Judge same, complainant same, petition same, had earlier left to die, is Nupur Sharma now………..?
मी लॉर्ड कुछ भी कहें वो सही ही कहेंगे क्योंकि वो जज हैं, उनके आगे कौन बोल सकता है ?
नूपुर शर्मा
सनातन 🚩समाचार🌎 जब से ज्ञानवापी मंदिर का मामला शुरू हुआ है तब से लेकर आज तक देश में बहुत कुछ उल्टा सीधा हो चुका है। बताने की आवश्यकता नहीं है इसी सिलसिले में एक टीवी डिबेट में जब नूपुर शर्मा के सामने उसके धर्म के खिलाफ एक मौलाना ने कुछ ना कहने योग्य बातें कह दी तब आवेश में आकर नूपुर शर्मा ने भी उस टीवी डिबेट में कुछ कह दिया जिससे सारे देश में रह रहे हैं मुसलमान नाराज हो गए, और देश के कई कोनों से बहुत सारे मौलवियों द्वारा यह घोषणाएं की गई कि उसका सर्वतान से जुदा कर देंगे। यह बात अलग है कि नूपुर शर्मा के कहने के अनुसार उसने वही कहा है जो लिखा है।
शरीफ दरगाह से उनके कातिलों के तार जुड़े पाए गए
इसके बाद नूपुर शर्मा ने अपने उस बयान के लिए माफी भी मांग ली परंतु बवाल थमा नहीं। उसके बाद दो लोगों के गले काट कर उनका कत्ल भी कर दिया गया, और बहुत सारे लोगों को कत्ल करने को धमकियां भी मिल चुकी हैं। उदयपुर के कन्हैया लाल की हत्या की छानबीन जब आगे बढ़ी तो अजमेर की शरीफ दरगाह से उनके कातिलों के तार जुड़े पाए गए। पुलिस ने जांच करते हुए यह भी पाया कि इस दरगाह के खादिम आतंकवादी संगठन PFI से जुड़े हुए हैं। इन लोगों ने हिंदुओं के देवी देवताओं के ऊपर भद्दी टिप्पणीयां की और अपनी शरीफ दरगाह के मुख्य द्वार पर इन लोगों ने सर तन से जुदा करने के नारे भी लगाए तथा लगवाए।
देश में हो रहे बवाल की जिम्मेदार केवल नूपुर शर्मा
इस सबके बीच नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के कई राज्यों में f.i.r. लिखवा दी गई। कानून के अनुसार कई जगहों पर एक ही मामले में एफआईआर को एक स्थान पर स्थानांतरित करने के बारे में नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई थी जोकि जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सुनी थी। इन जजों ने ना केवल नूपुर शर्मा की अर्जी को खारिज कर दिया था बल्कि नूपुर शर्मा के खिलाफ बहुत सख्त टिप्पणियां भी की थीं, जिसमें उन्होंने सारे देश में हो रहे बवाल की जिम्मेदार केवल नूपुर शर्मा को ही ठहराया था, और उसे अहंकारी भी बताया था। सुप्रीम कोर्ट से इन दो जजों की सख्त टिप्पणियों के बाद सारे देश में उनके खिलाफ बहुत ज्यादा हो हल्ला हुआ और सोशल मीडिया पर तो आज भी उन दो जजों के खिलाफ लोग लिख रहे हैं।
विशेषज्ञों ने न्यायपालिका के इतिहास पर एक काला धब्बा करार दिया था
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय का कहना है कि यह कानून है कि जब एक ही विषय के बारे में कई स्थानों पर एफ आई आर हो जाएं तो उन्हें एक जगह पर क्लब किया जा सकता है। इसके बाद 1 जुलाई, 2022 को उन्होंने अपनी इस याचिका को वापस ले लिया था। वैकेशन बेंच ने उनके बयान को पूरे देश में आग लगाने के लिए जिम्मेदार बताते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था, जिसे न्यायिक विशेषज्ञों ने न्यायपालिका के इतिहास पर एक काला धब्बा करार दिया था। नूपुर शर्मा के खिलाफ कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम और जम्मू कश्मीर में FIR दर्ज किए जा चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट की पिछली टिप्पणियां के बाद उसकी तथा उसके परिवार की जान को खतरा बहुत बढ़ गया है
नूपुर शर्मा पर कुल 9 FIR दर्ज हैं, जिन्हें वो दिल्ली ट्रांसफर करने की माँग कर रही हैं। उनका कहना है कि एक ही मामले में इतनी जगह कार्रवाई प्रताड़ना के समान है। अब नूपुर शर्मा ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में वही अर्जी लगाई है कि उसके खिलाफ देश के कई स्थानों पर हुई एफआईआर को दिल्ली में स्थानांतरित किया जाए। अपनी इस याचिका में नूपुर शर्मा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की पिछली टिप्पणियां के बाद उसकी तथा उसके परिवार की जान को खतरा बहुत बढ़ गया है, तथा उसके साथ बलात्कार करने और सिर काट देने की बहुत सारी धमकियां उसे मिल रही हैं।
बता दे कि नूपुर शर्मा की यह नई याचिका भी उन दो जजों जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस जेबी पारदीवाला के द्वारा ही 19 जुलाई, 2022 को सुनी जाएगी जिन्होंने उसकी पहली याचिका को नकार दिया था, और उसे ही सारे देश का माहौल खराब करने का दोषी करार दे दिया था। ऐसे में यह बहुत बड़ा प्रश्न उठता है की क्या इस बार भी नूपुर शर्मा की याचिका को इन जजों के द्वारा रद्द कर दिया जाएगा ? अथवा क्या यह भी हो सकता है कि इस बार नूपुर शर्मा को कोई सजा ही सुना दी जाएगी ? क्योंकि इन दोनों जजों के द्वारा कहीं गई पिछली टिप्पणियों से तो यही लगता है कि अब नूपुर शर्मा की खैर नहीं है।