जब सरकार ही ऐसे कुकृत्यों पे प्रदा डालने का प्रयास हिंदुओं के लिए अफत है।

सनातन🚩समाचार🌎 यह विडंबना ही है कि हिंदुस्तान में रह रहा हिंदू ही अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा हैं। कभी कहीं हिंदू लड़कियां लव जिहाद का शिकार होती हैं और कभी कहीं पर धर्म परिवर्तन के मामले होते रहते हैं। परंतु तब हिंदुओं के लिए बहुत ज्यादा मुसीबत उस समय हो जाती है जब कोई सरकार ही ऐसे अपराधों पर लीपापोती करने लग जाए। लावण्या नाम की छोटी बच्ची के द्वारा की गई आत्महत्या अब हिंदुओं के लिए एक ज्वलंत पीड़ा बन चुकी है। आशा तो यह की जा रही थी कि इस गंभीर अपराध पर तमिलनाडु सरकार कोई ठोस कार्रवाई करती परंतु ऐसा नहीं हुआ, और अब तमिलनाडु की सरकार ही संदेह के घेरे में आ चुकी है।

19 जनवरी 2022 को तमिलनाडु में लावण्या नाम की छोटी बच्ची ने उस समय दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी जब उसके स्कूल और हॉस्टल के प्रबंधकों द्वारा उस पर ईसाई बनने का दबाव डाला गया था। जब इस गंभीर घटना की जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मिली तो उसने इसके ऊपर गंभीरता से विचार किया, साथ ही इस मामले के बारे में बीजेपी ने सीबीआई के द्वारा जांच करवाए जाने की मांग की है। अब एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो 30 और 31 जनवरी को तमिलनाडु जाएंगे और वहां के सैक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 17 वर्षीय नाबालिग छात्रा की आत्महत्या के मामले की जांच करेंगे। एनसीपीसीआर ने इस दुखद घटना के बारे में तमिलनाडु सरकार से भी जवाब मांगा है।

आयोग के अध्यक्ष कानूनगो के अनुसार एनसीपीसीआर ने 21 जनवरी को तमिलनाडु के डीजीपी को नोटिस जारी कर उन्हें प्रमाण सहित रिपोर्ट देने के लिए का था और साथ ही लड़की के माता-पिता के बयान के आधार पर एफ आई आर दर्ज करने के लिए भी कहा था परंतु अभी तक DGP की तरफ से हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है। अतः अब मैं खुद इस मामले की जांच करने के लिए तंजावुर जा रहा हूं। मैं स्कूल भी जाऊंगा और सारी स्थिति के बारे में पता करूंगा। इस बारे में आयोग के अध्यक्ष ने आगे कहा की ना जाने क्यों तमिलनाडु के अधिकारी एनसीपीसीआर को इस बारे में कुछ भी बताने से बच रहे हैं।

इस मामले में एनसीपीसीआर ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि उन्हें शिकायत मिली थी कि इस नाबालिग छात्रा को ईसाई मत अपनाने के लिए विवश किया गया था। जिसके लिए उसने मना कर दिया था तो स्कूल प्रशासन के द्वारा उसे शारीरिक दंड दिया गया और उसे घर जाने से भी रोका गया था तथा उससे शौचालय और बर्तन साफ करवाए गए थे। जिस कारण दुखी होकर छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। आयोग मैं इस बारे में यह भी कहा है की हम ने तमिलनाडु सरकार से एनसीपीसीआर की टीम को मामले की जांच के लिए आवश्यक सहयोग देने के लिए कहा था पर ऐसा नहीं हुआ।

परंतु अब आयोग की टीम वहां पर जांच के लिए जाएगी इसके साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक और जांच अधिकारी को भी वहां उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। आयोग के अनुसार उनकी टीम मृतक छात्रा लावण्या के माता पिता और उसके साथ पढ़ने वाले बच्चों से भी मुलाकात करेगी और साथ ही मृतका का इलाज करने वाले डॉक्टर और मरने के बाद उसका पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के साथ-साथ स्कूल प्रशासन से भी पूछताछ करेगी और अगर कोई स्थानीय व्यक्ति भी हमसे मिलना चाहेगा तो हम उस से भी बातचीत करेंगे।आरोप है कि लावण्या के आत्महत्या करने के मामले में स्थानीय पुलिस ने धर्मांतरण की बात को खत्म करने का प्रयास किया है तथा पुलिस ने अदालत में दी गई अपनी रिपोर्ट में लावण्या की आत्महत्या को केवल मानसिक प्रताड़ना बताया है।

इसके साथ ही धर्मांतरण के दबाव से और शारीरिक दंड से दुखी हुई नाबालिग लड़की द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले को स्थानीय मीडिया के द्वारा भी जबरन ईसाई बनने के मामले को गलत बताया है। जबकि वायरल हुई वीडियो में मृतिका खुद बता रही है की उसे ईसाई बनने को कहा गया था। इसमें कुछ आश्चर्य भी नहीं है क्योंकि देश में जितना भी मीडिया काम कर रहा है उसमें से लगभग 95% मीडिया हिंदू द्रोही ही है। अब इस प्रकरण पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा सीबीआई जांच की मांग की जा रही है।

सनातन समाचार की पहले वाली खबर में बताया गया था की लावण्या पिछले 5 वर्षों से सेंट माइकल गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। सरकारी सहायऔरता प्राप्त ईसाई मिशनरी स्कूल पर उस पर ईसाई मत अपनाने का दबाव बना रहा था। स्कूल प्रशासन की लगातार प्रताड़ना से तंग आकर उसने जहर खा लिया था। 9 जनवरी की रात को लावण्या की तबीयत खराब होने के बाद उसे स्थानीय क्लीनिक में ले जाया गया था जहां जांच में पाया गया था कि उसके लगभग 85% फेफड़ों में जहर का असर हो चुका था। और 19 जनवरी 2022 को नाबालिक लावण्या ने अपने धर्म पर अडिग रहते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे।

https://sanatansamachar.com/wp-admin/post.php?post=3164&action=edit

इस बारे हमारी पहली खबर का लिंक मृतिका की वीडियो सहित👆

सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में लावण्या अपने साथ हुए टॉर्चर के बारे में बता रही है। इस वीडियो मे मृतिका बोल रही है कि मेरा नाम लावण्या है। उन्होंने (यानी स्कूल वालों) ने मेरे माता-पिता से मेरी उपस्थिति में पूछा कि क्या वे मुझे ईसाई मत में परिवर्तित कर सकते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए मदद कर सकते हैं ? जब मैं नहीं मानी तो वह मुझे बहुत डांटते रहे। इस वीडियो में लावण्या ने किसी राचेल मैरी का भी नाम लिया था जिसने कथित रूप से उसे बहुत प्रताड़ित किया था। बहरहाल यह एक बहुत चिंता का विषय है कि जब सरकारी ही इस प्रकार के अपराधों को छुपाने लगे तो अच्छी तरह समझा लेना चाहिए की आने वाले हालात हिंदुओं के लिए क्या होने वाले हैं।।

Lavanya’s suicide did not become a Christian, now the Stalin government is under suspicion, hence the demand for CBI investigation and NCPCR President

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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