“Know the glorious history of your Sanatan Dharma which you must know.”
सनातन धर्म का अस्तित्व सृष्टि के आरंभ से ही है। ये किसी ने बनाया नहीं है। सनातनी/हिंदू बनने के लिए किसी भी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है।
सनातन 🚩समाचार🌎 क्या आपको पता है की कभी सारे भूमंडल पर केवल और केवल सनातन/हिंदू धर्म ही था परंतु ना जाने किन अज्ञात कारणों से खत्म होते होते हिंदुओं का अस्तित्व खत्म होते होते पृथ्वी के बहुत छोटे से भू भाग हिंदुस्तान में सिमट कर रह गया, उसके बाद फिर से पाकिस्तान और बंगलादेश से हिंदू खत्म हो गए। हिंदुओं के खात्मे की ये प्रक्रिया आज भी लगातार जारी है जिसके चलते आज 9 राज्यों में तो हिंदू अल्पसंख्यक हो ही चुके हैं और दिल्ली सहित देश के बहुत सारे स्थानों से हिंदू निपट चुके हैं। इस भयंकर घटनाक्रम का कारण माना जा रहा है “हिंदुओं द्वारा बच्चे पैदा ना करना”
अब आते हैं इस लेख के मूल विषय पे ……..
पहले धरती के सात द्वीप थे- जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर। इसमें से जम्बूद्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है। राजा प्रियव्रत संपूर्ण धरती के और राजा अग्नीन्ध्र केवल जम्बूद्वीप के राजा थे।
भारतवर्ष के 9 खंड हैं
जम्बूद्वीप में नौ खंड हैं- इलावृत, भद्राश्व, किंपुरुष, भारत, हरि, केतुमाल, रम्यक, कुरु और हिरण्यमय। इसमें से भारतखंड को भारत वर्ष कहा जाता था। भारतवर्ष के 9 खंड हैं- इसमें इन्द्रद्वीप, कसेरु, ताम्रपर्ण, गभस्तिमान, नागद्वीप, सौम्य, गन्धर्व और वारुण तथा यह समुद्र से घिरा हुआ द्वीप उनमें नौवां है। भारतवर्ष के इतिहास को ही हिन्दू धर्म का इतिहास नहीं समझना चाहिए।
हमारे महान और विद्वान पुरखे
ईस्वी सदी के आरंभ में जब अखंड भारत से अलग दुनिया के अन्य हिस्सों में लोग पढ़ना-लिखना और सभ्य होना सीख रहे थे, तो वहीं दूसरी ओर भारत में सम्राट विक्रमादित्य, पाणीनी, चाणक्य जैसे महान विद्वान व्याकरण और अर्थशास्त्र की नई नई इमारतें खड़ी कर रहे थे। इसके साथ ही हमारे आर्यभट्ट, वराहमिहिर जैसे विद्वान अंतरिक्ष के बारे में हर रोज नए अनुसंधान कर रहे थे।
लोग विदेशों से आते थे
वसुबंधु, धर्मपाल, सुविष्णु, असंग, धर्मकीर्ति, शांतारक्षिता, नागार्जुन, आर्यदेव, पद्मसंभव जैसे लोग उन सर्रष्ठ विश्वविद्यालयों में पढ़ते थे जो केवल हिंदुस्थान में ही थे। यहां तक्षशिला, विक्रमशिला, नालंदा आदि अनेक विश्व विद्यालयों में देश विदेश के लोग पढ़ने आते थे।
गर्व कीजिए की आप हिंदू हैं
तो यदि आप हिन्दू हैं तो गर्व कीजिए कि आप विश्व की एक प्राचीन और महान विरासत का हिस्सा हैं। अपने धर्मग्रंथो का अध्ययन कीजिये और उनके ज्ञान से स्वयं को उन्नत और श्रेष्ठ बनाइयेI आइये और हिंदुत्व की महान विरासत से, अद्भुत ज्ञान से अपने जीवन का निर्माण कीजियेI
🚩“श्रीमद्भगवद्गीता शरणम गच्छामी “🚩
हिंदू द्रोही मीडिया के लिए बहुत फंडिंग है, किंतु हिंदुत्ववादी मीडिया को अपना खर्चा चलाना भी मुश्किल है। हिंदुत्व/धर्म के इस अभियान को जारी रखने के लिए कृपया हमे DONATE करें। Donate Now या 7837213007 पर Paytm करें या Goole Pay करें।