“TV anchor “Chitra Tripathi” will not be able to go out of the country now under the camel mountain.”
कुछ भी बोल बोल कर निर्दोष को दोषी सिद्ध करने वाले बड़े बड़े पत्रकार अब आए कानून के शिकंजे में।
सनातन 🚩समाचार🌎 सत्ता बदलने पर हिंदूद्रोही मीडिया ने अपने सुर भी बदल लिए हैं, परंतु इनका हमेशा से एक ही फंडा रहा है की कैसे भी करके हिंदुओं को, हिंदू धर्म को और हिंदुओं के संतो को बदनाम करना।
नाबालिग बच्ची को बदनाम किया
अब इन बिकाऊ मीडिया वालों पर कानून का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। दरअसल कई बड़े न्यूज चैनलों ने एक नाबालिग लड़की को बदनाम करने की नियत से एक साधारण सी वीडियो को बहुत अश्लील ढंग से दिखाया था। उस नाबालिग बच्ची के वीडियो को तोड़ मरोड़कर कर उसे अश्लील रूप से प्रसारित करने के मामले में अब न्यायालय ने चित्रा त्रिपाठी के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि भविष्य में चित्र त्रिपाठी को विदेश जाने से पहले न्यायालय से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
कानूनी कार्रवाई से बचना चाहते हैं आरोपी
गत 23 सितंबर को गुरुग्राम अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश श्री मति शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई, जिसमे एंकर चित्रा त्रिपाठी व अन्य आरोपियों को पेश होना था। उनमें से अन्य आरोपी तो पेश हुए लेकिन चित्रा त्रिपाठी अपने वकील के माध्यम से अर्जी लगाकर विदेश यात्रा का हवाला देकर पेश नही हुई। पेशी से माफी हेतु लगाई गई अर्जी में कोई महत्वपूर्ण कारण नही बताए जाने पर पीड़िता पक्ष के वकील श्री धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने विरोध जताया और कहा की आरोपी चित्रा त्रिपाठी जो निजी मामले को लेकर कोर्ट को बिना कारण बताए विदेश गई और न्यायालय को अवगत कराना भी उचित नही समझा।
विदेश नहीं जा पाएगी
जिसपर न्यायालय ने एक अवसर देते हुए चित्रा त्रिपाठी को पेशी से छूट की राहत तो दी परंतु विदेश जाने के बारे में न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा की मामला विचाराधीन रहने तक भविष्य में चित्रा त्रिपाठी को विदेश यात्रा का दौरा करने से पहले न्यायालय को अवगत कराकर अनुमति लेना अनिवार्य होगा। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 की 2 जुलाई को गुरुग्राम के पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसारामजी बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था।
10 वर्षीय बच्ची को आशीर्वाद दिया था
उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद न्यूज़ 24,न्यूज़ नेशन, इंडिया न्यूज टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडक़र अश्लील/अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। साथ ही पीड़िता व उनके परिवार को दलाल,लड़की सप्लायर बताकर साथ ही उनके घर को गुफा कांड,अश्लीलता का अड्डा बताकर पेश किया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था।
धरने प्रदर्शनों के बाद हुई थी FIR
उसके बात आहत परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में 2013 में ज़ीरो FIR दर्ज कराई थी। बतादें की इस मामले में आरोपियों को बचाने हेतु गुरूग्राम पुलिस द्वारा भरसक प्रयास किया गया था और केवल FIR लिखवाने के लिए ही पीड़ित परिवार को बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन जब यह मामला हाइकोर्ट पहुंचा और हाइकोर्ट ने संज्ञान लेकर अपनी निगरानी रखते हुए पुलिस को आदेशित करने पर मजबूरन पुलिस को कार्यवाही हेतु बाध्य होना पड़ा।
सभी पॉक्सो एक्ट के आरोपी
जिसके बाद चित्रा त्रिपाठी, दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम आदि के विरुद्ध 2020-21 में दाखिल की गई चार्जशीट में विभिन्न धाराओं 120b,469, 471,आईटी एक्ट 67 b, पोक्सों एक्ट 13c,14(1) 180 के तहत 10 साल की बच्ची और उनके परिवार के एडिटेड व ‘अश्लील’ वीडियो दिखाने, और उन्हें आसारामजी बापू के यौन उत्पीड़न मामले से जोड़ने के लिए नामित किया गया।
इस सारे मामले को चंडीगढ़ हाईकोर्ट में देख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा व अर्जुन वीर शर्मा ने बताया है की इन सभी पत्रकारों ने कानून के अनुसार बहुत गंभीर अपराध किया है इसलिए लगता है की इन्हें जेल तो जाना ही पड़ेगा।
जय श्री राम हर हर महादेव
हर हर महादेव