“Maulvi was raped by a 6-year-old girl, the media barking day and night at Hindu saints is now silent.“
लगातार #antihindumedia की सच्चाई सामने आ रही है।
सनातन🚩समाचार🌎यह सच्चाई अब जगजाहिर हो चुकी है कि जब भी किसी हिंदू संत पर कोई आरोप भी लग जाता है तो तुरंत हिंदू द्रोही मीडिया विधवा विलाप करने लग जाता है, और दिन-रात मीडिया ट्रायल चलते हैं। वहीं दूसरी ओर जब किसी अन्य समुदाय का कोई व्यक्ति किसी मामले में आरोपित हो जाता है, आरोपित ही नहीं बल्कि उसे सजा भी मिल जाती है तब इस मीडिया को सांप सूंघ जाता है और कोई भी खबर उनके बारे में नहीं चलाई जाती है। शायद इसी कारण ही अब लोग मीडिया को दोगला कहने लग गए हैं।
मदरसे का मौलवी और उर्दू भाषा का अध्यापक
मीडिया के इस व्यवहार का अब एक ताजा उदाहरण सामने आया है राजस्थान से। यहां के कोटा जिले में एक 6 साल की मासूम बच्ची से हुए बलात्कार के बारे में आरोप सिद्ध हो जाने पर एक मदरसे के मौलवी और उर्दू भाषा के अध्यापक को अदालत ने उम्र भर के लिए जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने दोषी मौलवी पर ₹100000 का आर्थिक दंड भी लगाया है।
विवरण …………
मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने की घटना को इस अब्दुल रहीम नाम के मौलवी ने नवंबर 2021 में अंजाम दिया था। 5 महीने पुराने इस मामले में पोक्सो कोर्ट ने गत मंगलवार 10 मई 2022 को मौलवी अब्दुल करीम रहीम को दोषी करार देते हुए उसे अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है,साथ ही उसके ऊपर ₹100000 का दंड भी लगाया गया है। पता चला है दोषी मौलवी अब्दुल रहीम की आयु 48 वर्ष की है तथा वह कोटा के रामपुरा का रहने वाला है। यह मौलवी बच्चों को उर्दू भी पढ़ाता था । इस हैवान ने अपने पास ट्यूशन पढ़ने आई मात्र 6 साल की मासूम लड़की के साथ बलात्कार किया था। बता दें यह बलात्कारी मौलवी शादीशुदा है और 4 बच्चों का बाप भी है इसकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। अब्दुल रहीम 4 महीने पहले ही पीड़ित लड़की के गांव में आया था।
मौलवी बच्चों को उर्दू पढ़ाता है।
यह गांव के एक मदरसे में ही रहता था इसके द्वारा बलात्कार किए जाने के बाद इसे 14 नवंबर 2021 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दरअसल दीगोद थाने पर 13 नवंबर 2021 को एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी 6 साल की बेटी दोपहर 3:00 बजे मदरसे में पढ़ने जाती हैं। वहां पर कोटा से आया हुआ एक मौलवी बच्चों को उर्दू पढ़ाता है। उसने बताया की उसके पास उर्दू पढ़ने वाले बच्चों में उसकी 6 साल की बेटी भी है। बच्ची जब मदरसे से वापस लौटी तो बहुत रो रही थी तब बच्चे की मां और उसकी ताई ने जब उससे रोने का कारण पूछा तो छोटी बच्ची ने उन्हें बताया कि उर्दू पढ़ाने वाला मौलवी अब्दुल रहीम उसे एक कमरे में ले गया तथा उसके साथ गलत काम किया है।
मौलवी को गिरफ्तार कर लिया
मिली शिकायत के बाद पुलिस ने पॉक्सो कानून के अंतर्गत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी। आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए नाबालिक बच्ची के 164 के बयान भी करवाए गए। जब बच्ची ने अपने बयान में मौलवी अब्दुल रहीम का नाम लिया तो पुलिस ने तुरंत इस मौलवी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसका पोटेंसी टेस्ट भी करवाया गया इसके साथ ही इसका डीएनए मैच का टेस्ट भी करवाया गया था। इस हैवान मौलवी को सजा सुनाते हुए स्पेशल जज दीपक दुबे काफी भावुक हो गए, तथा उन्होंने इस छोटी बच्ची के लिए एक कविता की कुछ लाइनें दी सुनाई जोकि कोटा की पॉक्सो कोर्ट के आदेश में दर्ज भी हैं।
इस बारे में विशेष लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया है कि यह घटना नवंबर महीने की है इस मामले में साढे 4 महीने ट्रायल चला है, पुलिस ने घटना के बाद जनवरी महीने में ही चालान पेश कर दिया था इसके साथ ही अदालत में 13 गवाह और 23 दस्तावेज भी पेश किए गए थे। इन सभी साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने मौलवी अब्दुल रहीम को दोषी मानते हुए उसे यह सजा सुनाई है।
यहां बड़ा सवाल यह उठता है की किसी भी हिंदू संत का नाम आने पर तो मीडिया बहुत ज्यादा हो हल्ला कर देता है, परंतु जब भी कभी किसी मौलवी अथवा पादरी के बारे में इस प्रकार की घटनाएं सामने आती हैं तो ना जाने क्यों सारे मीडिया के मुंह में दही जम जाता है।