St. Joseph’s School punished 18 children for the crime of saying “Jai Shri Ram”.

चाहे जो हो जाए, कितना मर्जी धर्म का अपमान हो जाए पर हिंदू सेकुलरपना नहीं त्यागेंगे।

सनातन 🚩समाचार🌎 यह विडंबना ही है की अपने धर्म का बार-बार अपमान होने के बावजूद भी बहुत सारे हिंदू अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाना अपनी शान समझते हैं। ऐसी खबरें हर रोज सामने आती रहती हैं जब किसी ना किसी क्रिश्चियन स्कूल में कभी हिंदू बच्चों के कलावे उतरवा दिए जाते जाते हैं, कभी तिलक पर आपत्ति जताई जाती हैं तो कभी जय श्री राम बोलने पर पाबंदी लगाई जाती है।

अब इसी प्रकार का एक और मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के सागर जिले से। यहां पर एक मिशनरी स्कूल में लंच ब्रेक के समय बच्चों द्वारा आपस में जय श्री राम बोलने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। इतना ही नहीं स्कूल ने इस बारे में कक्षा के अन्य 30 बच्चों से भी माफीनामा लिखवाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना घटी है सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में।

यहां पर दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों पर उनके लंच ब्रेक के समय जय श्रीराम के नारे लगाने का आरोप लगाया गया है इस आरोप के बाद स्कूल प्रबंधन ने सारी क्लास से ही माफीनामा लिखवा लिया है, और साथ ही दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले 18 छात्रों को स्कूल से निलंबित भी कर दिया है। स्कूल की कार्रवाई से छात्रों के परिजन स्कूल प्रबंधन से बहुत नाराज हैं और परेशान भी हैं। उनका कहना है कि हमारे बच्चों को सस्पेंड करने की बजाय उन्हें चेतावनी भी दी जा सकती थी परंतु उनको स्कूल से निलंबित करने से उनका भविष्य खराब होने वाला है।

स्कूल की इस अन्याय पूर्ण कार्रवाई पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने संज्ञान लिया है। सागर जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि छात्रों का निलंबन गलत बात है। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल को फ्रीडम आफ स्पीच का सम्मान करने के लिए भी कहा है। बता दें कि स्कूल पर यह आरोप लगने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल सिस्टर मौली ने सफाई देते हुए कहा है की यह छात्र अपने जूनियर छात्रों को परेशान कर रहे थे।

इसके साथ ही सिस्टर मौली थॉमस ने यह भी कहा है कि केवल एक विद्यार्थी को ही स्कूल से निलंबित किया गया है। इस बारे में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए सागर जिला के डीएम को एक नोटिस जारी किया है। इस बारे में एनसीपीसीआर ने अपने नोटिस में कहा है कि 7 दिनों के अंदर इस बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए, और साथ ही कहा है कि बच्चों की पढ़ाई किसी भी स्थिति में रुकने नहीं चाहिए।

https://youtu.be/bIks2wBfpZQ

यहां बड़ा सवाल ये है की छुट्टी के समय अगर हिंदू बच्चे आपस में जय श्री राम बोल कर एक दूसरे का अभिवादन नहीं करेंगे तो और क्या करेंगे ? और अगर यह जय श्रीराम बोलते हैं तो क्या इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जानी चाहिए ? इसके साथ ही यह इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जब हिंदुओं को पता है कि उनके आराध्य देवी-देवताओं को मिशनरी स्कूल वाले घृणा की दृष्टि से देखते हैं और हिंदू परंपराओं को किसी ना किसी बहाने बाधित करते रहते हैं तो इसके बावजूद ना जाने ऐसा क्या करना है जो हिंदू लोग फिर भी अपने बच्चों को इन मिशनरी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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