“When Lord Valmiki stopped the procession, Jai Bhim Jai Meem disappeared and Bajrang Dal came forward.”
जब पुलिस के द्वारा शोभा यात्रा रोकी गई तब पता नहीं किस बिल में दुबक गए थे जय भीम जय मीम वाले।
सनातन 🚩समाचार🌎 उत्तराखंड के श्री हरिद्वार जिले के अंतर्गत पड़ते लंढोरा गांव में उसमें स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने वाल्मिक समाज के द्वारा निकाली जा रही भगवान वाल्मीकि जी की शोभा यात्रा को रोक दिया।
माहौल पूरी तरह गर्मा गया
यहां रुड़की – मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के लंढौरा कस्बे में वाल्मीकि समुदाय द्वारा वाल्मीकि जयंती पर धार्मिक शोभायात्रा निकालने के समय पुलिस और वाल्मीकि समाज के लोगों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई जिससे माहौल पूरी तरह गर्मा गया और कस्बे में तनाव का माहौल बनने लगा। बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भारी पुलिस फोर्स को बुला लिया और लंढोरा गांव पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
बजरंग दल के ललित राजपूत ने बताया
शोभा यात्रा रोकने की जानकारी मिलने पर भाजपा के साथ-साथ बजरंगदल के अनेक कार्यकर्ता भी रुड़की और श्री हरिद्वार से मौके पर पहुंच गए। लेकिन पुलिस प्रशासन का कहना था कि बिना अनुमति के शोभायात्रा नहीं निकलने दी जाएगी। इसके बारे में बजरंग दल के ललित राजपूत ने बताया है कि यह एक छोटा सा गांव जैसा कस्बा है। यहां पर कभी भी किसी को शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं लेनी पड़ी है। परंतु इस बार वाल्मीकि जी की शोभायात्रा को पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय मुसलमानों के दबाव के चलते रुकवाया है।
हमारे इलाके से शोभायात्रा ना निकली जाए
उन्होंने आगे बताया की दरअसल इस कस्बा में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोग नहीं चाहते कि हमारे भगवान वाल्मीकि जी की शोभायात्रा उनके मोहल्ले में से और उनकी मस्जिद के आगे से निकले। जिस कारण उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया है कि हमारे इलाके से शोभायात्रा निकलने से रोका जाए अन्यथा माहौल खराब हो सकता है। इस बीच हिंदू समाज के लोग आक्रोशित होकर हर हर महादेव और भगवान वाल्मीकि जी के जय घोष करते रहे और लगातार आगे बढ़ने का प्रयास करते रहे। परंतु पुलिस द्वारा बैरीकेटिंग करके उन्हें रोक दिया गया था।
पुलिस से धक्का मुक्की
कई थानों की पुलिस फोर्स और कोतवाल भी इस दौरान सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए थे। वहीं वाल्मीकि समाज के लोग शोभायात्रा निकालने पर अड़े रहे, जिसे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रोकने की काफी कोशिश की। जिसके चलते मौके पर कई बार तनाव और धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। इस दौरान पुलिस के बड़े अधिकारी फोन पर पल-पल की अपडेट भी लेते रहे। आखिर वाल्मीकि समाज के लोगों ने अपने मोहल्ले में ही शोभायात्रा का आयोजन किया और ढोल नगाड़ों से भगवान वाल्मीकि जी की शोभायात्रा समाज के गली मोहल्लों से निकाली गई।
बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर
इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। सीओ मंगलौर पंकज गैरोला, एसडीएम रुड़की विजयनाथ शुक्ला भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर मौजूद रहे। इस बवाल के बारे में मंगलौर सीओ पंकज गैरोला ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने नहीं लेने दिया जाएगा। शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। कस्बे में शांति कायम करना उनका पहला कर्तव्य है। कस्बे में पूरी तरह से शांति है. बिना अनुमति के शोभायात्रा नहीं निकालने दी जाएगी।
सुरेश चव्हाणके जी की घोषणा
उधर सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके जी ने इस बारे में बताया है कि मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण प्रशासन के पास हिंदुओं को सुरक्षा देने के लिए पर्याप्त पुलिस फोर्स नहीं थी इसलिए अनुमति ना होने का बहाना बनाकर शोभायात्रा को रोका गया है, और अब अनुमति सहित कल रविवार 16 अक्टूबर 2022 को उसी इलाके में भगवान वाल्मीकि जी की बहुत भव्य और विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी।
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