“Why didn’t you laugh if DSP saved Mustafa? Ankita burnt for refusing to marry a Muslim.”
हिंदुओं की लड़कियों पे कहर हुआ और तेज, नहीं रुक रहा ये सिलसिला। तो क्या अब फिरसे हिंदुओं को खुद ही ? ?
हिरासत में हंसता हुआ हैवान
सनातन 🚩समाचार🌎 झारखंड के दुमका में शाहरुख द्वारा जलाकर मार दी गई अंकिता के मामले में अब नई नई बातें सामने आ रही हैं। इस बारे में एक बहुत दुखदाई और महत्वपूर्ण जानकारी ये मिली है की वहां का डीएसपी “नूर मुस्तफा” हैवान शाहरुख को बचाने में लगा हुआ था। बताया गया है कि इसी डीएसपी नूर मुस्तफा ने मरने वाली अंकिता के अंतिम बयान दर्ज किए थे जिसमें उसने यह लिखा था कि लड़की ने अपने आयु 19 वर्ष बताई हैं जबकि अब बाद में असल कागज सामने आने पर पता चल रहा है कि मरने वाली अंकिता की आयु मात्र 16 वर्ष की थी यानी वह नाबालिग थी। तो कहीं ना कहीं डीएसपी नूर मुस्तफा ने शाहरुख को बचाने के लिए ही लड़की की आयु गलत दर्ज की थी, ऐसा आरोप दुमका के स्थानीय लोग और हिंदू संगठनों के द्वारा लगाया जा रहा है।
उसे पता था कि उसे डीएसपी साहब बचा लेंगे
बता दें कि इस वीभत्स हत्याकांड के बाद जब तक अंकिता तड़प तड़प कर मर नहीं गई तब तक पुलिस प्रशासन ने कोई भी तत्परता नहीं दिखाई। इस बीच हिंदू संगठन अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे और आखिरकार पता चल ही गया कि पुलिस निष्क्रिय क्यों थी ? क्योंकि डीएसपी नूर मुस्तफा साहब शाहरुख पर मेहरबान थे। शायद यही कारण है कि शाहरुख पकड़ा जाने के बाद पुलिस हिरासत में भी अकड़ कर चल रहा था और हस रहा था। क्योंकि उसे पता था की उसे डीएसपी नूर मुस्तफा साहब बचा लेंगे, और उसे यह भी अच्छी तरह पता था कि उसके लिए बड़े बड़े राजनीतिक नेता खड़े हो जाएंगे और महंगे से महंगे वकील उसका केस लड़ने के लिए अदालतों में पहुंच जाएंगे।
बेहद दर्दनाक
इस सारे घटनाक्रम के बारे में मृतिका अंकिता के पिता का बेहद चौंकाने वाला बयान सामने आया है जिसमें उसने कहा है कि : शाहरुख हुसैन ने मेरी बेटी को परेशान करके रखा था। बेटी ने बताया भी था कि शाहरुख उसे तंग कर रहा है। वो उसे कहता था कि मुझसे दोस्ती कर, निकाह कर, इस्लाम कबूल कर वरना मैं तेरी जिंदगी को जहन्नुम बना दूंगा। उसके पिता ने आगे बताया है कि मैं एक प्राइवेट जॉब करता हूं। सुबह निकल कर रात में घर आता हूं ऐसे में 22 अगस्त को शाहरुख ने मेरी बेटी को बहुत धमकी दी थी।
मैं रात में घर पहुंचा तो अंकिता ने मुझे सब बताया कि बहुत दिन से शाहरुख तंग करता है, और अब धमकी देकर गया है कि शादी करो दोस्ती करो और इस्लाम कबूल करो। बेटी ने उसे कहा भी कि उसे इन सब से मतलब नहीं है उसे अभी पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना है। लड़की के पिता के बयान से स्पष्ट हैं कि शाहरुख अंकिता को जबरन मुसलमान बनाना चाहता था, और फिर उससे निकाह करना चाहता था परंतु जब वह नहीं मानी तो उसने पेट्रोल डालकर उसे जला दिया।
अंतिम विदाई जिहाद की शिकार अंकिता को
स्थानीय लोगों के आक्रोश के बाद आरोपी को बचाने के आरोपी DSP नूर मुस्तफा को इस केस की जांच से हटा दिया गया है, क्योंकि उस पर लगे आरोप से साफ है कि उसने लड़की की आयु को 19 साल बताया है जबकि लड़की के दस्तावेजों के अनुसार वह मात्र 16 साल की थी। अंकिता की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि DSP नूर मुस्तफा PFI के लिए काम करता है। इस मामले में एक दुखद बात यह भी है कि लड़की ने जलाने वाले का नाम पुलिस को बताया था परंतु जब तक वह मर नहीं गई तब तक हैवान शाहरुख को डीएसपी नूर मुस्तफा के रहम के चलते गिरफ्तार नहीं किया गया।
यह जो लगातार हिंदुओं की लड़कियों के साथ हो रहा है इससे यह बहुत बड़ा सवाल पैदा होता है कि क्या अब इतिहास अपने को फिर से दोहरा आएगा ? क्या अब फिर से हिंदुओं की स्त्रियां जोहर करने को विवश होंगी ? क्या फिर से हिंदुओं को अपनी बच्चियों को जिहादियों से बचाने के लिए अपने हाथों से खुद ही उनके गले काटने पड़ेंगे ?