′′Clean chit to Bageshwar Dham ′′ But further allegations can be made due to which an old religious warrior saint is in jail.”
हालांकि हिंदू अब बहुत संभल चुके हैं फिर भी हिंदूद्रोही कोई ना कोई षडयंत्र अवश्य करेंगे।
सनातन 🚩समाचार🌎 जहां बीते समय में हिंदुओं के सभी बड़े बड़े संतों पर झूठे आरोप लगते रहे और उन्हें उन्हें जेलों में ठूंसा जाता रहा परंतु तब हिंदू समाज ने उनमें से किसी का भी साथ नहीं दिया। परंतु अब एक बहुत ज्यादा सुखद बात यह है कि अब हिंदू बीते समय की गलतियों से सीख ले कर के सावधान हो गए हैं। और अपने धर्म योद्धाओं के साथ डटकर खड़े होने लगे हैं। इसी का परिणाम है की नागपुर पुलिस के द्वारा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को क्लीन चिट दे दी गई है।
बताने की आवश्यकता नहीं है की एक तथाकथित अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव नाम के एक दानव के द्वारा शास्त्री जी पर FIR दर्ज करवाई गई थी। उसने आरोप लगाया था कि धीरेंद्र शास्त्री जी अंधविश्वास फैलाते हैं और जादू टोने करते हैं। अंधश्रद्धा निर्मूलन वाले मानव के द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद सारे देश के हिंदू बेहद गुस्से में आ गए हैं, और सोशल मीडिया में प्रत्येक स्तर पर बागेश्वर धाम वाले शास्त्री जी का समर्थन कर रहे हैं।
लोग समर्थन के साथ-साथ अंधश्रद्धा निर्मूलन वाले श्याम मानव को भी लताड़ रहे हैं। परंतु कानून को अपना काम करना था इसलिए पुलिस ने श्याम मानव की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए श्री “राम चरित्र चर्चा” नाम के इस आयोजन के वीडियो खंगाल कर जांच की और पाया कि उसमें अंध विश्वास जैसा कुछ भी नहीं था। इसके बाद नागपुर पुलिस ने अपनी जांच के बारे में अंधश्रद्धा वाले मानव को भी सूचित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने वीडियो को देखकर ये निष्कर्ष निकाला है की पंडित जितेंद्र शास्त्री जी केवल अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं।
इस प्रकरण के बारे में पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के 7 और 8 जनवरी के दिव्य दरबार के आयोजन के वीडियो की बारीकी से जांच की गई है तथा वीडियो को देखकर पुलिस ने यह निष्कर्ष निकाला है कि उस कार्यक्रम में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसे अंधविश्वास माना जाए। बता दें कि अंधश्रद्धा वाले मानव ने धीरेंद्र शास्त्री जी को चमत्कार करके दिखाने पर 3 लाख रूपए देने की घोषणा भी की थी। उस बारे में धीरेंद्र शास्त्री जी ने अपनी सफाई में खुद को केवल सनातन धर्म का प्रचारक और बालाजी महाराज का भक्त बताया था।
उन्होंने यह भी कहा था कि ना मैं ज्ञानी हूं, मुझे ठीक से संस्कृत भी नहीं आती है। परंतु मुझे अपने गुरु पर और हनुमान जी पर अटल विश्वास है, और वही सब कुछ कर रहे हैं मैं कुछ भी नहीं करता। दरअसल बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री जी ने जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में नागपुर में “श्री राम चरित्र चर्चा” नाम से एक दरबार आयोजित किया था।
इसी के दौरान ही अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव ने धर्म योद्धा धीरेंद्र शास्त्री जी पर अंधविश्वास और जादू टोना फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया था। अपनी शिकायत में मानव ने शास्त्री जी पर वर्ष 2013 के महाराष्ट्र जादू टोना विरोधी कानून और 1994 के ड्रग्स एंड रेमेडीज एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
यह बहुत अच्छी बात है की पुलिस के द्वारा धीरेंद्र शास्त्री जी को क्लीन चिट दे दी गई है। किंतु बड़ा सवाल यह है कि क्या अब भविष्य में इनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगेगा ? शासन समाचार का ऐसा अनुभव है कि जिस तरह से हिंदुओं के बड़े-बड़े संत फंसाए गए हैं उसी प्रकार धीरेंद्र शास्त्री जी को भी फसाया जा सकता है। बता दें की बीते समय में धर्म रक्षा की आवाज बुलंद करने वाले हिंदू संतों पर यौन शोषण, बलात्कार के आरोप लगाकर उन्हें जेलों में भेज दिया गया। यह बात अलग है कि सभी लंबे समय तक जेल में रहने के बाद निर्दोष बरी हुए। परंतु पिछले 8 सालों से 82 वर्ष के निर्दोष और 82 साल के बुजुर्ग संत श्री आसाराम जी बापू अभी भी जेल में बंद हैं।
यहां गौरतलब यह है की आसाराम जी बापू तो बुजुर्ग हैं परंतु हमारे धीरेंद्र शास्त्री जी अभी केवल 26 वर्ष के युवा हैं। अतः इन पर तो आरोप लगाना बहुत आसान होगा (राम ना करें) अब आवश्यकता इस बात की है कि जिस तरह से अब सारा हिंदू समाज बागेश्वर धाम वाले शास्त्री जी के साथ खड़ा हुआ है उसी प्रकार भविष्य में भी हिंदुओं को इसी तरह से से अपने हिंदू संतो के साथ खड़े रहना होगा।