स्टालिन सरकार हिंदुओं के मंदिरों का लगभग 2138 किलो सोना हड़पने की तैयारी कर रही है।
तमिलनाडु: स्टालिन सरकार ने वहां के हिंदुओं के मंदिरो में पड़े हुए लगभग 2138 किलो सोने को हथियाने की कवायद शुरू कर दी है। जिसके चलते पूरे राज्य में और देश के कई हिस्सों में एम के स्टालिन की सरकार और इस गलत फैसले का कड़ा विरोध भी चालू हो गया है। राज्य सरकार का इस बारे में कहना है कि वो इस सोने को पिघलाके छड़ बनाएगी, जिसके सारे अधिकार उसके पास हैं। उधर राज्य सरकार के इस प्रयास को अब मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का दावा है की सोने का सही रूप से मूल्याङ्कन किए बगैर ही स्टालिन सरकार सोने को जब्त कर रही है। सरकार द्वारा जल्दबाजी में ये सब किया जाना ये बताता है कि सरकार अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए ही ऐसा अनैतिक कदम उठा रही है।
2138 किलो सोना
हाईकोर्ट ने इसी साल 7 जून को मंदिर की संपत्ति के मूल्यांकन और उसके रिकॉर्ड की रिकॉर्डिंग का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि तमिलनाडु में पिछले 60 साल से ऐसा नहीं हो रहा है। राज्य सरकार ने एक उचित ऑडिट करने के बजाय देवताओं की सजावट में उपयोग किए जाने वाले बड़े गहनों के अलावा सोने के गहने और अन्य वस्तुओं को पिघलाने की घोषणा की। सरकार ने 2138 किलो सोने को पिघलाने की योजना बनाई है। लेकिन अब राज्य सरकार के इस फैसले को अब विरोध भी होने लगा है। राज्य सरकार के इस आदेश को अब मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने सरकार के इस फैसले को अवैध बताया है।
सोना पिघलाने के आदेश
याचिकाकर्ता का दावा है कि मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले सोने का भली प्रकार ऑडिट किए बगैर जल्दबाजी में ये कदम उठा रही राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठते हैं। इस बारे में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि तमिलनाडु सरकार लोगों को गुमराह करने के लिए सोने के ऑडिट की बात कर रही है, लेकिन उन्होंने जो टारगेट तय किया है उसके मुताबिक 1 दिन में 2 मंदिरों का ऑडिट होना है। वर्षों से संचित संपत्ति का इतनी जल्दी ऑडिट कर पाना संभाव नहीं है। स्टालिन सरकार ने सोना पिघलाने के आदेश की घोषणा कर दी है, लेकिन इसे अभी तक वेबसाइट पर नहीं डाला गया है।
निर्णय का विरोध
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से इस आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। इस मामले की सुनवाई अब 21 अक्टूबर को होगी। उधर राज्य सरकार का उस बारे में कहना है कि मंदिर में रखे सोने को पिघलाकर उसे सोने की छड़ में बदलने का उसके पास अधिकार है। और यह प्रक्रिया 50 साल से चल रही है। लेकिन स्टालिन सरकार का यह निर्णय अब तमिलनाडु में एक बड़े विवाद का मुद्दा बना हुआ है। अपने मंदिरों में आस्था रखने वाले हिन्दू स्टॅलिन सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
Why does the Stalin government want to usurp 2 thousand kg gold of all Hindus, Shraddha, temple, God, offerings ?
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