“Vandalism in place of mother Kali ji, beating of women > Gaumata< because Saeeda Khatoon.”
जातियों में बंटे हिंदुओं के साथ ये होना कोई नई बात नहीं।
सनातन 🚩समाचार🌎 आजाद हिंदुस्तान में चुनावों को लोकतंत्र का बहुत बड़ा पर्व कहा जाता है। यह ऐसा पर्व है जिसमें सभी धर्मो और पार्टियों के लोग अपने मत का प्रयोग करते हुए अपनी मर्जी के उम्मीदवार को वोट डालते हैं। लोकतंत्र की इस पवित्र परंपरा को बुरी तरह चोट पहुंचाई गई है उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में। यहां पर की डुमरियागंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सईदा खातून को वोट ना देने के कारण तेतरी गांव में हिंदुओं की आराध्य मां काली जी के स्थान में विधर्मियों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने की सूचना मिली है। जब हिंदुओं ने विधर्मीयों को ऐसा अत्याचार ना करने को कहा तो उन्होंने मौका पर उपस्थित महिलाओं के साथ मारपीट की।
बैल काटेंगे, हम गाए काटेंगे।
ऐसा पता चला है की समाजवादी पार्टी के विधर्मी कार्यकर्ता इस बात को लेकर नाराज थे कि वहां के लोगों ने डुमरियागंज से प्रत्याशी सैयदा खातून को वोट नहीं दिया था। विधर्मीओं द्वारा किए गए हमले में जहां महिलाओं की पिटाई तो की ही गई साथ ही मां काली जी के पवित्र मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई। ये दानव हमले के दौरान ये भी कह रहे थे की हम बैल काटेंगे, हम गाए काटेंगे। लोकतंत्र में सभी को यह अधिकार है कि वह जिसे चाहे उसे ही वोट दें, उन पर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं डाला जा सकता। परंतु यहां तो वोटों की गिनती के बाद उस इलाके में सैयदा खातून को वोट ना दिए जाने के कारण हिंदुओं पर अत्याचार शुरू हो गया है।
771 वोटों से हराया है
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में डुमरियागंज विधानसभा से समाजवाद पार्टी की सैयदा खातून ने 85098 वोट प्राप्त करके जीत हासिल की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के राघवेंद्र प्रताप सिंह को मात्र 771 वोटों से हराया है। वर्ष 2017 में यहीं से राघवेंद्र सिंह विजय हुए थे। पार्टियों की हार जीत का सिलसिला तो लोकतंत्र में चलता ही रहता है, और यूं ही यह चलता ही रहेगा, परंतु बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसी पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा हिंदुओं के मंदिर पर आखिर हमला क्यों किया गया है ? ? ?