“Instead of law, there is a danger that violence should not be replaced by violence – Kashi ji Shri Krishna Janmabhoomi.”
क्या अब हिंदू अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने लगे हैं ?
सनातन🚩समाचार🌎कहते हैं कि इलास्टिक को उतना ही खींचा जाना चाहिए जितना कि वह सहन कर सके और आखिर कहीं टूट ही ना जाए। शायद यही हुआ है हिंदुस्तान में हिंदुओं के साथ, क्योंकि लगातार 70 वर्षों से हिंदुओं पर, हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात होते रहे हैं। दंगों की बात ना करें और नेताओं की बात भी ना करें तो भी ऐसा बहुत कुछ हिंदुओं के साथ हुआ है जिस कारण लगता है कि अब हिंदू बहुत कुछ सोचने को विवश हो गए हैं।
हिंदू मन मसोस कर रह गए
हिंदुओं की आस्था शनि शिगनापुर मंदिर पर कानूनी पेंच फसाया गया तो अदालत के आदेश से शनि शिगनापुर के प्रति हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात कर दिया गया। हिंदुओं के विश्वप्रसिद्ध त्यौहार दीपावली के बारे में भी कानूनी हमला किया गया और दीपावली की खुशियों को कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया गया। हिंदुओं की आस्था दही हांडी पर भी कानूनी चाबुक चलाया गया जिससे हिंदू बहुत आहत हुए। हिंदुओं के विशेष त्योहार होली पर भी बहुत हो-हल्ला किया गया और हिंदू मन मसोस कर रह गए। हिंदुओं की आस्था जलीकट्टू भी प्रबंधित प्रतिबंधित कर दी गई और हिंदू कानून के आगे विवश होकर रह गए, और इसके साथ ही ऐसे बहुत सारे मामले हिंदुओं के साथ हुए जिनसे हिंदुओं को लगने लगा कि अब हिंदुस्तान में भी अस्तित्व खत्म होने को है।
हिंदुओं ने अब कानून का सहारा लिया है
वैसे सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी तो लगी हुई है कि देश के 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। इन सब आक्रमणों के बाद लगता है अब हिंदुओं ने भी कानूनी मोर्चा संभाल लिया है, जिसके चलते अब ऐसे बहुत सारे स्थानों पर कानूनी दावे किए जा रहे हैं जो प्राचीन प्रमाणों के आधार पर हिंदुओं के ही हैं। इस समय दो खास मामले हिंदुओं के द्वारा अदालतों में चलाए जा रहे हैं जिनमें एक है विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ जी का मंदिर और दूसरा है भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली। इन दोनों स्थानों के बारे में हिंदुओं ने अब कानून का सहारा लिया है। बता दें कि काशी विश्वनाथ जी के बारे में अदालत का निर्णय आ चुका है कि यहां बनी ज्ञानवापी मस्जिद की बारीकी से वीडियोग्राफी कराई जाए परंतु मस्जिद से जुड़े लोग इसका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं।
विवादित स्थल पर खुदाई की माँग
इस बारे में मंदिर की ओर से कानूनी कार्रवाई में लगे हुए लोग कह रहे हैं कि शायद उन्हें इस बात का डर है कि कहीं सारी पोल पट्टी ना खुल जाए। इसके साथ ही दूसरी तरफ भगवान श्रीकृष्ण जी की जन्मस्थली मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सुनवाई करने के बाद मथुरा की अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। 13.37 एकड़ की भूमि को लेकर चल रहे विवाद पर कोर्ट अब 19 मई को अपना फाइनल जजमेंट देगा। कोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट की देखरेख में विवादित स्थल पर खुदाई की भी माँग की गई है। दावा है कि अगर खुदाई होती है तो वहाँ पर वही कारागार मिलेगा, जहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
विवादित ईदगाह भी
रिपोर्ट के अनुसार मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण जी की जन्म स्थली पर बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए लंबे समय से माँग की जा रही है। कोर्ट में इसको लेकर याचिका भी दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। मामले में याचिकाकर्ताओं ने अदालत से विवाद स्थल की खुदाई कर उसकी जाँच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की माँग की है। गौरतलब है कि इस याचिका के जरिए 13.37 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मालिकाना हक माँगा जा रहा है। इसमें विवादित ईदगाह भी शामिल है। श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की गई है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि की जमीन को एक समझौते के जरिए मस्जिद को देने का विरोध किया गया है।
जमकर हिंसा की जा रही है
इसमें आरोप लगाया गया है कि इस मामले में हिंदुओं के साथ धोखा करके श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की जमीन को बिना किसी समझौते के शाही ईदगाह को दे दिया गया था। अदालत से माँग की गई है कि अदालत ये घोषित करे कि श्रीकृष्ण जन्म सेवा संस्थान द्वारा 12 अगस्त 1968 ईदगाह के साथ किया गया समझौता बिना किसी क्षेत्राधिकार के किया गया था। यहां तक तो बात ठीक है परंतु जैसा कि पिछले काफी समय से हो रहा है जिसमें हिंदुओं की शोभायात्राओ पर हमले किए जा रहे हैं, पत्थरबाजी की जा रही है, छुरेबाजी की जा रही हैं यानी जमकर हिंसा की जा रही है, तो ऐसे में अब बड़ा खतरा यह है कि कहीं इस हो रही हिंसा के बदले में हिंसा भी ना होने लग जाए। अगर ऐसा हुआ तो यह देश के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होगा।