“Are you a Hindu, if so, do you know all this, if not, then this is for you only.”
सनातन धर्म अति प्राचीन, अर्वाचीन धर्म है। इसमें 33 कोटि/प्रकार के देवी देवता हैं और सबकी अपनी अपनी महिमा तथा मंत्र हैं।
सनातन 🚩समाचार🌎 यह सनातन धर्म की महानता है की इस को मानने वाले लोग हर प्रकार से अपना कल्याण कर सकते हैं। किसी को धन की आवश्यकता है तो वह लक्ष्मी जी की पूजा कर सकते हैं। किसी को शौर्य की आवश्यकता है तो वह महावीर भगवान श्री कृष्ण जी की आराधना कर सकता है। किसी को शक्ति की आवश्यकता है तो वह शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा जी की स्तुति कर सकता है।
हिंदुओं के यह सभी देवी देवता 33 प्रकार के देवी देवताओं में गिने जाते हैं, परंतु यह आवश्यक है कि आपको यह ज्ञात होना चाहिए कि किस देवी अथवा देवता का ऐसा कौन सा मंत्र है जिसको जपने से उनकी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। संभव है कि आपको इन सभी मंत्रों की जानकारी हो। अगर है तो भी और नहीं है तो भी इन दिव्य मंत्रों को अपने कल्याण के लिए बारंबार अवश्य पढ़ते और जपते रहना चाहिए।
🚩ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
🙏यह दिव्य मंत्र जो हर हिंदू को सीखने ही चाहिएं।
🙏यह दिव्य मंत्र जो हर हिंदू को सीखने ही चाहिएं।
- श्री महादेव जी
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्!! - श्री गणेश जी
वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा!!
- श्री हरी विष्णु जी
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
- श्री ब्रह्मा जी
ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा नमस्ते परमात्ने।
निर्गुणाय नमस्तुभ्यं सदुयाय नमो नम:।।
- श्री कृष्ण जी
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।।
- श्री राम जी
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
- मां दुर्गा जी
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते
- मां महालक्ष्मी जी
ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।
- मां सरस्वती
ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।
- मां महाकाली
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हलीं ह्रीं खं स्फोटय क्रीं
क्रीं क्रीं फट !!
- श्री हनुमान जी
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
- श्री शनिदेव जी
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||
- श्री कार्तिकेय
ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा, देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते
- काल भैरव
ॐ ह्रीं वां बटुकाये क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणाये कुरु कुरु बटुकाये ह्रीं बटुकाये स्वाहा
- गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
🚩🙏🚩🙏🚩🙏
सत्य सनातन धर्म की जय हो