Say Eid Mubarak in a religious dress or take the children out of school: Bushra Mustafa > VHP took this step.”

स्कूलों में हिजाब/भगवा बवाल के बाद अब बच्चों का मानसिक धर्मांतरण।

सनातन🚩समाचार🌎 वर्तमान में जो घटनाएं घट रही हैं यह देश के लिए बहुत अशुभ हैं। कभी हिंदुओं के नव वर्ष की शोभायात्रा पर पथराव, कभी श्री राम नवमी की यात्रा पर पथराव और कभी श्री हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर पथराव। मंदिर तोड़े जाना, गौशाला तोड़ी जानी, स्कूलों में हिजाब के नाम पर बवाल फिर भगवा बालों का जवाब। यह सब कुछ आने वाले समय के लिए देश हित में बिल्कुल भी सही नहीं है। एक विवाद थमता नहीं कि दूसरा शुरू हो जाता है। अब एक और ऐसी घटना सामने आई है जिसमें एक प्रिंसिपल ने अपने स्कूल में पढ़ने वाले छोटे मासूम बच्चों के लिए यह आदेश जारी किया है कि वह मजहबी लिबास पहनकर ईद मुबारक की छोटी सी वीडियो बनाकर भेजें, जिसके कारण अब यह नया विवाद पैदा हो गया है।

प्रिंसिपल का नाम बुशरा मुस्तफा

स्कूल में पढ़ने वाले हिंदू विद्यार्थियों के परिजनों की परेशानी को देखते हुए इसमें विश्व हिंदू परिषद ने भी दखल दिया है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 1 CBSC स्कूल में नन्हे बच्चों को ईद के मौके पर मजहबी कपड़े पहन कर वीडियो बनाने को कहा गया है। झूंसी के अंतर्गत पड़ते न्याय नगर पब्लिक स्कूल में यह आदेश जारी किया गया है। इस स्कूल की प्रिंसिपल का नाम है बुशरा मुस्तफा। इस प्रिंसिपल ने नर्सरी और यूकेजी के छात्रों को एक्टिविटी के नाम पर एक 20 सेकंड का वीडियो बनाकर भेजने को कहा है, जिसमें सबको मजहबी पोशाक पहनकर ईद मुबारक कहना होगा।

आपत्ति जताई परंतु

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि लड़कों को सलवार कुर्ते के साथ ईद वाली टोपी पहनी होगी और लड़कियों को सलवार कुर्ते के साथ सिर पर दुपट्टा लेना अनिवार्य है। यह भी कहा गया है कि इस एक्टिविटी के नंबर परीक्षा में भी जोड़े जाएंगे सूत्रों के अनुसार यह एक्टिविटी 2 मई को निर्धारित की गई थी लेकिन बच्चों के परिजनों को जब इसका पता चला तो उन्होंने स्कूल जाकर इस बारे में आपत्ति जताई परंतु जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की स्थानीय इकाई से संपर्क किया, जिस पर विश्व हिंदू परिषद और हिंदू जनजागृति समिति ने इस मामले में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करवाई है।

संप्रदायिक सोच के चलते

हिंदू संगठनों ने इस संबंध में बाकायदा पुलिस को एक शिकायत भी दी है। अपनी शिकायत में इन हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बताया है। संगठन ने यह भी तर्क दिया है की अगर कोई विद्यार्थी इस एक्टिविटी का हिस्सा नहीं बनता है तो उसके फाइनल पेपरों में नंबर कटेंगे। यह एक तरह का मानसिक धर्मांतरण है। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफा के खिलाफ प्रयागराज के कीडगंज थाने में 295a 153a और धरा 67 के अंतर्गत एफ आई आर दर्ज करवाई है। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है की इस स्कूल की प्रिंसिपल ने अपनी संप्रदायिक सोच के चलते अपने पद का दुरुपयोग किया है और सोची समझी साजिश के अंतर्गत हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत कि हैं।

ईद के इलावा अक्षय तृतीया और श्री परशुराम जयंती भी थी

ये आरोप भी लगाया गया है की ऐसा करके प्रिंसिपल ने शिक्षा संस्थानों का माहौल खराब करने का और बच्चों के बीच धार्मिक भेदभाव पैदा करने का काम किया है। हिंदू संगठनों ने यह भी तर्क दिया है कि 3 मई को ईद के इलावा अक्षय तृतीया और श्री परशुराम जयंती भी थी परंतु इससे जुड़ी कोई भी एक्टिविटी बच्चों को करने के लिए नहीं कहा गया बल्कि जब बच्चों के परिजनों ने स्कूल के इस आदेश का विरोध किया तो उन्हें कहा गया कि अगर आप इस एक्टिविटी से सहमत नहीं है तो अपने बच्चों को हमारे स्कूल से हटा सकते हैं।

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By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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