपना यह धार्मिक अनुष्ठान करने से उस समय की अखिलेश यादव की सरकार ने रोक दिया था। जिस कारण यह विवाद हुआ और फिर जिसकी कीमत हिंदुओं के साधु संतों और असंख्य हिंदुओं को भयंकर मार खाकर वा अपमानित होकर चुकानी पड़ी थी।

जब हिंदुओं को श्री गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन करने से जबरन रोक दिया गया, तब सभी हिंदू अपने संतो सहित इस अत्याचार के विरोध में पवित्र मूर्ति के साथ ही धरने पर बैठ गए थे। वाराणसी में गंगा जी में गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन रोके जाने के विरोध में सोमवार की रात से गोदौलिया चौराहे पर धरना दे रहे मराठा गणेशोत्सव सेवा समिति के कार्यकर्ताओं के समर्थन में दूसरे दिन आम जनता भी सड़क पर उतर आई। विसर्जन पर प्रतिबंध लगाए जाने से दुखी साधु-संतों के धरने पर बैठने से माहौल गरम हो गया था। गंगा जी में प्रतिमा विसर्जन की अनुमति के लिए दो संतों ने अन्न-जल का परित्याग कर दिया।

तब मारवाड़ी अस्पताल के सामने गणेश जी की प्रतिमा रखकर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के साथ सैकड़ों लोग सोमवार को पूरी रात जागते रहे। दशाश्वमेध जाने वाले मार्ग पर बैरियर लगाकर पुलिस-पीएसी के जवान प्रदर्शनकारियों को इंच भर आगे बढ़ने देने के लिए तैयार नहीं हुए। सुबह जब धरनास्थल पर भीड़ का दबाव बढ़ने लगा तब कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ ही पीएसी बुला ली गई। एसपी सिटी सुधाकर यादव ने धरनारत लोगों को हटने के लिए कहा लेकिन वे गंगा विसर्जन के अलावा कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं हुए। दिन के नौ बजे पातालपुरी पीठ के महंत बालक दास, साध्वी हरिसिद्धि के अलावा कुछ अखाड़ों के भी साधु वहां पहुंच गए।

इस बीच नवसंघ की काली प्रतिमा के संयोजक असित दास, गोल्डेन क्लब के अध्यक्ष अमर बोस समेत केंद्रीय पूजा समिति के पदाधिकारी भी आंदोलन में शामिल हो गए। दोपहर 1:15 पर प्रदर्शनकारियों का उत्साह तब और बढ़ गया जब द्वारका शारदा, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कई संतों के साथ आकर धरने पर बैठ गए। अविमुक्तेश्वरानंद जी और महंत बालक दास जी ने अन्न-जल का परित्याग करने की घोषणा कर दी। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी उस समय की समाजवादी सरकार का हृदय नहीं पसीजा, किसी ने भी उन इकट्ठा हुए भारी संख्या में इकट्ठा हुए हिंदुओं की और संत समाज की पुकार नहीं सुनी और आखिर उन्होंने वह जुल्म कर डाला जो शायद कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

https://vimeo.com/671014242
धर्म पर अत्याचार की प्रकाष्ठा

अंधाधुंध लाठियां चलाईं गईं और निर्दयता पूर्व पीट पीट कर हिंदुओं को बदहाल कर दिया गया तथा साथ ही आदरणीय संत जनों को भी बुरी तरह पीटा गया। परंतु यह भी एक विडंबना ही है कि हिंदू अपने पर हुए अत्याचारों को बहुत जल्दी भूल भी जाते हैं। इस सरकारी अत्याचार पर ज्योतिष और शारदा-द्वारका पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु शंकाराचार्य जी सहित तत्कालीन समय के संत समाज ने जोरदार विरोध जताया था।

इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद उस समय मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई तो दूर अपनी जुबान तक नहीं खोली थी।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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