Attack on holy temple with religious slogans, looting, sabotage, insult of religion, many injured.”

जहां जहां हिंदू घटा वहीं वहीं कटा और मंदिर ध्वस्त।

सनातन🚩समाचार🌎 हिंदुओं के पवित्र मंदिरों पर हमले किए जाने का इतिहास बहुत पुराना है। आज तक ना जाने कितने मंदिरों को विधर्मियो के द्वारा तोड़ा गया है, लूटा गया है और यह क्रम आज भी जारी है। यह अकाट्य सत्य है कि सनातन धर्म में किसी पर भी हमला करना वर्जित है, परंतु यह भी अकाट्य सत्य है कि सनातन धर्म में प्रतिशोध भयंकर प्रतिशोध लेने का विधान भी निश्चित है। भगवान श्री राम जी, श्री कृष्ण जी और मां दुर्गा जी का चरित्र देखें तो यही पता चलता है कि धर्म पर आघात करने वाले से भयंकर प्रतिशोध लेना ही चाहिए, परंतु न जाने क्यों हिंदू इस सबसे अनभिज्ञ हैं, और लगातार अपने टूट रहे मंदिरों को देखते रहते हैं। अपने धर्म का अपमान होते हुए देखते ही रहते हैं। इसी कड़ी में अब फिर से एक नया मामला सामने आया है बांग्लादेश में।

पवित्र हिंदू मंदिर पर हमला

सर्वविदित है कि बंगलादेश कभी हिंदुओं के हिंदुस्तान का ही भाग था परंतु ज्यों ज्यों हिंदू घटते गए त्यों त्यों कटते गए और आखिरकार अब यह स्थिति आ गई है कि अल्पसंख्यक हो चुके हिंदुओं के पूज्य मंदिरों पर निरंतर हमले हो रहे हैं। मां दुर्गा के पंडाल हो अथवा कोई भी धार्मिक आयोजन हो उन पर हमले होना आम हो चुका है। ताजा घटना में बांग्लादेश में एक बार फिर से उग्र कट्टरपंथियों ने पवित्र हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित इस्कॉन राधाकांता मंदिर पर गुरुवार को लगभग 200 से अधिक उन्मादियों की भीड़ ने लूटपाट के साथ तोड़फोड़ भी की। इस दौरान हिंदू समाज के कई लोग घायल हो गए।

मजहबी नारे लगाते हुए मंदिर पर धावा

खबरों के अनुसार, बांग्लादेश सरकार के तमाम दावों के बावजूद वहां अल्पसंख्यक हिंदू कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। यहां एक बार फिर से कट्टरपंथियों ने एक पवित्र हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। ढाका के वारी में 222 लाल मोहन साहा स्ट्रीट में स्थित इस्कॉन राधाकांता मंदिर में गुरुवार की शाम को ये हमला हुआ। हाजी शफीउल्लाह ने अपने साथ आए जनूनि लोगों के साथ मजहबी नारे लगाते हुए इस पवित्र मंदिर पर धावा बोल दिया। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित इस्कॉन राधाकांता मंदिर पर गुरुवार शाम को करीब 200 से ज्यादा लोगों की कट्टरपंथी भीड़ ने लूटपाट के साथ साथ भारी तोड़फोड़ भी की। इस दौरान हिंदू समाज के कई लोग अपने मंदिर को बचाते हुए घायल हो गए। रिपोर्ट्स के अनुसार हमले में सुमंत्र चंद्र श्रवण, निहार हलदार, राजीव भद्र सहित कई धर्म प्रेमी लोग घायल हो गए।

बांग्लादेश में पिछले कुछ साल में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले साल ही नवरात्रि के दौरान कुछ दुर्गा पूजा पंडालों पर कट्टरपंथी लोगों ने मजहबी नारे लगाते हुए हमले किए गए थे। ऐसे में बड़ा सवाल ये पैदा होता है की क्या हिंदू अपने आराध्य देवताओं से कोई प्रेरणा लेंगे ? और अगर लेंगे तो आखिर कब लेंगे ? ? ?

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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