“Magh month is sacred, know its importance and know what to do in this month will bring virtue and what is forbidden ?”
सृष्टि के आदि से है सनातन धर्म और इसके नियम हैं पूरी तरह वैज्ञानिक।
सनातन 🚩समाचार🌎 यूं तो सनातन धर्म में हर महीने हर सप्ताह और हर 1 दिन का एक विशेष महत्व है जिनकी चर्चा एक साथ करना काफी कठिन कार्य है इसलिए आज चर्चा करेंगे अभी चल रहे माघ मास की बताने की आवश्यकता नहीं है कि सनातनी हिंदू पंचांग के अनुसार हम हिंदुओं के महीनों के नाम जनवरी-फरवरी नहीं बल्कि कुछ और हैं। विदेशी कैलेंडर के अनुसार 7 जनवरी से शुरू हो चुके माघ मास में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं। इस बार माघ का महीना 7 जनवरी से 5 फरवरी तक रहेगा। माघ मास हिंदू कलैंडर का 11वां महीना है।
आइए जानने का प्रयास करते हैं विदेशी कैलेंडर के अनुसार 7 जनवरी से शुरू हो चुके माघ मास के बारे में ……
पवित्र पुराणों में इस मास को स्नान-दान का मास माना गया है। माघ महीने का समापन 5 फरवरी 2023 को माघी पूर्णिमा के दिन होगा। शास्त्रों द्वारा इस महीने में श्रीकृष्ण, मां गंगा और सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। माघ महीने में कुछ विशेष कार्य करने से ईश्वर भक्तों के तमाम पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं, उन्हें सुख, ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में माघ मास के नियम बताए गए हैं. आइए जानते है माघ माह में क्या करें ? और क्या नहीं।
पहले जानते हैं माघ मास का महत्व …..
🚩माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति। प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापानुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः॥
पद्मपुराण में माघ मास के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि श्रीहरि विष्णु को पूजा से उतनी प्रसन्नता प्राप्त नहीं होती जितनी इस माह में गंगा स्नान से वह खुश होते हैं। पौराणिक विवरण के अनुसार माघ मास में गौतम ऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया था। फिर इंद्र देव ने प्रायश्चित करने के लिए इसी माह में श्री गंगा स्नान किया था और उसके बाद इंद्रदेव को श्राप से मुक्ति मिल गई थी।
माघ महीने में स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस माह में श्री गंगा जी में स्नान करने से व्यक्ति के वर्तमान और पिछले जन्म के पाप भी धुल जाते हैं। ये भी मान्यता है कि माघ माह में देवता धरती पर आकर मनुष्य रूप धारण कर प्रयाग जी में स्नान करते हैं।
🚩माघ माह में करने योग्य कार्य …..
माघ मास में रोजाना सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें और नियमित रूप से श्रीकृष्ण जी की पूजा करें। माघ मास का संबंध श्रीकृष्ण जी के माधव स्वरुप से है, इसमें प्रतिदिन मधुराष्टक का पाठ करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है, और ग्रह और वास्तु दोष खत्म होते हैं।
माघ माह में किया दान स्वर्ण दान करने के समान माना जाता है। इस मास में अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कंबल, घी, श्रीमद्भगवद्गीता, गेहूं, जल का दान करना चाहिए। द्वार पर आए किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं इससे शनि दोष लगता है।
दान हमेशा ऐसे व्यक्ति को देना चाहिए जिसे उसकी असल में जरूरत हो।
दान में दी जाने वाली सभी चीजें उत्तम कोटि की होना चाहिए।
दान में कभी भी मांस, मदिरा या नुकीली चीजें नहीं देनी चाहिए।
दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि मुझे ये वस्तु भगवान जी के द्वारा ही दी हुई है।
दान देते समय किसी भी व्यक्ति के लिए आपके मन में द्वेष नहीं होना चाहिए।
माघ मास में एक समय भोजन करना चाहिए इससे आरोग्य का वरदान मिलता है। इस पूरे मास में तिल और गुड़ का प्रयोग करने से आर्थिक समस्या दूर होती है, और स्वास्थ लाभ मिलता है। तिल से पूजा, स्नान, दान, सेवन, करने पर खुशियों का आगमन होता है।
🚩इस महीने में श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, श्रीमद्भगवद्गीता जी का पाठ करने से बृहस्पति जी की कृपा प्राप्त होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और साथ ही संतान संबंधी परेशानियां दूर होती है।
माघ माह में क्या न करें ?
माघ मास में भूमि शयन करना चाहिए, साथ ही शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
देर तक सोना, स्नान न करना इस माह में वर्जित है।
माघ मास में तले हुए गरिष्ठ भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
माघ का महीने में पूजा,पाठ, अनुष्ठान, जप, तप का फल तभी मिलता है जब व्यक्ति मिथ्या कटुवचन, ईर्ष्या, लालच, का त्याग करे।
🚩ॐ ॐ सर्वे हिंदू भवन्तु सुखिनः ॐ ॐ🚩