“Survey of every corner of the disputed structure named Gyanvapi broke the lock and the Muslim side objected at the place of Vaju.”
हिंदुओं में खुशी की लहर अब होंगे श्रृंगार गौरी जी के दर्शन।
सनातन🚩समाचार🌎 ज्ञानवापी नाम के विवादित ढांचे में दुसरे दिन के सर्वे का काम भी संपन्न हो गया है।आज बरामदे, छत, बाहरी दीवारों और नक्काशीदार गुंबद की वीडियोग्राफी हुई। इससे पहले पश्चिमी दीवार के दरवाजे का ताला खोला गया। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे।
टीम गुंबद तक पहुँची
दूसरे दिन के सर्वे में मस्जिद के गुंबदों और नमाज वाली जगह की वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान टीम ने ढाँचे की छत पर चढ़कर दीवारों को देखा। गुंबद पर जाने के लिए ढाँचे के पश्चिमी दीवार की तरफ बने एक दरवाजे का ताला खोला गया। यह दरवाजा 3.5 फीट का है। जिसके जरिए कमीशन की टीम गुंबद तक पहुँची। काशी विश्वनाथ में ज्ञानवापी सर्वे का आज दुसरा दिन था। विवादित स्थल के गुम्बद और छतों की आज वीडियोग्राफ़ी हुई। इस मामले में पहले ही वाराणसी के कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था। आज सारे दिन यानी रविवार को सर्वे टीम ने परिसर के ऊपरी भाग का सर्वे किया।
धार्मिक चिह्न, कलाकृतियों
आज सुरक्षा थोड़ी और बढ़ा दी गई थी। शनिवार की तरह आज भी सभी के मोबाइल बाहर ही जमा करवा लिए गए। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शनिवार को बताया था कि 50 से 60 % परिसर का सर्वे पूरा हो चुका है। शनिवार को परिसर के पश्चिमी द्वार के तहखाने में कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक चली थी। आज सर्वे टीम ने तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिह्न, कलाकृतियों और खंभों की वीडियोग्राफी भी करवाई। सर्वे टीम ने सभी पहलुओं की गहन जांच की। दो कमरों के ताले तो आसानी से खुल गए, लेकिन तीसरे का ताला नहीं खुलने के कारण उसे तोड़ना पड़ा। चौथे कमरे में दरवाजा नहीं है।
मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया
आज तहखाने के नीचे एक सुंरग और एक अन्य कमरा मिला है, जिसमें मलबा भरा हुआ है। वहीं, ढाँचे के गुंबद, पश्चिमी दीवार और नमाज की जगह का सर्वे किया गया। हालाँकि, ढाँचा परिसर में मौजूद वजूखाने के पास तालाब को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष में विवाद भी हुआ। हिंदू पक्ष का कहना था कि तालाब का पानी निकालकर इसकी वीडियोग्राफी की जाए, जबकि पानी निकालने का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया। इसके अलावा, जिस मिट्टी का जिक्र ASI को सर्वे करने के आदेश में किया गया था, उसकी भी वीडियोग्राफी करवाई गई है।
ताला तोड़ने के लिए कहा था
बता दें कि ढाँचे के तहखानों के बंद तालों की चाबी 16 साल बाद समाने आई है। इसके पहले जनवरी 1993 में विवाद के बाद तहखानों में ताले बंद करके चाबी को राजकीय कोषागार में जमा करा दिया गया था। हालाँकि, साल 2006 में किसी कारणवश इसे निकालकर पुलिस को दी गई थी। यही कारण है कि चाबी नहीं मिलने पर न्यायालय ने ताला तोड़ने के लिए कहा था। इस परिसर के सरकारी रिकॉर्ड के खाता संख्या 9130 को मापने के लिए तहसील की ओर से टीम का गठन किया गया है। तहसील में दर्ज रिकॉर्ड को कमीशन की कार्यवाही में शामिल किया गया है। इस कार्यवाही की रिपोर्ट 17 मई तक अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में सर्वे और वीडियोग्राफ़ी के दौरान ऐसी-ऐसी चीजें मिलीं, जो सभी लोगों की कल्पना से परे और आशा से बहुत ज्यादा है। बताया गया है की शनिवार को हुए सर्वे में दीवारों पर स्वास्तिक और त्रिशूल के चिन्ह पाए गए हैं।