Many Hindus are being ruined by the SC-ST Act, the helpless CA took the dreaded step “death” after implicating the mother in the case.”

बेशक ये कानून भलाई के लिए ही बना है पर इसके भयानक दुष्परिणाम भलाई से कहीं अधिक हैं।

प्रतीकात्मक चित्र

सनातन 🚩समाचार🌎 दलितों के साथ भेदभाव अवश्य किया गया है जिसे खत्म करने के लिए तथा उनके सशक्तिकरण के नाम बना SC-ST ACT आज समाज के लिए बहुत भयानक भी साबित हो रहा है। यहां यह भी प्रमाणिक तथ्य है कि सनातन धर्म में कभी भी दलितों जैसी कोई अवधारणा नहीं रही हैं क्योंकि इसके प्रमाण स्वयं भगवान श्री राम जी हैं। अगर भगवान श्री राम जी भेदभाव करते होते तो वह शबरी के जूठे बेर न खाते और ना ही केवट को अपने गले लगाते तथा ना ही भगवान श्री कृष्ण विदुर जी के घर भोजन ग्रहण करने जाते। इस सब के बावजूद कहीं ना कहीं से कुछ गलतियां तो समाज में अवश्य घुसी हैं। उनके निस्तारण के लिए ही एससी एसटी एक्ट बनाया गया है। परंत इसके दुष्परिणाम भी लगातार सामने आते रहते हैं।

अपमान से त्रस्त रक्षित ने चौथी मंजिल से कूद कर अपनी जान दे दी

इसका ताजा उदाहरण बना है राजस्थान। यहां के जयपुर में रक्षित नाम के CA ने परेशान हो कर आत्महत्या कर ली है। इस ऐक्ट ने एक हँसते-खेलते परिवार को पूरी तरह बर्बाद करके रख दिया। दरअसल अपनी माँ के खिलाफ दायर झूठे एससी-एसटी केस के कारण जयपुर के मुहाना थाना क्षेत्र में रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट रक्षित खंडेलवाल ने गुरुवार (18 अगस्त 2022) को आत्महत्या कर ली है। परिवार के अपमान से त्रस्त रक्षित ने चौथी मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट से कूद कर अपनी जान दे दी। मौत के बाद रक्षित का एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि भीम सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उनके परिवार, यहाँ तक कि उनकी माँ के खिलाफ भी SC-ST में झूठा मुकदमा लिखाया है।

मां को भी एससीएसटी एक्ट में फंसा दिया

इसके कारण उनको परिवार को DSP सतीश वर्मा लगातार परेशान कर रहा है तथा साथ ही भीम सिंह भी लगातार उन्हें परेशान कर रहा है। उन्होंने डीएसपी से आग्रह कि वह उनके परिवार को परेशान ना करे। अपने चार पेज की सुसाइड नोट में रक्षित ने लिखा है कि भीम ने उनके परिवार के खिलाफ जयपुर और भरतपुर में 420 और एससी-एसटी ऐक्ट में झूठा केस दर्ज किया है, इसके कारण हमारा पूरा परिवार परेशान है। यहाँ तक उसने मेरी माँ खिलाफ तक केस कर दिया। इसमें उसका साथ डीएसपी सतीश वर्मा दे रहा है। आए दिन ये लोग हमें परेशान करते हैं और घर पर पुलिस टीम भेजते हैं। हम लोग क्रिमिनल नहीं हैं।

मारा गया बेबस

सुसाइड नोट में उन्होंने आगे लिखा है की मैं एक सीधा-साधा लड़का था, जिसकी एक नॉर्मल लाइफ थी। बेहतर बनने के चक्कर में मेरी पूरी लाइफ खराब हो गई। हमारे परिवार की इज्जत, पैसा सब खत्म हो गया। भीम सिंह जैसे लोग पैसे के लिए मुझे बुरा-भला बोलते हैं। हम इंसान खराब नहीं, वक्त खराब था, जो सब खत्म कर गया। बतादें क 25 साल के रक्षित के पिता रमाकांत खंडेलवाल का जयपुर में कपड़ों का शोरूम था। कोरोना महामारी के दौरान उनके व्यापार पर जबरदस्त चोट पहुँची और व्यापार पूरी तरह बर्बाद हो गया। रक्षित पर माँ मंजू खंडेलवाल एवं छोटे भाई आर्यन सहित परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। परंतु अर्षित की मौत के बाद सब कुछ समाप्त हो गया है परंतु लगता है SC-ST एक्ट का भूत सारी उम्र उनके परिवार को सब कुछ याद दिलाता रहेगा।

ये पहली बार नहीं हुआ है

आपको याद दिला दें की लगभग 1 वर्ष पहले पंजाब के बठिंडा के गांव विर्क कलां की पंचायत द्वारा अनुसूचित जाति के राम सिंह को भैंसा चोरी करने के संदेह में एक साल पहले गांव से परिवार समेत निकाला गया था। जिसके बाद थाना सदर पुलिस में गांव की पूरी पंचायत के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करवा दिया गया था।

https://youtu.be/_8Gk2MIEYuE

इसके साथ ही दमोह के पथरिया थाने के सूखा गांव का प्रताप सिंह लोगों पर SC-ST एक्ट की झूठी FIR दर्ज करवा उन्हें परेशान करता था। 5 लाख नहीं मिलने पर उसने चार लोगों के खिलाफ SC-ST एक्ट के तहत झूठे अपराध दर्ज कराकर उन्हें जेल भिजवा दिया था। ये बात अलग है की बाद में हुई जांच में ये मामले झूठे पर गए थे।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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